कोलकाता/हुगली: दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) से हजारों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद पूरा आरामबाग सब-डिवीजन बाढ़ की चपेट में है. खानाकुल के बंदीपुर में नदी का बांध टूटने पर और भी तबाही मची हुई है. स्लूट और पातुल गांव पूरी तरह से डूब गये हैं. लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है. मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने 9 जिलों (दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, पूर्व बर्दवान, पश्चिम बंगाल, हावड़ा, हुगली, पूर्व मेदिनीपुर, दार्जिलिंग व कालिम्पोंग) के जिलाधिकारियों के साथ बैठक की और स्थित के बारे में जानकारी ली.
कोलकाता सहित राज्य के अधिकांश जिलों में लगातार 72 घंटे की भारी बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गयी है. कई जिलों में नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. बारिश की वजह से ये जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. भारी बारिश के बाद अब बांधों से भी पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क करते हुए हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया. मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया है. साथ ही नदियों के जल स्तर पर भी लगातार नजर रखने व पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री एकत्रित रखने का आदेश दिया है.
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इस बीच, झारखंड व बंगाल के बांकुड़ा जिले में हुई भारी बारिश के बाद द्वारकेश्वर, सीलावती और गंधेश्वरी नदी में उफान आने से पूरे आरामबाग में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गयी है. आरामबाग का कालीपुर भी डूब गया है. नगरपालिका के प्रशासनिक अधिकारी स्वप्न नंदी ने हजारों लोगों के राहत शिविरों में रहने की व्यवस्था की है. डिजास्टर मैनेजमेंट की टीम पीड़ितों को राहत कैंप में पहुंचाने में जुटी है.
तीन दिनों से लगातार बारिश के चलते श्रीरामपुर नगरपालिका के वार्ड दो के काली बाबू श्मशान घाट से संलग्न एक काली मंदिर नदी के कटाव में ढह गया. कटाव से प्राचीन श्मशान घाट भी नदी में समा सकता है. वार्ड को-ऑर्डिनेटर सुप्रीति मुखर्जी ने कहा कि नदी कटाव को लेकर कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की गयी, पर बात नहीं बनी.
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दक्षिण 24 परगना के कई ब्लॉकों और महेशतला नगरपालिका के कई वार्ड अब तक जलमग्न हैं. ज्यादातर इलाकों की सड़कों पर कमर तक पानी जमा है. आवासीय क्षेत्रों में घर के अंदर तक पानी भर गया है. सारंगाबाद क्षेत्र में एक बहुमंजिला मकान तीन दिन से पानी में डूबा है. जलजमाव की समस्या से परेशान लोगों ने जल्द से जल्द पानी को निकालने की मांग की. वे लोग 2013 से जलजमाव की समस्या से जूझ रहे हैं. जलजमाव के चलते रसोई गैस व अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति करने वाले भी आने से कतराते हैं.
Posted By: Mithilesh Jha