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नवाज शरीफ के जाने से चीन की बढ़ सकती है मुश्किलें

पनामा पेपर्स मामले को लेकर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दोषी ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही पाकिस्तान के सामने सबसे बड़ा राजनीतिक संकट सामने आ चुका है. नवाज शरीफ को पाकिस्तान में ऐसे प्रधानमंत्री के तौर पर देखा जा रहा था, जो पहली बार अपने पांच […]

पनामा पेपर्स मामले को लेकर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दोषी ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही पाकिस्तान के सामने सबसे बड़ा राजनीतिक संकट सामने आ चुका है. नवाज शरीफ को पाकिस्तान में ऐसे प्रधानमंत्री के तौर पर देखा जा रहा था, जो पहली बार अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा कर रिकार्ड बनाते, लेकिन अब ऐसा होते नहीं दिख रहा है. आजादी के इतने सालों बाद पाकिस्तान की कोई भी चुनी हुई सरकार अपना पांच साल का शासनकाल पूरा नहीं कर पायी है.

पहले आर्मी द्वारा तख्तापलट की वजह से पाकिस्तान के शासकों को प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटाया जाता था. इस बार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नवाज शरीफ को हटना पड़ रहा है. पाकिस्तान में ताजा राजनीतिक संकट पर वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता लिखते हैं पाकिस्तान धीरे -धीरे अनोखा लोकतंत्र बनता जा रहा है, जहां चुनी हुई सरकार पांच साल पूरा नहीं करती और आर्मी चीफ हमेशा की तरह देर से रिटायर होते हैं.

पनामागेट : आ गया पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट का फैसला, नवाज शरीफ को छोड़ना होगा प्रधानमंत्री का पद

नवाज शरीफ के जाने से चीन मुश्किल में
नवाज शरीफ के जाने से चीन की मुश्किलें बढ़ सकती है. चीन ने पाकिस्तान में 46 अरब डॉलर का निवेश किया है. नवाज शरीफ व्यापारी परिवार से आते हैं और पाकिस्तान में उनकी छवि कारोबार समर्थक नेता के रूप में रही है. चीन के सामने सबसे बड़ा सवाल, पाकिस्तान का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा ? चीन इस गलियारे पर 46 अरब डॉलर का निवेश कर रही है. यह चीन के लिए बेहद महत्वाकांक्षी योजना है. अगर चीन के इस प्रोजेक्ट को खतरा होता है तो उसके लिए बड़ा आर्थिक झटका माना जायेगा.

कौन होगा अगला प्रधानमंत्री

नवाज शरीफ के इस्तीफे के बाद पाकिस्तान में अगला प्रधानमंत्री चुन पाना आसान नहीं है . बताया जा रहा है कि शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बन सकते हैं लेकिन कोर्ट में उनका नाम भी भेजा गया है. ऐसी परिस्थिति में शहबाज शरीफ को लेकर भी अनिश्चितता की स्थिति बन गयी है. वहींं नवाज शरीफ की पार्टी अभी भी शरीफ परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है. अगर परिवार के बाहर पार्टी का कोई दूसरा नेता चुना जाता है तो उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती पूरी पार्टी को एक साथ रख पाना होगा. अकसर ऐसे हालत में पार्टी टूटने का भी खतरा बना रहता है.

क्या था पनामा पेपर्स मामला
दुनिया भर में पनामा पेपर्स लीक होने के बाद अंतर्राष्ट्रीय जगत में तहलका मच गया.पनामा पेपर्स के दस्तावेजों में लगभग 500 भारतीयों के नाम भी है, जिसमें राजनीतिक हस्तियों से लेकर फिल्मी सितारे और खिलाड़ियों के नाम शामिल है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के अलावा उनकी बेटी और दामाद का भी नाम पनामा पेपर्स आया था.
पनामा एक देश है जो मध्य अमेरिका में स्थिति है जहां मोजैक फोंसेका नामक एक फर्म है जिसका काम काला धन को सफेद करना है गौरतलब है कि इस पनामा पेपर्स के पीछे कई पत्रकारों की अंतर्राष्ट्रीय संघ की टीम काम कर रही थी..पनामा पेपर्स इस तरह से काम करने वाला अपने आप में दुनिया का एक बड़ा संगठन है. इस खुलासे के पीछे पिछले एक वर्ष से करीब 80 देशों के 100 से अधिक मीडिया संगठनों के 400 पत्रकारों ने दस्तावेजों का गहन शोध किया है.
नवाज शरीफ और भारत
नवाज शरीफ पाकिस्तान के तीन प्रधानमंत्री रह चुके हैं.पाकिस्तान में वह बेहद लोकप्रिय हैं, भले ही भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते सामान्य नहीं थे, लेकिन नवाज शरीफ ने अपने शासनकाल में भारत के साथ अच्छे संबंध के लिए कई कोशिश किये हलांकि वह पूरी तरह से सफल नहीं हो पाये. नवाज शरीफ जैसे कद्दावर शख्सियत का सत्ता से जाने से पाकिस्तानी आर्मी का वहां के शासन में हावी होने की संभावना है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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