इस्लामाबाद : पाकिस्तानी मीडिया में सोमवार को आयी खबरों के अनुसार पाकिस्तान बीजिंग में उच्च स्तरीय बैठक से इतर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री इमरान के बीच द्विपक्षीय बैठक को लेकर रूस को राजी नहीं कर सका, जिसे एक बड़े कूटनीतिक झटके के तौर पर देखा जाना चाहिए.
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली क्विंग के साथ अपनी बैठक के अलावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री सिर्फ इथियोपिया के प्रधानमंत्री आबी अहमद अली और तजाकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान से ही मुलाकात कर सके, जबकि दो दिवसीय बेल्ट एंड रोड फोरम (बीआरएफ) में हिस्सा लेने के लिए 37 देशों के प्रमुख आये थे. बैठक रविवार को संपन्न हो गयी. इसके अनुसार, सरकार की ओर से अभी कोई जवाब नहीं आया है कि आखिर खान और दुनिया के अन्य नेताओं के बीच अधिक द्विपक्षीय बैठकें क्यों नहीं हो सकीं. इमरान की यात्रा से पहले पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा था कि वह न सिर्फ बीआरएफ में शिरकत करेंगे, बल्कि राष्ट्रपति शी द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन से इतर ‘कई देशों/सरकारों के राष्ट्राध्यक्षों और वाणिज्यिक एवं व्यावसायिक नेताओं से मुलाकात करेंगे.
बीआरएफ से इतर खान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की अध्यक्ष क्रिस्टीन लैगार्ड और विश्व बैंक की सीईओ क्रिस्टलीना जॉर्जीवा से अलग-अलग मुलाकात की तथा वित्तीय संकट से उबरने में दोनों वैश्विक नेताओं की मदद से पाकिस्तान के प्रयासों के बारे में चर्चा की. अखबार ने लिखा, पुतिन और प्रधानमंत्री खान के बीच मुलाकात की व्यवस्था करने में नाकामी पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा झटका है. क्रिकेटर से नेता बने इमारान खान के पिछले साल अगस्त में प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद बीआरएफ एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन था. आधिकारिक सूत्रों का हवाला देते हुए अखबार ने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के लिए रूस से अनुरोध किया था हालांकि इस पर अमल नहीं किया जा सका.
संपर्क करने पर विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने मुहम्मद फैसल ने कहा कि इमरान और पुतिन के बीच मुलाकात को लेकर ऐसे किसी अनुरोध के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. हालांकि, पूर्व राजनयिकों ने बीजिंग में प्रधानमंत्री खान के साथ दुनिया के देशों के नेताओं के बीच बैठकों के आयोजन में पाकिस्तान की नाकामी पर हैरानी जतायी. पूर्व राजदूत अब्दुल बासित ने कहा, मैं कल्पना नहीं कर सकता कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय मुलाकात को लेकर हमारी ओर से चूक हुई. भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त बासित ने अखबार को कहा, हो सकता है पुतिन की व्यस्तता अधिक रही हो जिसकी वजह से यह संभव नहीं हो पाया हो. इसके अलावा कोई और वजह होगी, मैं इसकी कल्पना नहीं कर सकता. हालांकि, अन्य पूर्व राजनयिक ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि यह साफ तौर पर पाकिस्तान की कूटनीतिक नाकामी है. एक सूत्र ने रूस और भारत की करीबी मित्रता का हवाला देते हुए कहा, हो सकता है रूस इस मंच से भारत को गलत संदेश नहीं भेजना चाहता हो.