डॉ अनिल सेठी, मोटिवेटर एंड काउंसेलर
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लक्ष्य पाने के लिए अनुशासन जरूरी
डॉ अनिल सेठी, मोटिवेटर एंड काउंसेलर Qमैं यूपीएससी की तैयारी कर रहा हूं. मोबाइल, दोस्तों और खेल से अपने आप को कैसे बचाऊं. -भरत मिश्रा आज के इंटरनेट युग में व्हॉट्सएप, फेसबुक जैसे माध्यमों से बचना बहुत मुश्किल है. लेकिन, अगर आपको अपने लक्ष्य को पाना है, तो अनुशासित होना ही पड़ेगा. जीवन में कुछ […]
Qमैं यूपीएससी की तैयारी कर रहा हूं. मोबाइल, दोस्तों और खेल से अपने आप को कैसे बचाऊं.
-भरत मिश्रा
आज के इंटरनेट युग में व्हॉट्सएप, फेसबुक जैसे माध्यमों से बचना बहुत मुश्किल है. लेकिन, अगर आपको अपने लक्ष्य को पाना है, तो अनुशासित होना ही पड़ेगा. जीवन में कुछ भी प्राप्त करने के लिए अनुशासन, लगन और कठोर परिश्रम की आवश्यकता होती है. अगर आप यूपीएससी परीक्षा पास किये हुए किसी व्यक्ति से मिल सकें, तो आपको ज्यादा जल्दी सभी बातों का ज्ञान होगा. अधिकता हर चीज की बुरी होती है. संतुलित दिनचर्या का पालन करें़ अगर आप दिन में एक घंटा मित्रों या खेलने या सोशल मीडिया के लिए निकालें, छह से सात घंटे सोने और एक घंटा खाने के लिए, बाकी बचे हुए समय में दो घंटे के स्लैब्स में विषयों और जनरल नॉलेज पर समय लगायें. हर दो घंटे के बाद 15 मिनट का ब्रेक जरूर लें. अगर अावश्यकता हो तो टीचर या कोचिंग की सहायता भी लें.
Qमैंने इस वर्ष 82 प्रतिशत अंकों के साथ दसवीं पास की है. जेईई की तैयारी करना चाहता हूं. कृपया मार्गदर्शन करें.
-विकास बंधन
आज के प्रतिस्पर्धी वातावरण में ग्यारहवीं और बारहवीं के साथ ही इंजीनियरिंग के एंट्रेंस की तैयारी एक आम बात है. अगर आपका फोकस अच्छे संस्थान से इंजीनियरिंग करना है, तो टाइम मैनेजमेंट बेहतर कर स्कूल की पढ़ाई के साथ एंट्रेंस की तैयारी कर सकते हैं. इसके लिए आपको सबसे पहले पिछले कुछ वर्षों के प्रश्नपत्रों को हल करना और समझना होगा़ तैयारी के लिए एनसीईआरटी की पुस्तकों से ही पढ़ाई करना बेहतर होगा. आप जरूरत समझें (अपने टीचर्स और अभिवावकों से विचार-विमर्श के बाद), तो कोचिंग भी ज्वॉइन कर सकते हैं. उससे आपको योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई करने में मदद मिलेगी. लेकिन कोचिंग ज्वॉइन करना जरूरी नहीं है.
Qमैं बारहवीं का छात्र हूं. न्यूज एंकर के रूप में करियर बनाना चाहता हूं. इसकी तैयारी कैसे करूं?
