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कोफी अन्नान : शांति के वर्ल्ड चैंपियन को क्यों दुनिया को याद रखना चाहिए?

संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान का 80 वर्ष की उम्र में आज निधन हो गया. कोफी अन्नान इकलौते ब्लैक अफ्रीकन थे जो यूएनओ के चीफ बने. उनके निधन पर दुनिया भर के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किये गये प्रयासों को याद किया. भारत के […]

संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान का 80 वर्ष की उम्र में आज निधन हो गया. कोफी अन्नान इकलौते ब्लैक अफ्रीकन थे जो यूएनओ के चीफ बने. उनके निधन पर दुनिया भर के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किये गये प्रयासों को याद किया. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें महान अफ्रीकी कूटनीतिज्ञ व मानवतावादी बताया, जो हमेशा अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए प्रयासरत रहे. वहीं, संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव अंतेनियो गुटेरस ने उन्हें अच्छाई के लिए प्रेरक शक्ति बतातेहुए कहा कि शांति के लिए वैश्विक चैंपियन के रूप में उनकी विरासत हम सभी के लिए असली प्रेरणा बनी रहेगी.

ब्रिटिश प्रधानमंत्रीटेरेसा मेने ट्विटर परलिखा – उनके निधन कीसूचनासे आहत हूं, वे एक महान नेता व यूएन के सुधारक थे,उन्होंने इस दुनिया कोरहनेके लिए बेहतर जगह बनानेमेंबड़ा योगदान दिया और अपनेजन्म के समय से इसे एक बेहतर स्थान बनाया. अन्नान के लिए ऐसे ही महान शब्दों का प्रयोग दुनिया के ज्यादातर नेताओं ने किया. अन्नान एक ब्लैक थे, जिन्होंने अपने ही तरहयूएनमें काम करने नेनी से न्यूयार्क में 1984 में शादी की. इससे पहले 70 के दशक में उन्होंने अपनी पहली पत्नी को तलाक दे दिया था.

नेनी स्वीडेन की थीं और उनके चाचा राउल वालेनबर्ग एक चर्चित स्वीडिश डिप्लोमेट थे, जिन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध में शांति के लिए बड़ा काम किया था. उन्होंने नाजियों के कब्जे से हजारों लोगों को मुक्त कराया था. नेनी ने वकालत की डिग्री हासिल की थी और शुुरुआती प्राइक्टिस के बाद वे 1981 में जेनेवा में यूएन हाइकमिशन के लिए काम करने लगीं और रिफ्यूजी मामलों को देखने लगीं. बाद में उन्होंने महिलाओं, गरीबों व बच्चों एवं विस्थापितों के लिए यूएनओ के साथ बड़ा काम किया. लोगों के लिए काम करने का यह जज्बा ही था जिसने कोफी और नेनी को करीब ला दिया.

बहरहाल, बात फिर कोफी अन्नान की. कोफी घाना में जन्मे थे और 1997 से 2006 तक दो टर्म वे संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख रहे. मानवता के लिए उनके काम के लिए उन्हें 2001 में संयुक्त राष्ट्र के नोबेलशांति पुरस्कार दिया गया. यह पुरस्कार उन्हें इराक युद्ध के दौरान यूएन बॉडी को सक्रिय करने व एचआइवी एड्स के प्रति जागरूकता लोन के लिए यह दिया गया. महासचिव के पद से मुक्त होने के बाद वे संयुक्त राष्ट्र संघ के सीरिया में संघर्ष को खत्म करने के लिए विशेष दूत बने और इस रूप में उल्लेखनीय काम किया.

कोफी अन्नान की यूएनओ चीफ के रूप में एक बड़ी उपलब्धि थी – मिलेनियम गोल सेट करना. यानी सहस्त्राब्दी के लिए उन्होंने भुखमरी, अशिक्षा, महिलाओं से जुड़ी समस्याओं, विभिन्न प्रकार की महामारियों आदि अनेक चुनौतियों से निबटने के लिए गोल सेट किया और उससे निबटने की कार्ययोजना तय कर विश्व बिरादरी से निबटने की अपील की. उनके निधन पर उनके देश घाना में सात दिन का शोक घोषित किया गया है.

कोफी अन्नान ने मानवता के कल्याण के लिए अपने नाम पर फाउंडेशन की स्थापना की. उन्होंने नेल्सन मंडेला के साथ ह्यूमन राइट एडवोकेसी के साथ भी काम किया. उन्होंने सीरिया के शांति दूत का पद छोड़ने के दौरान बयान दिया था – मैं दमिश्क के रास्ते में अपनी सेना को खो दिया. हाल में उन्हें सबसे अहम जिम्मेवारी म्यांमार के रोहिंग्या संकट के लिए एक स्वतंत्रा जांच दल के प्रमुख के रूप में मिली. ऐसा भी नहीं है कि कोफी अन्नान पर कभी सवाल नहीं उठे. 1990 के दशक में रवांडा में हुए नरसंहार के बाद उन पर उंगलियां उठायी गयी. वेसंयुक्त राष्ट्र संघ के शांति दल के उस दौरान अगुवा थे. इराक में उनकी सक्रियता के दौर में उन पर व उनके बेटे पर वॉयल फोर फूड करप्शन स्कैंडल का आरोप लगा, हालांकि बाद में वे इससे मुक्त हो गये.

कोफी अन्नान के कोट बहुत मशहूर हैं. जैसे – ज्ञान ही शक्ति है, सूचना मुक्त करना है, शिक्षा हर समाज, हर परिवार की तरक्की का आधार है. उनका एक दूसरा कोट है – जीवन के लिए चुनाव करना होगा, पर अच्छी तरह से चुनाव करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आप कौन हैं और आप किसके लिए खड़े हैं, आप कहां जाना चाहते हैं और वहां क्यों जाना चाहते हैं.

कोफी अन्नान कानिधन आज स्विटजरलैंडके बर्नकेएक अस्पताल में हुआ.इस दौरान उनकीपत्नी व उनके तीन बच्चे उनके पास ही थे. निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए आज रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने कहा कि वे हर रूसी के हृदय में रहेंगे. लेकिन हमें यह कहना चाहिए किकोफी अन्नानअपनेकाम के लिए पूरी दुनिया के लोगों के हृदय में रहेंगे.

Prabhat Khabar Digital Desk
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