कोलंबो : श्रीलंका के कैंडी शहर में सोमवार को भड़की हिंसा के बाद सरकार ने मंगलवार को देश में 10 दिन के लिए आपातकाल लगाने की घोषणा की है. इसके पीछे मुस्लिम और बौद्ध समुदाय के बीच फैल रहे तनाव को वजह बताया गया है. बौद्ध समुदाय के लोगों ने मुस्लिमों पर आरोप लगाया है कि वे लोगों का धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं और बौद्ध पुरातात्विक स्थलों को तोड़ रहे हैं.
श्रीलंकाई मीडिया के मुताबिक, कैंडी जिले में सोमवार शाम हिंसा भड़कने के बादमंगलवारको इस इलाके में सभी स्कूल बंद रखे गये हैं. मालूम हो,भारतीय क्रिकेट टीम टी-20 क्रिकेट की त्रिकोणीय शृंखलाखेलने अभी श्रीलंका में मौजूद है और मंगलवार को ही भारतीय टीम का पहला मुकाबलाश्रीलंका के साथ शाम सात बजे से खेला जाना है. भारतीय टीम की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
मंगलवार को एक सरकारी अधिकारी ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि देश में बौद्ध-मुस्लिम समुदाय के बीच बढ़ रहे तनाव की वजह से आपातकाल लगाया जा रहा है. प्रवक्ता दयासिरि जयशेखरा ने बताया, कैबिनेट की विशेष बैठक में देश में 10 दिन के लिए आपातकाल घोषित करने का फैसला लिया गया है ताकि सांप्रदायिक दंगों को देश के दूसरे हिस्सों में फैलने से रोका जा सके. उन्होंने यह भी बताया, बैठक में ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी निर्णय लिया गया है जो फेसबुक के जरिये हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं.
पिछले कुछ सालों से श्रीलंका में दो समुदायों के बीच तनाव चल रहा है. बौद्ध समुदाय के लोग मुस्लिमसमुदाय पर आरोप लगाते रहे हैंकि वे लोगों का धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं और बौद्ध पुरातात्विक स्थलों को तोड़ रहे हैं. बौद्ध श्रीलंका में शरण ले रहे रोहिंग्या मुसलमानों के भी खिलाफ हैं.
मालूम हो कैंडी शहर में सोमवार को एक मुस्लिम परिवार की दुकान में आग लगा दी गयी थी, इसके बाद उस इलाके में पुलिस का विशेष दस्ता और सेना को भेजा गया. तनाव के हालात उस समय पैदा हो गये जब सोमवार को कैंडी शहर में एक बौद्ध समुदाय का व्यक्ति मारा गया और मुस्लिम व्यापारी को आग लगा दी गयी. इससे वहां सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी. इसकेबाद इलाके में कर्फ्यूलगादी गयी है. इसी के बाद देश में मंगलवार को आपातकाल की घोषणा की गयी है.
श्रीलंकाई मीडिया के मुताबिक, कैंडी जिले में सोमवार शाम हिंसा भड़कने के बाद मंगलवारको इस इलाके में सभी स्कूल बंद रखे गये हैं. कुछ प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू की समयसीमा बढ़ा दी गयी है. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को पानी की बौछार के साथ ही आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े. श्रीलंकाई मंत्रियों के मुताबिक फिलहाल यह आपातकाल 10 दिनों के लिए है, लेकिन अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो राष्ट्रपति इसे आगे भी बढ़ा सकते हैं.
भारत के पड़ोसी मुल्कों में हालात इस समय अच्छे नहीं दिख रहे हैं. मालदीव में पहले से ही आपातकाल चल रहा है और अब शांत राज्य कहे जानेवाले श्रीलंका में भी आपातकाल लगा दी गयी है. मालदीव में राजनीतिक उठापटक के बीच आपातकाल कई दिनों से बनी हुई है. श्रीलंका में करीब 75 फीसदी आबादी बौद्ध सिंघली समुदाय की है, जबकि 10 फीसदी मुसलमानों की आबादी है. कुछ संगठनों ने इस हिंसा के लिए राष्ट्रवादी बौद्ध संगठन बोडू बाला सेना (बीबीएस) ग्रुप को जिम्मेदार ठहराया है. दावा किया जा रहा है कि ये लोग मुसलमानों के स्वामित्ववाले दुकानों और मस्जिदों पर हमले कर रहे हैं.
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि हिंसा और आगजनी के मामले मेंदो दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही पूरे घटनाक्रम की जांच शुरू कर दी गयी है. हालांकि, सांप्रदायिक हिंसा को लेकर देश के शीर्ष स्तर से कुछ भी नहीं कहा गया है. राष्ट्रपति सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पूरे मामले पर अभी कुछ नहीं कहा है.