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गढ़वा में जंगली हाथियों का आतंक, तीन युवकों को किया गंभीर रूप से घायल, ग्रामीणों के फसलों को भी किया बर्बाद

गढ़वा में जंगली हाथियों के उत्पात थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. जिले के रमकंडा, भंडरिया, बड़गड़, चिनिया व रंका में सक्रिय हो गया है. बुधपार रात में भी हाथियों के झुंड ने तीन युवकों को घायल कर दिया और गांव में कई फसलों को बर्बाद कर दिया है.

गढ़वा : करीब आठ वर्षों से दक्षिणी वन क्षेत्र के अंतर्गत गढ़वा जिले के सुदूरवर्ती रमकंडा, भंडरिया, बड़गड़, चिनिया व रंका प्रखंड क्षेत्र के गांवों में प्रत्येक वर्ष उत्पात मचा रहे हाथियों का झुंड इस वर्ष भी इन क्षेत्रों में पूरी तरह सक्रिय हो चुका है. रुक-रुक कर लगातार इन क्षेत्रों में उत्पात मचाने के बाद बुधवार की रात हाथियों के झुंड ने धान फसल की रखवाली के उद्देश्य से पुआल में सो रहे बलिगढ़ गांव के तीन युवकों को पटक कर गंभीर रूप से घायल कर दिया.

इस दौरान हाथियों के गुस्से का शिकार दो युवक भी हुए जिसे हाथी ने सूंड़ से उठाकर फेंक दिया. जिसमें एक युवक का पैर जख्मी हो गया. जानकारी के अनुसार घायल युवक दुहमनिया टोला निवासी भोला भुइयां के 16 वर्षीय पुत्र जितेंद्र भुइयां, छोटू भुइयां के 18 वर्षीय पुत्र धनपाल भुइयां, मुकेश भुइयां के 14 वर्षीय पुत्र मंदीप भुइयां रोजाना की तरह बीती रात्रि करीब 12 बजे घर के समीप बने खलिहान में रखें गये धान की फसल की रखवाली के लिए तीनों लोग पुआल पर सोये हुए थे.

इस दौरान जंगलों से निकलकर हाथियों का झुंड सीधे खलिहान में पहुंच गया. जानकारी देते हुए घायल युवकों ने बताया कि हाथी के आने की उन्हें भनक तक नही लगी. वहीं जबतक वे लोग कुछ समझ पाते तबतक हाथियों ने दो लोगों को सूंड़ से उठाकर फेंक दिया. वहीं भागने के दौरान हाथी के पैर से एक युवक का पैर जख्मी हो गया. यद्धपि इस घटना में तीनों युवकों ने भागकर अपनी जान बचायी.

घटना के बाद युवकों द्वारा गांव में शोरगुल किए जाने के बाद ग्रामीणों ने टीना बजाकर, मशाल जलाकर व पटाखा हाथियों के झुंड को खदेड़ा, तब जाकर गांव के लोगों ने राहत की सांस ली. घटना के बाद घायल युवकों का इलाज गांव के ही एक निजी क्लीनिक किया गया. इधर घटना की सूचना के बाद उपमुखिया मो. मुस्ताक मंसूरी ने घायल युवकों को इलाज के लिए सहयोग राशि उपलब्ध कराया.

हालांकि बाद में विभाग ने घायलों युवकों के लिए मदद का आश्वासन दिया. ग्रामीणों द्वारा हाथियों को भगाने के दो घंटे बाद पुनः हाथियों का झुंड गांव में पहुंचकर रामानंद पांडेय के खलिहान में रखे करीब 100 बोझा धान खा गए. इसके साथ ही भगवान साव के चहारदीवारी को क्षतिग्रस्त कर दिया. जानकारी देते हुए किसान की पत्नी ने बताया कि रात में पहुंचे हाथियों के झुंड के चिंघाड़ने के बाद भय से घरों में ही दुबके रहे. सुबह देखने पर पता चला कि हाथियों ने धान के फसलों को बर्बाद कर दिया है. बताया कि सूचना के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने पहुंचकर मामले की जानकारी ली. वहीं मुआवजा दिलाने का आश्वाशन दिया है.

फसल पकने से पहले ही पहुंचा है हाथियों का झुंड

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 से हाथियों का झुंड बेतला नेशनल पार्क व छत्तीसगढ़ से हाथियों का झुंड प्रत्येक वर्ष रमकंडा क्षेत्र के दक्षिणी क्षेत्र वाले बिराजपुर, बैरिया, होमिया, दुर्जन, बरवा, सिरकी, बलिगढ, कुशवार,तेतरडीह, मुरली, मंगराही, रमकंडा सहित अन्य गांवों में धान की फसल पकने से पहले ही पहुंच जाते हैं और मार्च अप्रैल महीने तक क्षेत्र में घूमकर घरों को तोड़ धान की फसल खा जाते हैं.

इसी सप्ताह रमकंडा प्रखंड क्षेत्र के कुशवार गांव निवासी चंदेश्वर सिंह के घर को गिरा दिया था. वहीं खलिहान में रखे धान को रौंदकर बर्बाद कर दिया था. इसी तरह चुटु भुईयां के खेत में लगे फसलों को खा गये थे. इसके अलावे शनिवार की रात हाथियों ने बरवा गांव में पहुंचकर रामसुंदर राम, शत्रुघ्न राम व विनोद राम के खलिहान में रखे धान की फसलों को खा गये थे.

इसके साथ प्रखंड मुख्यालय के खेतों में पहुंचकर पुरुषोत्तम प्रसाद, अजय साव सहित अन्य लोगों के खेतों में लगे धान की फसल पकने से पहले ही रौंदकर बर्बाद कर दिया था.

चिनिया में हाथियों ने 20 क्विंटल धान खाया, रवि फसलों को रौंदा

चिनिया : बुधवार की रात करीब 15 हाथियों के झुंड ने चिनिया निवासी अयुब अंसारी का खलिहान में दवनी कर रखे करीब 20 क्विंटल धान खा गये. धान खाने के बाद हाथियों ने वापस जाते समय गांव के ही मोतीलाल भुईयां व मुख्तार अंसारी के खेत में लगे अरहर की फसल व अवधेश भुईयां के खेत में लगे आलू की फसल को रौंदते हुए दूसरे गांवों की चल दिये.

मामले की जानकारी देते हुए पीड़ित किसान अयूब अंसारी ने बताया कि धान की रखवाली के लिए वे खलिहान के पास ही सोये हुए थे. लेकिन जैसे ही हाथियों के आने की भनक लगी उन्हें भगाने के लिये टार्च जलाया. खलिहान में बिजली का बल्ब पहले से ही जल रहा था. लेकिन उनपर कोई असर नही हुआ. वहीं बेख़ौफ़ हाथियों का झुंड धान खाने के बाद ही दूसरी ओर चले गये.

घटना के बाद ग्रामीणों ने बताया कि इस मामले की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दिया गया है. वहीं पिछले कई दिनों से हाथियों का झुंड इन क्षेत्रों में आतंक मचा रहा है. लेकिन वन विभाग ने इन्हें भगाने को लेकर अब तक कोई पहल नही किया है. ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग सिर्फ मुआवजा देने की बात कहकर हाथियों से बचने की सलाह देता है.

पंडरापानी गांव में हाथियों ने घर क्षतिग्रस्त किया

गोदरमाना : पिछले कई दिनों से रंका क्षेत्र में भी हाथियों का उत्पात लगातार जारी है. बीती रात्रि हाथियों के झुंड ने पंडरापानी गांव पहुंचकर सुखदेव सिंह का घर क्षतिग्रस्त कर दिया. वहीं चुटिया गांव निवासी गोवर्धन सिंह का चहारदीवारी क्षतिग्रस्त कर दिया. इसके साथ ही हाथियों ने सोनिया देवी व लादरूस उरांव के खेत में लगे फसलों को रौंद दिया. इस संबंध में जानकारी देते हुए ग्रामीणों ने बताया कि हमलोगों के शोरगुल करने के बाद हाथियों का झुंड जंगलों की ओर भाग गया. हाथियों के इस आतंक की वजह से गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है.

रिपोर्ट: मुकेश तिवारी, रमकंडा, गढ़वा

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