– सुनील कुमार
अगर आपका लक्ष्य निर्धारित है, तो अब आपको एक अच्छे प्लान की आवश्यकता है. सबसे पहले तो आपको भाषा का ज्ञान और उस पर पकड़ होनी जरूरी है. अगर आप स्कूल/ कॉलेज में हैं, तो स्टेज से जुड़ें और अनाउंसर, प्ले, डिबेट प्रतिस्पर्धा में बढ़-चढ़ कर भाग लें, यह आपके लिए करियर का मजबूत फाउंडेशन होगा. आज के दौर में न्यूज एंकर बनने के लिए बहुत अधिक परिश्रम की आवश्यकता है, क्योंकि इस क्षेत्र में कंपीटिशन बहुत है. आप ग्रेजुएशन इन मास कम्युनिकेशन या जर्नलिज्म के साथ चाहें तो न्यूज एंकर के लिए सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकते हैं. उसके बाद आपकी मेहनत ही आपको आगे ले जा सकती है. इसके अलावा भावनाओं को व्यक्त करने की क्षमता, दर्शकों से कनेक्ट करने की कला भी बहुत जरूरी है. आजकल बहुत से न्यूज चैनल्स के मीडिया इंस्टीट्यूट भी उपलब्ध हैं. आप जिस भी संस्थान से पढ़ाई करें, वहां देखें कि आपको प्रैक्टिकल करने का मौका कितना मिल रहा है, क्योंकि यह करने की विद्या है.
Qमैं 12वीं आर्ट्स का छात्र हूं, क्या आगे जॉब के साथ कंप्यूटर साॅफ्टवेयर का कोर्स कर सकता हूं?
– मुकेश कुमार
आप 12वीं के बाद कंप्यूटर का बेसिक कोर्स कर लेते हैं, तो के कंप्यूटर के क्षेत्र में जॉब के साथ-साथ डिस्टेंस एजुकेशन से बीसीए/ बीएससी-आईटी जैसे कोर्स करके अपने करियर में आगे बढ़ सकते हैं. साथ ही आप अपने पर्सनैलिटी डेवलपमेंट, कम्युनिकेशन स्किल और जनरल नॉलेज पर भी ध्यान दें, तो और भी अच्छा होगा.
Qमैं इंग्लिश ऑनर्स कर रहा हूं. मुझे अच्छे करियर के लिए क्या करना चाहिए?
– अंचित डे
इंग्लिश ऑनर्स से ग्रेजुएशन के बाद बहुत से करियर विकल्प उपलब्ध हैं- कंटेंट राइटर, रिपोर्टर, रिसर्च एनालिस्ट, पीआर/एडवर्टीजमेंट आदि. आप किसी विदेशी भाषा जैसे फ्रेंच, स्पेनिश, जैपनीज, जर्मन आदि का कोर्स कर लेतें हैं, तो ट्रांसलेटर, इंटरनेशनल बिजनेस जैसे करियर में आगे बढ़ सकते हैं. मास कम्युनिकेशन का कोर्स करके मीडिया के क्षेत्र में मजबूत करियर बनाने का भी विकल्प है.
000स्वरोजगार के िलए खुद को करें तैयार
डॉ सुधा उपाध्याय, दिल्ली विश्वविद्यालय
अा ज बहुत से ऐसे लोग मिसाल के तौर पर देखे जा सकते हैं, जिन्होंने नौकरी की परेशानियों से तंग आकर अपने लिए अलग रास्ता चुनने का फैसला किया. इन लोगों ने नौकरी छोड़ स्वरोजगार को अपनाना शुरू किया और कोशिश करते-करते सफलता हासिल करते गये. आलम यह है कि आज की तारीख में हर सजग शख्स स्वरोजगार के लिए कोशिश जरूर करता है.
अलग राह बनाने की कोशिश करें
क्रिएटिविटी एंटरप्रेन्योरशिप की बुनियाद है. आप जितने रचनात्मक होंगे, उतना ही अलग सोचने और करने की कोशिश करेंगे. अलग का मतलब, आउट ऑफ बॉक्स. इसलिए जरूरत है कुछ नया सोचने की. इसके लिए कुछ अलग तरह की किताबें पढ़ें. दूसरी भाषाओं की फिल्में देखें. अनजान जगहों पर यात्रा करें. अपने सर्किल के बाहर के लोगों से बात करें. पता नहीं कहां नया आइडिया और नयी राह मिल जाये.
अपना रोजगार शुरू करें
अपना रोजगार शुरू करने का मतलब-खुद से अनुभव करना और उससे सीख लेकर आगे बढ़ने की प्रक्रिया में जुटे रहना. किसी और की कंपनी को मंजिल पर पहुंचाने से अच्छा है, खुद का रोजगार करें. हो सकता है कि शुरुआत में रफ्तार कम रहे, पर घबराने की जरूरत नहीं. डटे रहेंगे, जूझते रहेंगे, तो अपने रोजगार को एक न एक दिन मुकाम पर जरूर ले जायेंगे.
चुनौतियों का सामना करें
एक बात तय है कि आपका चुनौतियों से लगातार सामना होगा. अगर डर कर भाग निकले, तो सिर्फ पछतावा मिलेगा और डटकर खड़े रहे, उसे मात देने की कोशिश करते रहे, तो फिर तरक्की मिलेगी. अपने बिजनेस के लिए एक मंजिल बनायें. उस मंजिल तक पहुंचने के लिए जरूरी सामान इकट्ठा करें. चुनौतियों से लड़ने की आपकी तैयारी जितनी अच्छी होगी, मंजिल करीब दिखने लगेगी.
सफलता में देरी से न घबरायें
स्वरोजगार में कई बार अनगिनत असफलताओं से गुजरने के बाद सफलता मिलती है. इसलिए असफल होने पर हिम्मत नहीं हारना है. कोशिश जारी रखनी है. संभव है कि दूसरों की तरह आपकी जिंदगी आराम और सुकून में न कट रही हो, पर इससे घबराने की जरूरत नहीं. जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके, अपने रोजगार से संबंधित काम करना है.
आर्थिक स्थिति को मैनेज करें
अपनी कंपनी चलाते समय कोशिश करें कि फिजूल खर्च न हो. क्या पता सफलता में अभी कितना वक्त लगे और कहां पैसे की जरूरत पड़ जाये. जितना लो प्रोफाइल होकर अपना काम करेंगे, सफलता की गारंटी उतनी बढ़ेगी. टैक्स के बारे में भी जानकारी हासिल कीजिये. कहते हैं पहले बिजनेस का मतलब होता था, बिना पैसे लगाये बिजनेस खड़ा करना. पर आज की तारीख में वो संभव नहीं है.
वॉलंटियर के साथ जुड़ें
अपने काम को लोगों तक पहुंचाने के लिए जरूरी है, वॉलंटियर्स से साथ जुड़ना. ताकि वॉलंटियर्स आपके प्रोजेक्ट के बारे में दूसरों को बता सकें और स्थानीय लोगों को उससे जोड़ सके. अगर स्थानीय लोग जुड़ने लगते हैं, तो आप कंपनी की तरफ से उनके साथ कोई कार्यक्रम कर सकते हैं. इससे आप अपने काम और आइडिया को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकते हैं.
कम्युनिकेशन बेहतर करें
यह जानना आवश्यक है कि आप दूसरों से कम्युनिकेशन किस तरह करते हैं. उनसे बातचीत कैसे करते हैं या मेल पर किस तरह से संपर्क में रहते हैं. आप अपनी बात रख पाते हैं
या नहीं? दूसरों को अपनी बात आसानी से समझा पाते हैं या नहीं? अगर नहीं, तो इसके लिए तत्काल प्रभाव से काम शुरू कर दीजिए.
खुद के काम को बेचने की कला
क्या आप अपने काम से सामनेवाले को इंप्रेस कर सकते हैं? अगर नहीं तो सेल्समैन की बारीकियों को सीखें, समझें और व्यवहार में लायें, क्योंकि अगर आप अपनी चीज को सामनेवाले को बेच ही नहीं पा रहे हैं, तो फिर सारी मेहनत पर पानी फिर जायेगा.
स्वरोजगार से जुड़े कार्यक्रमों में जायें
ऐसे कार्यक्रम का हिस्सा जरूर बनें, जहां स्वरोजगार से जुड़े एक्सपर्ट आते हैं और आगे बढ़ने के तरीकों पर बातचीत करते हैं. इससे आप को अपने रोजगार में आगे बढ़ने का रास्ता मिलेगा. ऐसे कार्यक्रमो में आये दूसरे लोगों से जुड़ने का मौका भी मिलेगा.
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