11.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

मोक्षदा एकादशी 14 दिसंबर को, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त, पारण का समय और इस दिन का महत्व जानें

मोक्षदा एकादशी (Mokshda Ekadashi 2021) 14 दिसंबर दिन मंगलवार को है. पूरे दिन व्रती भगवान श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना कर सकते हैं. पारण का समय, महत्व और पूजा विधि जानने के लिए आगे पढ़ें.

Mokshda Ekadashi 2021: मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन व्रत रखा जाता है. इस साल मोक्षदा एकादशी व्रत 14 दिसंबर को रखा जाएगा. मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की आराधना की जाती है और व्रत रखा जाता है. आगे पढ़ें मोक्षदा एकदशी शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है.

मोक्षदा एकादशी पूजा शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी (Mokshda Ekadashi 2021) सोमवार 13 दिसंबर को रात्रि 9 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर 14 दिसंबर को रात में 11 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी. अतः साधक 14 दिसंबर को दिनभर भगवान श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना कर सकते हैं.

एकदाशी तिथि प्रारंभ: 13 दिसंबर, रात्रि 9: 32 बजे से
एकदाशी तिथि समाप्त: 14 दिसंबर रात्रि 11:35 बजे पर
व्रत का पारण: 15 दिसंबर सुबह 07:05 बजे से प्रातः 09: 09 बजे तक

मोक्षदा एकादशी 2021 पारण समय

जो लोग 14 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखेंगे, उनको व्रत का पारण 15 दिसंबर को प्रात: 07 बजकर 05 मिनट से सुबह 09 बजकर 09 मिनट के बीच कर लेना चाहिए.

मोक्षदा एकादशी पूजा विधि

  • मोक्षदा एकादशी (Mokshda Ekadashi 2021) व्रत से एक दिन पूर्व व्रत करने वालों को दशमी तिथि को दोपहर में एक बार भोजन करना चाहिए. ध्यान रहे कि रात्रि में भोजन नहीं करना है.

  • एकादशी के दिन प्रात:काल उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें.

  • व्रत का संकल्प लेने के बाद धूप, दीप और नैवेद्य आदि अर्पित करते हुए भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें.

  • रात्रि में भी पूजा और जागरण करना चाहिए.

  • एकादशी के अगले दिन द्वादशी को पूजन के बाद जरुरतमंद व्यक्ति को भोजन व दान से विशेष लाभ मिलता है.

Also Read: Vivah Shubh Muhurat 2022 : नए साल में विवाह के अनेकों शुभ मुहूर्त, देखें जनवरी से दिसंबर तक पूरी लिस्ट

मोक्षदा एकादशी का महत्व

मोक्षदा एकादशी (Mokshda Ekadashi 2021) का अर्थ है मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी. इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त होता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस एकादशी के पुण्य लाभ को व्रती अपने पितरों को अर्पित करके उनको मोक्ष दिलाने का प्रयास भी करते हैं. मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही भगवान श्रीकृष्ण ने अजुर्न को गीता का उपदेश दिया था, इसलिए मोक्षदा एकादशी का महत्व और बढ़ जाता है. इसी दिन गीता जयंती (Geeta Jayanti) भी मनाई जाती है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel