10.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

लोगों की जेहन में वही भाषाई पत्रकारिता है, जिसने देश को दिशा दी : हरिवंश

राज्यसभा के उपसभापति ने इस अवसर पर पाठकों के रवैये पर भी गंभीर टिप्पणी की. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि जो लोग अखबार मुफ्त में चाहते हैं, वे यह भी उम्मीद करते हैं कि उनका अखबार ईमानदार भी रहे.

कोलकाता: इतिहासकारों की राय है कि भविष्य में आप जितना दूर देखना चाहते हैं, उतना ही पीछे अतीत में देखिये. अतीत से ही भविष्य बनाने की ताकत मिलती है. ये बातें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहीं. सोमवार की शाम नेताजी इंडोर स्टेडियम के कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रेस क्लब, कोलकाता के सहयोग से छपते-छपते द्वारा हिंदी पत्रकारिता पर आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद वह अपनी बातें रख रहे थे.

अतीत की चर्चा करते हुए उन्होंने अंग्रेजों के दौर में ऊंचाई प्राप्त करने वाली भाषाई पत्रकारिता का प्रसंग उठाते हुए कहा कि आज भी लोगों की जेहन में वही भाषाई पत्रकारिता है, जिसने देश को दिशा दी. यह भी कि लोग ऐसे ही अखबार व पत्र-पत्रिकाओं को याद किया करते हैं. इसी क्रम में उन्होंने अल्पावधि में ही काल-कवलित हुए अपने दौर के चर्चित हिंदी समाचार पत्र उदंत मार्तंड की पत्रकारिता पर बोलते हुए कहा कि बहुत महत्वपूर्ण यह नहीं है कि आप कितना लंबा जीते हैं. महत्वपूर्ण यह है कि अपने जीवनकाल में आप कितने सार्थक क्षण जीते हैं.

इस अवसर पर अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए राज्यसभा के उपसभापति ने 1907 में इलाहाबाद से प्रकाशित समाचार पत्र स्वराज की तात्कालिक भूमिका की भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि कैसे अंग्रेजों की नीतियों से दो-दो हाथ करते हुए इस अखबार को महज ढाई साल में ही आठ संपादक देखने पड़े, क्योंकि एक-एक कर इसके सारे संपादक कालापानी की सजा पाते गये. उनके मुताबिक, इस अखबार के सात संपादकों को कुल 94 वर्ष से अधिक की सजा हो गयी.

इसी क्रम में हरिवंश ने मौलाना आजाद, गांधी, लोकमान्य तिलक, मदन मोहन मालवीय और भीमराव आंबेडकर आदि द्वारा अखबार निकालने के चुनौतीपूर्ण प्रयासों की भी चर्चा की. उन्होंने 1700 से 2000 के बीच के दौर की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि वह विचारों का दौर था. तब के चर्चित प्रेस को उन्होंने विचारों की देन बताते हुए कहा कि इन प्रेस व पत्र-पत्रिकाओं ने वैचारिक स्तर पर समाज को न केवल तैयार किया, बल्कि उसका नेतृत्व किया, उसे ताकत दी और उसे आगे भी बढ़ाया.

हरिवंश ने आगे कहा कि आज का दौर टेक्नोलॉजी का है. इसने सभी भौगोलिक सीमाओं का अतिक्रमण करते हुए घर-घर अपनी पैठ बना ली है. प्रिंट मीडिया की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हम शायद अपनी चुनौतियों को ठीक से पहचान नहीं पा रहे. और अगर इनकी पहचान नहीं हो सकी, तो इनसे निबटना भी काफी मुश्किल होगा. उन्होंने आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस से भविष्य में मिलने जा रही चुनौतियों की भी चर्चा की और सवालिया लहजे में कहा कि आखिर अखबार वाले इस मसले पर क्यों नहीं बोल रहे, वे क्यों नहीं इस मुद्दे को उठा रहे.

राज्यसभा के उपसभापति ने इस अवसर पर पाठकों के रवैये पर भी गंभीर टिप्पणी की. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि जो लोग अखबार मुफ्त में चाहते हैं, वे यह भी उम्मीद करते हैं कि उनका अखबार ईमानदार भी रहे. उन्होंने सत्ता और शासन के रहते ही तेजी से फलते-फूलते भ्रष्टाचार के बारे में सवाल उठाया और जानना चाहा कि अखबारों को इस विषय में उदासीन बने रहना चाहिए?

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel