संयुक्त राष्ट्र : भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध लगाने वाली व्यवस्था से सशस्त्र संघर्षों के दौरान यौन हिंसा में संलिप्त आतंकवादियों एवं आतंकवादी संगठनों को बेहद सक्रियता से सूचीबद्ध करने की मांग की है.
भारत ने इस बात पर जोर दिया कि सीमा पार होने वाले अपराधों में शामिल अपराधियों को कानून के दायरे में लाना पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए अहम है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पौलोमी त्रिपाठी ने बृहस्पतिवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र तंत्र में पिछले करीब दो दशक से महिलाओं, शांति एवं सुरक्षा एजेंडा से संबंधित मुद्दों को मजबूती से उठाये जाने के बावजूद शांति प्रक्रियाओं में महिलाओं की भूमिका एवं दृष्टिकोण काफी हद तक नजरअंदाज हो रहे हैं.
उन्होंने इस बात पर चिंता जतायी कि सशस्त्र संघर्षों में आतंकवादी संगठनों और राजेतर व्यक्तियों द्वारा यौन हिंसा, अपहरण और मानव तस्करी को हथियार बनाना अब भी जारी है.