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Varanasi News: वाराणसी में दिखा खाकी का मानवीय चेहरा, पुलिस ने 12 वर्षीय मासूम को उसके मामा से मिलाया

वाराणसी में चौकी प्रभारी अमित शुक्ला ने खाकी का मानवीय चेहरा दिखाते हुए एक 12 वर्षीय मासूम को उसके मामा से मिलाया. बच्ची मां के निधन के बाद अपनी बड़ी मम्मी के प्रताड़ना से परेशान हो चुकी थी. जिसके बाद वह भागकर बनारस पहुंची थी.

Varanasi News: वाराणसी के संकटमोचन मंदिर के बाहर उस वक्त सनसनी फैल गयी, जब एक छोटी सी बच्ची रोते हुए मिली. आसपास के लोगों ने इस बात की सूचना पुलिस को दी. जिसके बाद चौकी प्रभारी अमित शुक्ला मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली. बच्ची ने पुलिस को बताया कि उसकी मां के निधन के बाद से बड़ी मां की ओर से उसे प्रताड़ित कर परेशान किया जा रहा था. जिसके बाद वह अपने मामा के घर भागकर यहां आयी है.

हालांकि 12 वर्षीय मासूम को मामा के घर का पता मालूम नहीं होने पर बच्ची संकटमोचन मंदिर के बाहर बैठकर रोने लगी. जिसके बाद चौकी प्रभारी अमित शुक्ला ने बच्ची के मामा को सोशल मीडिया पर ढूंढकर उनसे संपर्क कर उसे सुपुर्द किया. संकटमोचन चौकी प्रभारी अमित शुक्ला ने 3 दिन पहले भी बिछड़े भाई-बहन को उनके मां से मिलाया था और आज एक बार फिर से मासूम बच्ची को उसके मामा से मिलवाकर उन्होंने इंसानियत का परिचय देते हुए पुलिस की वर्दी का मान बढ़ाया.

गौरतलब है कि किसी भी बच्चे के लिए माता का निधन एक असहनीय पीड़ा होती है. उसके कोमल मन पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है. ऐसे में अपने बड़ी मां से प्रताड़ित होकर बिहार से भागकर बनारस आयी 12 वर्षीय मासूम बच्ची को संकटमोचन मंदिर के बाहर बैठकर रोते हुये देखकर आमजनों ने चौकी प्रभारी को सूचित किया. सूचना मिलते ही संकटमोचन प्रभारी अमित शुक्ला ने बच्ची को दुलारते हुए उसे चुप कराया और उससे नाम पता पूछा. बच्ची ने अपना नाम बिहार निवासी ज्योति तिवारी बताया.

उसने बताया कि मां के निधन के बाद बड़ी मां कंटीन्यू उसे घर के काम कराने के नाम पर प्रताड़ित करती थी. इतना ही नहीं बाहर खेलने और घरेलू कामकाज नहीं करने से नाराज होकर बच्ची के बड़े पिता भी उसके साथ मारपीट करता था. बच्ची का पिता भी दिन-रात शराब के नशे में धुत्त होकर उसको प्रताड़ित करता रहता था. आए दिन की मारपीट से तंग बच्ची रोहतास (बिहार) का घर छोड़कर बनारस भाग आई.

बनारस में बच्ची के मामा रहते हैं. उसने बताया कि मामा के घर का पता उसे नही मालूम था. इसलिए वो यहां संकटमोचन मंदिर के बाहर बैठकर रो रही थी. बच्ची की आपबीती सुनने के बाद चौकी प्रभारी ने उसके मामा का नाम पंकज चौबे जानकर उन्हें फेसबुक पर सर्च किया और बच्ची से फोटो पहचान कराते हुए फेसबुक पर आईडी से मोबाइल नंबर खोजकर मामा को बुलाया और मासूम बच्ची ज्योति को उनके सुपुर्द किया.

बच्ची के मामा लंका क्षेत्र में रहते हैं. मामा से मिलते ही मासूम ने उनसे लिपटकर रोते हुए आपबीती सुनाई, कि किस तरह से मां के निधन के बाद बड़े पिता और बड़ी मां उसको प्रताड़ित करती रहती थी. वहीं, संकटमोचन चौकी प्रभारी अमित शुक्ला के इस सराहनीय कार्य की लोगों ने प्रशंसा की.

रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी

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