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चीन के विशेषज्ञ ने किया आगाहः भारत-चीन के बीच कभी भी हाे सकता है युद्ध, राजनयिक करें आपस में बात

नयी दिल्लीः सिक्किम में डोकलाम को लेकर भारत आैर चीन के बीच बढ़ता विवाद आहिस्ता-आहिस्ता युद्ध की आेर बढ़ता हुआ दिखायी दे रहा है. चीन के एक विशेषज्ञ ने दोनों देशों को आगाह करते हुए कहा कि डोकलाम मुद्दे को लेकर भारत और चीन के बीच युद्ध की आशंका है. ऐसे में दोनों देशों के […]

नयी दिल्लीः सिक्किम में डोकलाम को लेकर भारत आैर चीन के बीच बढ़ता विवाद आहिस्ता-आहिस्ता युद्ध की आेर बढ़ता हुआ दिखायी दे रहा है. चीन के एक विशेषज्ञ ने दोनों देशों को आगाह करते हुए कहा कि डोकलाम मुद्दे को लेकर भारत और चीन के बीच युद्ध की आशंका है. ऐसे में दोनों देशों के राजनयिकों को युद्ध से बचने के लिए आपस में बातचीत करनी चाहिए. चीन के चारहार इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता और चाइना वेस्ट नॉर्मल यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर इंडियन स्टडीज के निदेशक लांग शिंगचुन ने कहा कि पूर्व में अनावश्यक युद्ध के उदाहरण हैं. फिलहाल, भारत और चीन के बीच मंडराते युद्ध से दोनों पक्षों को नुकसान होगा.

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चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में उन्होंने लिखा कि यह कहना गलत है कि चीन इस साल होने वाले चाइना नेशनल कांग्रेस को देखते हुए डोकलाम सीमा गतिरोध का इस्तेमाल कर रहा है. लांग ने तनाव बढ़ाने के लिए चीन स्थित भारतीय मीडिया और चीन मामलों के भारतीय विशेषज्ञों को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि इनके अनुसार चीन आंतरिक समस्याओं से ध्यान बंटाने के लिए डोकलाम तनाव बढ़ाने की साजिश कर रहा है. लांग ने कहा कि चीन युद्ध के बजाय शांतिपूर्ण अंतरराष्ट्रीय माहौल चाहता है.

इस खबर को भी पढ़ेंः चीन की धमकी पर भारत ने दी चेतावनी, यह 2017 का भारत, 1962 जैसा कमजोर नहीं

गौरतलब है कि बीते 30 जून को रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने सिक्किम सीमा विवाद को लेकर चीन की आेर से दी जा रही धमकी के बाद उसे यह कहते हुए नसीहत दी थी कि 2017 का भारत 1962 के भारत से अलग है. जेटली ने कहा कि दोनों भारत में फर्क है. इसके पहले चीन ने कहा था कि चीन ने कहा था कि भारत भूटान की सरहद से अपनी सेना हटा ले. रिपोर्टों के मुताबिक, चीन ने यह भी कहा था कि भारत को 1962 का युद्ध याद रखना चाहिए और उससे सबक लेना चाहिए.

दअसल, दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का अहम कारण 3,500 किमोलीटर (2,174 मील) लंबी सीमा है. सीमा विवाद के कारण दोनों देश 1962 में युद्ध के मैदान में भी आमने-सामने खड़े हो चुके हैं, लेकिन अभी भी सीमा पर मौजूद कुछ इलाकों को लेकर विवाद है, जो कभी-कभी तनाव की वजह बनता है. बीते महीने शुरू हुए तनाव के बीच भारत और चीन ने सीमा पर अपनी फाैज की तैनाती बढ़ा दी और एक-दूसरे से उनकी सेना को वापस बुलाने के लिए कहा. इसी की वजह से विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. कोर्इ भी देश के एक-दूसरे के सामने झुकने का नाम नहीं ले रहा है आैर न ही दोनों देशों के राजनयिकों में इस विवाद को लेकर अब तक कोर्इ सकारात्मक बात ही हुर्इ है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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