इटली के डिफेंडर जॉर्जियो किएलीनी को काट खाने के बाद उरुग्वे के लुई सुआरेज़ एक बार फिर विश्व कप की सुर्खी बन गए हैं.
बीबीसी स्पोर्ट ने इस टूर्नामेंट के इतिहास की अन्य 11 विवादास्पद घटनाओं को चुना है-
1- ज़िनेदिन ज़िदान का मार्को मातेरात्ज़ी को सिर से मारना
बर्लिन में 2006 के विश्व कप फ़ाइनल में फ्रांस के कप्तान ज़िनेदिन ज़िदान ने इटली के मार्को मातेरात्ज़ी की छाती में अपना सिर दे मारा. इसके बाद उन्हें होरोसियो एलिज़ोंडो ने चौथी बार आधिकारिक रूप से चेतावनी देने के बाद बाहर भेज दिया. इसके एक महीने बाद दावा किया गया कि घटना से पहले मातेरात्ज़ी ने ज़िदान की बहन की बेइज़्ज़ती की थी.
2- झक्की कार्लोस ने ब्रूनो बेलोन को फाउल किया
वर्ष 1986 के विश्व कप क्वार्टर फ़ाइनल के एक गोल के दौरान फ्रांस के स्ट्राइकर ब्रूनो बेलोन को ब्राज़ील के गोलकीपर कार्लोन ने फाउल कर दिया. रेफ़री लोन इग्ना ने फ़्री किक देने से इनकार कर दिया. उस समय बीबीसी कमेंटेटर जिमी हिल ने इसे बहुत बड़ी ग़लती बताई थी.
3- एंटोनियो रेटिन जाने को नहीं थे राज़ी
वर्ष 1966 में इंग्लैंड विश्व कप में वेम्बली में खेले गए क्वार्टर फ़ाइनल में अर्जेंटीना के कप्तान एंटोनियो रैटिन को रेफ़री रुडोल्फ़ क्रेटलीन ने मैदान के बाहर भेज दिया था. रैटिन इतने नाराज़ हुए कि उन्होंने मैदान छोड़ने से इनकार कर दिया. इस कारण खेल में काफ़ी देरी हुई.
4- पैट्रिक बैटिशन धराशायी हो गए
सेवील में 1982 के विश्व कप के सेमी फ़ाइनल के दौरान पश्चिमी जर्मनी के गोलकीपर हेराल्ड शूमाकर ने फ्रांस के पैट्रिक बैटिशन को धराशायी कर दिया. अनजाने में डिफेंडर को चोट लग गई और उन्हें मैदान पर ही ऑक्सीजन दिया गया, लेकिन रेफ़री चार्ल्स कोवर ने जर्मनी को एक गोल किक का मौका दिया.
5- फ्रैंक रिकार्ड ने जब रूडी वोलर पर थूक दिया
वर्ष 1990 के विश्व कप के दौरान झगड़े के कारण जब दोनों खिलाड़ियों को 22 मिनट के खेल के बाद बाहर भेज दिया गया तो नीदरलैंड के मिडफ़ील्डर फ्रैंक रिकार्ड ने पश्चिमी जर्मनी के रूडी वोलर पर थूक दिया.
6-‘भगवान का हाथ’
मैक्सिको शहर में 1986 के क्वार्टर फ़ाइनल के दौरान अर्जेंटिना के डिएगो मैराडोना ने इंग्लैंड के गोलकीपर पीटर शिल्टन को छकाकर गोल करने के लिए हाथ का इस्तेमाल कर दिया. अधिकारियों को इसमें कुछ भी ग़लत नहीं दिखा और गोल दे दिया गया. बाद में मैरोडोना ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि उनके गोल के पीछे ‘भगवान का हाथ’ था.
7-लुई सुआरेज़ का हैंडबॉल
वर्ष 2010 के क्वार्टर फ़ाइनल के दौरान अतिरिक्त समय के अंतिम मिनट में उरुग्वे के लुई सुआरेज़ ने घाना को गोल करने से रोकने के लिए गेंद को हाथ से पकड़ लिया था. सुआरेज़ को बाहर कर दिया गया और घाना को एक पेनल्टी दी गई. लेकिन आसामुआ ग्यान का शॉट गोलपोस्ट से टकराकर वापस आ गया. इसके बाद मैच पेनल्टी शूट आउट में गया जहाँ उरुग्वे ने 4-2 से जीत दर्ज की थी.
8-‘न्यूरेम्बर्ग का युद्ध’
जर्मनी में वर्ष 2006 के विश्व कप के दौरान पुर्तगाल और नीदरलैंड के मैच में चार खिलाड़ियों को बाहर कर दिया गया और 16 खिलाड़ियों को पीला कार्ड दिखाया गया था. किसी भी विश्वकप में एक मैच में ये सबसे ज़्यादा कार्ड दिखाए गए थे. इस मैच में पुर्तगाल ने नीदरलैंड को हरा दिया था. यह मैच इतना बुरा साबित हुआ था कि इसे ‘न्यूरेम्बर्ग का युद्ध’ कहा गया.
9-नाइजेल डी जोंग का ‘कराटे किक
वर्ष 2010 के फ़ाइनल में स्पेन के साबी एलोंसो पर छाती के बराबर से किक करने के लिए रेफ़री हॉवर्ड वेब ने नीदरलैंड के खिलाड़ी नाइजेल डी जोंग को पीला कार्ड दिखाया था. यह किक इतनी बुरी तरह से किया गया था कि कमेंटेटर गाय मोवब्रे ने इसे ‘कराटे किक’ कहा था.
10-रिवाल्डो का ‘घाव’
वर्ष 2002 में एक मैच के दौरान तुर्की के डिफ़ेंडर हाकन उंसल द्वारा मारी गई एक गेंद जब ब्राज़ील के रिवाल्डो के पैर में लगी तो वो सिर में चोट लगने का नाटक करने लगे. उंसल को बाहर भेज दिया गया लेकिन टीवी कैमरों ने रिवाल्डो के अभिनय को पकड़ लिया.
11-‘सैंटियागो का युद्ध’
वर्ष 1962 के विश्व कप के दौरान चिली के ख़िलाफ़ खेल रहे इटली के दो खिलाड़ियों को हिंसक झड़प में बाहर भेज दिया गया. बाद में इस मैच को ‘सैंटियागो का युद्ध’ कहा गया.