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हॉन्ग कॉन्गः प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे

<figure> <img alt="हॉन्ग कॉन्ग" src="https://c.files.bbci.co.uk/17E56/production/_108087879_mediaitem108085844.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p>लोकतंत्र समर्थकों की बड़ी रैली पर हॉन्ग कॉन्ग पुलिस ने शनिवार को आंसू गैस के गोले छोड़े हैं.</p><p>पिछले सप्ताह नकाबपोश हथियारबंद लोगों के हमले के ख़िलाफ़ ये प्रदर्शनकारी उत्तरी ज़िले यूएन लोंग में मार्च कर रहे थे. </p><p>आरोप है कि पुलिस ने इस हमले को नज़रअंदाज़ […]

<figure> <img alt="हॉन्ग कॉन्ग" src="https://c.files.bbci.co.uk/17E56/production/_108087879_mediaitem108085844.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p>लोकतंत्र समर्थकों की बड़ी रैली पर हॉन्ग कॉन्ग पुलिस ने शनिवार को आंसू गैस के गोले छोड़े हैं.</p><p>पिछले सप्ताह नकाबपोश हथियारबंद लोगों के हमले के ख़िलाफ़ ये प्रदर्शनकारी उत्तरी ज़िले यूएन लोंग में मार्च कर रहे थे. </p><p>आरोप है कि पुलिस ने इस हमले को नज़रअंदाज़ किया था और हमलावरों के साथ कथित साठगांठ की, जिसका पुलिस ने खंडन किया है.</p><p>हॉन्ग कॉन्ग में पिछले सात हफ़्तों से सरकार के ख़िलाफ़ और लोकतंत्र के समर्थन में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं.</p><p>ये विरोध प्रदर्शन एक विवादित विधेयक के लाए जाने के ख़िलाफ़ शुरु हुए थे जिसमें प्रवाधान किया गया था कि अपराधियों को चीन में मुकदमा चलाने के लिए प्रत्यर्पित किया जाएगा.</p><p>हालांकि सरकार ने इस विधेयक को रोक लिया है लेकिन प्रदर्शनकारी अब पुलिसिया हिंसा की जांच कराए जाने की मांग कर रहे हैं. </p><p>इसके अलावा लोकतांत्रिक सुधार और हॉन्ग कॉन्ग के नेता कैरी लैम के इस्तीफ़े की भी मांग हो रही है. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49065457?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">हॉन्ग कॉन्ग: रेलवे स्टेशन पर आम लोगों की पिटाई</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/48834790?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">हॉन्ग कॉन्ग की संसद में घुसे प्रदर्शनकारी, की तोड़फोड़</a></li> </ul><figure> <img alt="हॉन्ग कॉन्ग" src="https://c.files.bbci.co.uk/0116/production/_108087200_a0f7d3c1-d8a0-416b-8cf0-78dd250a580e.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> <figcaption>पुलिस की गाड़ी पर प्रदर्शनकारियों का हमला.</figcaption> </figure><p><strong>पुलिस ने रैली पर प्रतिबंध क्यों लगाया</strong><strong>?</strong></p><p>शनिवार को आयोजित मार्च की इजाज़त पुलिस ने नहीं दी थी. ये एक अपवाद था क्योंकि आम तौर पर यहां प्रदर्शनों को इजाज़त दे दी जाती है. </p><p>पुलिस का कहना है कि उन्होंने इसलिए मंजूरी नहीं दी क्योंकि उन्हें हिंसा की आशंका थी. </p><p>बीते रविवार को प्रदर्शनकारियों पर हुए हमले के विरोध में ये मार्च आयोजित किया गया था. </p><p>युएन लोंग मेट्रो स्टेशन के पास 100 लोग इकट्ठा हो गए और उन्होंने लकड़ी और लोहे के डंडों से प्रदर्शनकारियों, राहगीरों और पत्रकारों पर हमला बोल दिया. </p><p>इस हमले में 45 लोग घायल हुए थे और इसके लिए एक ट्राएड गैंग पर आरोप लगे.</p><p>युएन लोंग हॉन्ग कॉन्ग के ग्रामीण इलाक़े और उत्तर में चीन के मुख्य इलाक़े के पास स्थित है. </p><p>माना जाता है कि ट्राएड गैंग इस इलाक़े में सक्रिय है. स्थानीय ग्रामीण भी लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों के ख़िलाफ़ विरोध ज़ाहिर कर चुके हैं. