कर्नाटक के चामराजनगर ज़िले में एक मंदिर का प्रसाद खाने से कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है और लगभग एक दर्जन लोगों की हालत गंभीर है.
मैसूरु और अन्य जगहों के अस्पतालों में क़रीब 70 लोग भर्ती बताए जा रहे हैं.
यह घटना सुलावाड़ी गांव के किच्चुकुट्टी मारम्मा मंदिर की है.
प्रसाद न खाने वाले लोगों में शामिल रहे मरिअप्पा नाम के एक व्यक्ति ने कहा, "हमें पूजा के बाद टमाटर और चावल खाने को दिए गए थे. चावल से बदबू आ रही थी. जिन लोगों ने इसे फेंक दिया, वे ठीक हैं लेकिन जिन लोगों ने इसे खाया, उन्हें उल्टियां शुरू हो गईं और पेट में दर्द होने लगा."
हालात ऐसे हैं कि इस प्रसाद को खाने वाले कौओं तक की मौत हो गई है.
तालुका पंचायत के सदस्य मणि ने कहा, "मंदिर में आसपास के गांवों से लोग आए हुए थे. इनमें ज़्यादातर लोग मरटाहल्ली और वड्डरहल्ली गांवों के थे."
ये गांव चामराज ज़िले के हानुर तालुका के रामपुरा के आसपास पड़ते हैं.
क्या कहना है पुलिस का
मैसुरू रेंज के आईजीपी एच.सी. शरत चंद्र ने बीबीसी हिंदी को बताया, "मरने वाले 11 लोगों में तीन महिलाएं हैं. हानुर, कोल्लेगल और मैसूरु के अस्पतालों में लगभग 70 लोगों को भर्ती किया गया है."
उन्होंने कहा कि अभी यह नहीं बताया जा सकता कि किसे किस अस्पताल में भर्ती किया गया है मगर 11 मरीज़ों की हालत गंभीर है.
मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी पीड़ितों का हाल जानने के लिए मैसूरु पहुंचे हुए हैं.
इस बीच पुलिस ने घटना स्थल से सैंपल लेकर फ़ॉरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजे हैं. मगर जिस तरह से प्रसाद खाकर कौए भी मरे हैं, उससे आशंका जताई जा रही है कि कीटनाशक के कारण मौतों हुई हों.
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