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Ram Navami in Pakur| पाकुड़ के ग्रामीण इलाकों में रामनवमी जुलूस निकालने की अनुमति देने से प्रशासन ने इनकार कर दिया है. इस पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. वहीं, पाकुड़ के एसपी ने कहा है कि जिले में जितने भी लाइसेंसधारी पारंपरिक अखाड़े हैं, सभी शांतिपूर्वक जुलूस निकाल रहे हैं. कहीं कोई दिक्कत नहीं है. सभी क्षेत्रों में दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की गयी है.
मैंने पहले भी कहा था कि पाकुड़ में आदिवासी/ हिंदू समाज अल्पसंख्यक हो चुका है, जबकि एक समुदाय विशेष की आबादी दो-तिहाई के करीब है. क्या सरकार यह बताना चाहती है कि जहां कहीं भी हिंदू अल्पसंख्यक होंगे, वहां उनके धार्मिक/ संवैधानिक अधिकारों को इसी प्रकार छीन लिया जायेगा?
चंपाई सोरेन, पर्व मुख्यमंत्री, झारखंड
रामनवमी जुलूस पर रोक सरकार की हिंदू विरोधी मानसिकता को दर्शाता है – चंपाई
उधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने कहा है कि पाकुड़ में प्रशासन की ओर से ग्रामीणों के रामनवमी जुलूस पर रोक लगाना राज्य सरकार की हिंदू विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि हिंदू/मूलवासी समाज वैसे भी शांतिप्रिय होता है, लेकिन अगर सरकार को लगता है कि वे रामनवमी शोभायात्रा को सुरक्षा तक नहीं दे सकते, तो फिर क्या कहें?

पाकुड़ में आदिवासी/हिंदू हो चुके हैं अल्पसंख्यक – चंपाई सोरेन
चंपाई सोरेन ने ‘एक्स’ पर आगे लिखा, ‘मैंने पहले भी कहा था कि पाकुड़ में आदिवासी/ हिंदू समाज अल्पसंख्यक हो चुका है, जबकि एक समुदाय विशेष की आबादी दो-तिहाई के करीब है. क्या सरकार यह बताना चाहती है कि जहां कहीं भी हिंदू अल्पसंख्यक होंगे, वहां उनके धार्मिक/ संवैधानिक अधिकारों को इसी प्रकार छीन लिया जायेगा?’
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क्या झारखंड में हिंदू होना अपराध है?- चंपाई
चंपाई सोरेन ने लिखा, ‘क्या झारखंड में हिंदू होना अपराध है? क्या राज्य सरकार किसी अन्य धर्म के पर्व-त्योहारों पर ऐसा ही तुगलकी फरमान जारी करने का साहस दिखा सकती है?’ दरअसल, पाकुड़ सदर अनुमंडल पदाधिकारी-सह-अनुमंडल दंडाधिकारी कार्यालय से रामनवमी आयोजन समिति ने पाकुड़ के 9 गांवों से रामनवमी जुलूस निकालने की अनुमति मांगी थी. साथ ही सुरक्षा देने की भी मांग की थी.
सन 1967 में महान आदिवासी नेता बाबा कार्तिक उरांव ने संसद में डिलिस्टिंग प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें उन्होंने धर्म बदल चुके लोगों को आरक्षण से बाहर करने की बात कही थी। उनके प्रस्ताव को तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा संसदीय समिति को भेज दिया गया।
— Champai Soren (@ChampaiSoren) March 28, 2025
इस विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति…
रामनवमी आयोजन समिति ने इन 9 गांवों में जुलूस निकालने की मांगी थी अनुमति
समिति ने पाकुड़ के कोलाजोड़ा, समसेरा, शहरकोल, गोकुलपुर, नगरनवी, झिकरहार्टी, पिरलीपुर, बहिरग्राम और चोंगाडांगा के लोगों की मौजूदगी में पारंपरिक अस्त्र-शस्त्र, धार्मिक ध्वज के साथ शोभायात्रा निकालने की अनुमति मांगी थी. साथ ही कहा था कि इस दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्र का भी इस्तेमाल किया जायेगा. समिति ने 4 अप्रैल 2025 को यह आवेदन दिया था. इस आवेदन को प्रशासन ने मंजूरी नहीं दी.
पाकुड़ जिले में जितने भी पारंपरिक और लाइसेंसधारी अखाड़े हैं, सभी शांतिपूर्वक जुलूस निकाल रहे हैं. कहीं कोई दिक्कत नहीं है. सभी क्षेत्रों में दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की गयी है.
एसपी, पाकुड़
एसडीओ ने अनुमति नहीं देने के बताये ये कारण
एसडीओ कार्यालय से 5 अप्रैल 2025 को जारी ज्ञापांक संख्या 403 में कहा गया है कि रामनवमी आयोजन समिति पाकुड़ से मिलने आवेदन में यह नहीं बताया गया है कि शोभायात्रा में कितने लोग शामिल होंगे. साथ ही लाइसेंस संबंधी कागजात भी प्रस्तुत नहीं किया गया. इसलिए रामनवमी आयोजन समिति को कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जायेगी.
एसडीओ ने कहा- कार्यक्रम करेंगे, तो होगी कार्रवाई
एसडीओ ने समिति से कहा कि वह अपना कार्यक्रम न करें. साथ ही कहा कि अगर इस आदेश की अवहेलना हुई, तो भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत कार्रवाई की जायेगी. आदेश की रामनवमी आयोजन समिति के प्रसन्ना मुश्रा, पाकुड़ नगर के थाना प्रभारी और अंचल अधिकारी को भी भेज दी गयी. थाना प्रभारी और अंचल अधिकारी से कहा गया है कि वे इस आदेश का पालन कराना सुनिश्चित करें.
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