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-48726831?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">प्रदर्शनकारियों ने पुलिस मुख्यालय को घेरा</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-48606406?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">हॉन्ग कॉन्गः प्रदर्शनकारियों पर रबर की गोलियां </a></li> </ul><figure> <img alt="हॉन्ग कॉन्ग" src="https://c.files.bbci.co.uk/611A/production/_108085842_16a1e038-142f-4889-8394-5357abeef69e.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><h1>हिंसा कैसे शुरू हुई?</h1><p>शनिवार को पुलिस के आदेश को नज़रअंदाज़ करते हुए हज़ारों प्रदर्शनकारियों ने युएन लोंग की ओर बढ़ना शुरू कर दिया. </p><p>इस दौरान पुलिस सतर्क थी और दंगा नियंत्रक पुलिस को भी तैयार रखा गया था. </p><p>पुलिस का कहना है कि कुछ प्रदर्शनकारी लोहे के रॉड लिए हुए थे और वे सड़क पर लगी रुकावटों को हटा रहे थे. </p><p>पुलिस के अनुसार, कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की एक गाड़ी को घेर लिया और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे उसमें सवार पुलिस अधिकारियों की जान को ख़तरा पैदा हो गया. </p><p>इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे. </p><p>मास्क पहने प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर प्लास्टिक की बोतलें और जो भी हाथ में आया, उसे फेंका, लेकिन उन्होंने एम्बुलेंस को जाने के लिए रास्ता दे दिया. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-48841018?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">हॉन्गकॉन्ग में प्रदर्शन पर चीन आग बबूला</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-48689293?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">हॉन्गकॉन्ग क्या पूरी तरह से चीन का हो पाएगा </a></li> </ul><figure> <img alt="हॉन्ग कॉन्ग" src="https://c.files.bbci.co.uk/49BE/production/_108087881_mediaitem108085839.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> </figure><h1>प्रदर्शनकारी पुलिस से क्यों नाराज़ हैं?</h1><p>प्रदर्शनकारी पुलिसिया हिंसा की स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि पुलिस ने प्रत्यर्पण विरोधी और लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों पर ज़रूरत से ज़्यादा बल प्रयोग किया है. </p><p>प्रदर्शनकारियों का कहना है कि रविवार को जब संदिग्ध ट्राएड गैंग का हमला हुआ तो इमरजेंसी कॉल्स का जवाब देने में पुलिस ने देरी बरती और घटना स्थल पर तब पहुंची जब हमलावार फरार हो चुके थे. </p><p>प्रदर्शनकारियों और लोकतंत्र समर्थक सांसदों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि सरकार समर्थक सांसदों और पुलिस को इस हमले की पहले से जानकारी थी. </p><p>युएन लोंग के एक निवासी ने बीबीसी को बताया कि पुलिस बल में काम करने वाले एक रिश्तेदार ने हमले से पहले उन्हें काले कपड़े न पहनने की चेतावनी दी थी. </p><p>पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि हमलावरों के साथ साठ गांठ के आरोप उन्हें बदनाम करने के लिए लगाए जा रहे हैं. </p><p>रविवार को हुए हमले के मामले में अभी तक 12 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जिनमें 9 लोग ट्राएड गैंग से जुड़े बताए जा रहे हैं. </p><p>शुक्रवार को हॉन्ग कॉन्ग के उप नेता मैथ्यू शेउंग ने इसके लिए माफ़ी भी मांगी थी और पुलिस की नाकामी की बात स्वीकार की थी. </p><figure> <img alt="टायरेड्स गैंग के हमलावर" src="https://c.files.bbci.co.uk/E5FE/production/_108087885_921e6957-64c4-457b-af91-d5bd01365d11.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p>हालांकि उनके माफ़ीनामे से पुलिस अधिकारियों में असंतोष पैदा हो गया. </p><p>हॉन्ग कॉन्ग पुलिस इंस्पेक्टर एसोसिएशन ने एक खुले पत्र में कहा है कि ‘पिछले कुछ महीने से उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं और भला बुरा कहा जा रहा है. ड्यूटी के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर अपमानित होना पड़ता है. क़ानून व्यवस्था को बनाए रखने में हमारी कोशिशों को बिल्कुल भुला दिया जा रहा है.’ </p><p>पुलिस की एक बड़ी समस्या ये भी है कि बीजिंग समर्थक ग्रुपों और प्रदर्शनकारियों में तनाव लगातार बढ़ रहा है.</p><p>इस सप्ताह की शुरुआत में बीजिंग समर्थक सांसद जुनियस हो के कार्यालय पर हमला बोल कर उसे तहस नहस कर दिया गया और उनके माता पिता की कब्र को भी क्षति पहुंचाई गई. </p><p>उनकी तब तीखी आलोचना शुरू हुई जब एक वीडियो सामने आया जिसमें वो हमले के पहले सफेद शर्ट पहने लोगों से हाथ मिलाते दिखाई दे रहे हैं. </p><p>उन्होंने कहा कि हमले के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता लेकिन उन लोगों का उन्होंने ये कहते हुए बचाव किया कि वे अपने घर और लोगों को बचा रहे थे. </p><p>रॉयटर्स समाचार एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, युएन लोंग हमले के पहले चीनी सरकार के अधिकारी गांव में दिखे थे और प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए लोगों को अपने घर बचाने के नाम पर उकसाया था. </p><p>हालांकि चीन के लायज़न आफ़िस ने इसे अफ़वाह बताकर इसका खंडन किया है. </p><figure> <img alt="हॉन्ग कॉन्ग" src="https://c.files.bbci.co.uk/97DE/production/_108087883_64b64836-e721-407b-816b-4f4a87f9c02f.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><h1>घटनाक्रम</h1><p><strong>3 अप्रैल-</strong> हॉन्ग कॉन्ग ने प्रत्यर्पण से सबंधित क़ानून पेश किया. </p><p><strong>9 जून-</strong> एक अनुमान के मुताबिक क़रीब 10 लाख लोगों ने इस क़ानून के ख़िलाफ़ सरकारी मुख्यालय की ओर मार्च किया. </p><p><strong>12 जून</strong><strong>-</strong> प्रत्यर्पण विरोधी प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर बैरिकेड खड़ा कर दिए और सरकारी इमारत को अपने कब्ज़े में लेने की कोशिश की. पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां फ़ायर कीं. </p><p><strong>15 जून-</strong> हॉन्ग कॉन्ग के नेता कैरी लैम ने इस क़ानून को रोकने के आदेश दिए. </p><p><strong>16 जून-</strong> इस दौरान एक अनुमान के मुताबिक 20 लाख लोग सड़कों पर उतरे. </p><p><strong>21 जून</strong><strong>-</strong> पुलिस के ख़िलाफ़ लोगों का गुस्सा भड़का और उन्होंने पुलिस मुख्यालय को 15 घंटे तक घेरे रखा. </p><p><strong>1 जुलाई-</strong> ब्रिटेन की ओर से चीन को हॉन्ग कॉन्ग सौंपने की सालगिरह पर प्रदर्शनकारियों ने विधान परिषद की इमारत पर हमला कर दिया. </p><p><strong>21 जुलाई</strong><strong>-</strong> प्रदर्शनकारियों ने हॉन्ग कॉन्ग के लाइज़न के कार्यालय पर पेंट पोत दिया. उसी रात सफेद शर्ट पहने लोगों ने प्रदर्शनरकारियों पर हमला बोला था. </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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