13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Ghoda Library: घोड़ा लाइब्रेरी से बच्चे सीख रहे हैं ज्ञान की बातें, जानें क्यों है ये है खास

Ghoda Library: जैसा कि नाम से पता चलता है, एक घोड़ा है जो अपनी पीठ पर किताबों का एक गुच्छा लेकर चलता है और एक गाँव से दूसरे गांव जाता है, और हर उस व्यक्ति के लिए रुकता है जो एक या दो किताबें पढ़ना चाहता है.

Ghoda Library: उत्तराखंड में एक अनोखी लाइब्रेरी है जो लोगों का दिल जीत रही है. यह किताबों वाली कोई भव्य पुरानी इमारत या कोई शैक्षणिक संस्थान नहीं है. यह घोड़े की पीठ पर है. आपने सही पढ़ा, हम बात कर रहे हैं अनोखी और मनमोहक घोड़ा लाइब्रेरी की.

उत्तराखंड ने हाल ही में इस मानसून सीज़न में काफी कठोर दिन देखे हैं. भारी बारिश और भूस्खलन ने राज्य को लगभग अस्त-व्यस्त कर दिया है. उत्तराखंड में स्कूल-कॉलेज जैसे शैक्षणिक संस्थान समेत सब कुछ बंद हो गया.

अनोखा और शानदार विचार बच्चों की कर रहा है मदद

उत्तराखंड के दूरदराज के हिस्सों में, जहां जीवन वैसे भी कठिन है, स्कूलों के बंद होने का मतलब है कि युवा पाठकों को वह शिक्षा नहीं मिल रही है जिसकी उन्हें जरूरत है, खासकर पढ़ने की आदत नहीं. इससे बचने के लिए, नैनीताल निवासी शुभम बधानी ने लीक से हटकर सोचा और घोड़ा लाइब्रेरी का यह अनोखा और शानदार विचार लेकर आए.

क्या है घोड़ा लाइब्रेरी

जैसा कि नाम से पता चलता है, एक घोड़ा है जो अपनी पीठ पर किताबों का एक गुच्छा लेकर चलता है और एक गाँव से दूसरे गांव जाता है, और हर उस व्यक्ति के लिए रुकता है जो एक या दो किताबें पढ़ना चाहता है. यह कहना सुरक्षित है कि इस विचार को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली और कई लोगों, युवा और वयस्कों, ने अद्वितीय पोर्टेबल लाइब्रेरी का उपयोग करना शुरू कर दिया.

बच्चों के बीच फेमस हुई यह लाइब्रेरी 

आज कई दुर्गम पर्वतीय गांवों में “घोड़ा लाइब्रेरी” के माध्यम से पुस्तकें पहुंचाई जा रही हैं, ताकि पहाड़ के बच्चों का बौद्धिक विकास न रुके. हालांकि, इस मुहिम में कई समस्याएं आईं. शुभम ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या/चुनौती पहाड़ का आपदाग्रस्त होना है. दूसरी चुनौती लाइब्रेरी के महत्व को समुदाय को समझाना आसान नहीं और तीसरी चुनौती किताबों का अभाव. 

इससे अब गांवों में बच्चों को किताबों और अन्य अध्ययन सामग्री तक पूरी पहुंच मिल गई है. घोड़ा पुस्तकालय को आप नैनीताल जिले के कई सुदूर गाँवों में पा सकते हैं. कुछ गाँव बघानी, जालना, महलधुरा, आलेख, गौटिया, धिनवाखरक और बंसी हैं. अब स्कूल बंद होने पर भी बच्चों को किताबें उपलब्ध हैं.

अभिभावकों की स्वेच्छापूर्ण भागीदारी के कारण यह पहल सफल रही. एक ऐसी व्यवस्था की गई जहां माता-पिता हर हफ्ते एक दिन के लिए अपने घोड़ों को स्वेच्छा से देते थे. आइए ईमानदार रहें, घोड़ा बहुत अच्छा स्पर्श था. यह बच्चों के साथ-साथ उन बड़ों का भी ध्यान खींचेगा जिन्हें इसकी जरूरत है.

19वीं सदी से भी फेमस थी घोड़ा लाइब्रेरी

19वीं सदी में ही (1839 में) अमेरिका के टैक्सास और न्यूयॉर्क राज्यों में उपजी थी. मशहूर प्रकाशक हार्पर बंधु, अमेरिकी स्कूल लाइब्रेरी तथा स्मिथनोनियन संग्रहालय लकड़ी के बक्सों में किताबें रखकर मोटरकार द्वारा सुदूर शहरों में मुहय्या कराते रहें. ब्रिटेन में जॉर्ज मूर ने तो गांव में उत्कृष्ण साहित्य के प्रचार हेतु कई चलती फिरती लाइब्रेरी बनाई थी. यही विकास क्रम उतरोत्तर बढ़ता रहा. यह दृष्टांत 1935 से 1943 का है, जब Pack Horse Library Project खूब चला. बुक मोबाइल की योजना के तहत द्वितीय विश्व युद्ध के समय बमबारी से क्षतिग्रस्त इलाकों में भी पुस्तकों की आपूर्ति बनी रही. खच्चर और जीपों पर किताबें भेजी जाती रहीं. उस संकट के दौरान एक चिंतन खूब गहराया कि “बिना पुस्तकों के लोग” अर्थात “बिना खिड़की के घर” जैसे हैं. अतः किताब-यात्रा की योजना बनाई गई. मोबाइल लाइब्रेरी का अवदान खूब मजबूत हुआ. गत सदी (1957) का अमेरिकी वीडियो दिखाता है कि बघ्घी में किताबें भरकर भेजी जाती रहीं. “लाइब्रेरी इन एक्शन” योजना के तहत (1960) में अश्वेत बस्तियों में स्कूली किताबें भेजी जाती रहीं.

Shaurya Punj
Shaurya Punj
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected]

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel