इस्लामाबाद : नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से मिलने वाले महत्वपूर्ण राहत पैकेज पर समझौता होने से पहले गुरुवार को इस्तीफा दे दिया. उमर आईएमएफ से राहत पैकेज दिलाने के लिए चल रही बातचीत में पाकिस्तान की अगुवाई कर रहे थे.
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार और विशेष तौर से वित्त मंत्री उमर खराब आर्थिक हालात को लेकर लगातार विपक्षी दलों, कारोबार जगत और लोगों के निशाने पर थे. उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा उन्हें वित्त मंत्रालय से हटाकर ऊर्जा मंत्रालय का कार्यभार देने की पेशकश के बाद इस्तीफा दे दिया.
उमर हाल ही में आईएमएफ के साथ चर्चा के बाद अमेरिका से वापस लौटे हैं. उन्होंने कहा कि वह मंत्रिमंडल में कोई भी पद नहीं लेने को लेकर प्रधानमंत्री की सहमति ले चुके हैं. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल की योजना के तहत प्रधानमंत्री चाहते थे कि मैं कि वित्त मंत्रालय की जगह ऊर्जा मंत्रालय का काम संभालूं. हालांकि, मैंने मंत्रिमंडल में कोई भी पद नहीं लेने पर उनकी (प्रधानमंत्री की) सहमति ले ली है.
उमर ने बाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए यह मुश्किल निर्णय लेने का समय है और मुझे उम्मीद है कि मेरे हटने से उनके प्रयासों को बल मिलेगा. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं मालूम कि मुझे हटाये जाने के पीछे कोई साजिश है या नहीं, लेकिन मैं इतना जानता हूं कि हमारे कप्तान (इमरान खान) मुझे ऊर्जा मंत्रालय संभालते देखना चाहते थे. मुझे नहीं लगता कि यह अच्छा था, सो मैंने मना कर दिया.
उमर ने कहा कि हमने पहले से अपेक्षाकृत बेहतर शर्तों पर आईएमएफ से करार किया. यह मुश्किल निर्णय लेने का समय है. मैंने मुश्किल निर्णय लिये, मैंने वैसे निर्णय लेने से इनकार कर दिया, जो देश को बर्बाद कर देते. अपने प्रदर्शन का बचाव करते हुए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कौन कहता है कि मैं उन चीजों को पाने में असफल रहा, जो हम पाना चाहते थे?