इस्लामाबाद : पाकिस्तान, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधों पर निगरानी रखनेवाली समिति को मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तथा जमात-उद दावा प्रमुख हाफिज सईद से सीधे मुलाकात करने की इजाजत नहीं देगा. मीडिया की एक खबर में सोमवार को कहा गया है कि यूएनएससी 1267 प्रतिबंध समिति का निगरानी दल यह जांच करने के लिए इस सप्ताह इस्लामाबाद आयेगा कि पाकिस्तान विश्व संस्था के प्रतिबंधों का पालन कर रहा है या नहीं.
सईद और उससे जुड़ी संस्थाओं पर प्रतिबंधों को ठीक तरह से लागू ना करने के संबंध में अमेरिका और भारत की ओर से पाकिस्तान पर बढ़ते दबाव के बीच संयुक्त राष्ट्र निगरानी दल की यह यात्रा हो रही है. सईद का नाम दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1267 में शामिल है. विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से द नेशन की खबर में कहा गया है कि यूएनएससी दलों की यात्रा ‘पाकिस्तान पर दबाव’ डालने के लिए नहीं है. एक अधिकारी ने बताया कि यूएनएससी दल प्रतिबंधित संगठनों और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को लागू करने से संबंधित मुद्दों पर ‘आधिकारिक सूचना’ पर चर्चा करने के लिए पाकिस्तान आयेगा.
एक अखबार ने अधिकारी के हवाले से कहा, ‘वे जमात उद दावा या हाफिज सईद से मुलाकात करने की मांग नहीं करेंगे और अगर उन्होंने ऐसा किया तो उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी जायेगी. हम बातचीत कर रहे हैं और यह यात्रा पहले से निर्धारित है.’ अखबार ने एक अन्य अधिकारी के हवाले से कहा कि संयुक्त राष्ट्र का दल प्रतिबंधित संगठनों की सूची पर पाकिस्तानी अधिकारियों से मुलाकात करेगा. उन्होंने कहा, ‘हम संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को लागू करते रहे हैं, तो घबराने की कोई बात नहीं है. हम उनके सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हैं. हम तैयारी कर रहे हैं.’
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों की सूची में जमात उद दावा, लश्कर-ए-तैयबा, अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, लश्कर-ए-झांगवी, फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन तथा अन्य संगठन और व्यक्ति शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की निगरानी समिति यह देखती है कि नियमों के तहत सुरक्षा परिषद द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों का पालन किया जा रहा है या नहीं. सदस्य देशों को बिना किसी देरी के प्रतिबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं के वित्त पोषण और अन्य वित्तीय संपत्ति या आर्थिक संसाधनों पर रोक लगानी होती है. पिछले सप्ताह, पाकिस्तान ने जमात उद दावा, एफआइएफ और अन्य संगठनों को दान राशि देने वाली कंपनियों तथा व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाये थे. सईद को नवंबर में पाकिस्तान में नजरबंदी से रिहा किया गया. वह जनवरी 2017 से नजरबंद था.