हैमबर्ग : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस्राइल की अपनी तीन दिनी ऐतिहासिक यात्रा पूरी करने के बाद जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए गुरुवार देर रात जर्मनी के हैमबर्ग शहर पहुंचे. मोदी हैम्बर्ग में सात-आठ जुलाई को जर्मनी की मेजबानी में आयोजित होने वाले जी-20 शिखर-सम्मेलन में शिरकत करेंगे. इस साल की थीम ‘शेपिंग एन इंटर-कनेक्टिड वर्ल्ड ‘ है.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘ ‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी20 शिखर सम्मेलन के लिए हैम्बर्ग पहुंच गये. शिखर सम्मेलन के जरिए अहम बहुपक्षीय एवं द्विपक्षीय वार्ता होंगी.’ ‘ मोदी सम्मेलन के इतर ब्रिक्स देश ब्राजील, रुस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका के नेताओं की बैठक में आज भाग लेंगे. वह वहां विश्व के कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे.
मोदी-शी मुलाकात पर चीन के प्रोपेगंडा को भारत ने झुठलाया, अब पाकिस्तान के साथ बढ़ायेगा सहयोग
आपको बता दें कि चीन पहले ही कह चुका है कि इस माहौल में चीन के राष्ट्रपति शी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात नहीं करेंगे. वहीं भारत ने गुरुवार को कहा कि हैम्बर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा, जापान और ब्रिटेन जैसे देशों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे, साथ ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ किसी निर्धारित द्विपक्षीय बैठक की संभावना को खारिज किया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा, ‘प्रधानमंत्री 6 से 8 जुलाई को जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने हैम्बर्ग जा रहे हैं. इस शिखर सम्मेलन की पृष्ठभूमि में अर्जेंटिना, कनाडा, इटली, जापान, मैक्सिको, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, ब्रिटेन और वियतनाम के साथ उनकी पूर्व निर्धारित द्विपक्षीय बैठक है.’ प्रवक्ता से प्रधानमंत्री की हैम्बर्ग के दौरे के बारे में पूछा गया था. उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा वे ब्रिक्स देशों के नेताओं की बैठक में भी हिस्सा लेंगे. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं आया है.’
चीन भारत का ‘एक अच्छा दोस्त ‘ क्यों नहीं हो सकता है?
‘उन्होंने यह भी बताया कि मोदी और शी के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक निर्धारित नहीं है. बागले प्रधानमंत्री के साथ इस दौरे पर जा रहे हैं. उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जब चीनी विदेश विभाग के अधिकारियों ने शी-मोदी बैठक की संभावना को खारिज किया है. उल्लेखनीय है कि चीन और भारत के बीच डोकालाम क्षेत्र के पास पिछले 19 दिनों से गतिरोध जारी है. यह क्षेत्र भूटान-चीन-भारत से जुड़ा है. यह गतिरोध उस समय उत्पन्न हुआ जब चीनी सेना ने इस स्थान पर सड़क बनाने का प्रयास किया.
गौर हो कि जी20 की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार से शुरू हो रही है जहां दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाएं आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक कारोबार जैसे मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं.