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साहिबगंज : बरहेट की कुसमा संथाली पंचायत में फैली डायरिया, तीन की मौत, घंटों कीचड़ में पड़ा रहा शव

जबकि एक दर्जन से अधिक लोग बीमार हैं. आधुनिक युग में हमारे समाज में कुछ ऐसी घटनाएं घटती हैं, जो हमारे डिजिटल विकास के दावों को खोखला साबित करती है.

साहिबगंज जिले के बरहेट प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कुसमा संथाली पंचायत के केटका टोला पहाड़िया बस्ती में पिछले तीन दिनों से दर्जनों लोग डायरिया से आक्रांत है. बस्ती में अब तक आदिम जनजाति समुदाय की दो महिला एवं एक पुरुष की मौत हो चुकी है, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग बीमार हैं. आधुनिक युग में हमारे समाज में कुछ ऐसी घटनाएं घटती हैं, जो हमारे डिजिटल विकास के दावों को खोखला साबित करती है. आज भी कई ऐसे गांव हैं, जो विकास की पहुंच से कोसों दूर हैं. बरहेट प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कुसमा संथाली पंचायत के मेटर गांव की यह तस्वीर विकास के हमारे खोखले दावों की पोल खोलती है. इस गांव में पहुंचने के लिए दो किमी तक सड़क ही नहीं है. इसी गांव में घर के बाहर चौखट पर कीचड़ में सोमी पहाड़िन (60) का शव करीब चार घंटे तक ऐसे ही पड़ा रहा. सोमी की मौत से करीब पांच घंटे पहले उसके छोटे भाई बेबो मैसा पहाड़िया (50) की इसी घर में मौत हो चुकी थी. दोनों में डायरिया के लक्षण थे.

सोमी ने घर की चौखट पर ही दम तोड़ा, घंटों कीचड़ में पड़ा रहा शव

यह तस्वीर विकास के खोखले दावों की पोल खोलती है. इस गांव में पहुंचने के लिए दो किमी तक सड़क ही नहीं है. डायरिया से पीड़ित सोमी पहाड़िन ने घर की चौखट पर दम तोड़ दिया. उसका शव चार घंटे तक कीचड़ में पड़ा रहा. इससे पांच घंटे पहले उसके छोटे भाई बेबो मैसा पहाड़िया की इसी घर में मौत हो चुकी थी. उसका शव भी घंटों घर में पड़ा था.

बताया जाता है कि इलाके में डायरिया का प्रकोप है. करीब दर्जन भर लोग बीमार हैं. छोटे भाई की मौत के ठीक पांच घंटे बाद सोमी ने भी घर के बाहर तड़प-तड़प कर अपनी जान दे दी. जीते जी तो नहीं, पर मौत के बाद भी दोनों को देखनेवाला कोई नहीं था. बेबो का शव घंटों घर में पड़ा था, वहीं, सोमी की लाश घर के बाहर थी. घर में परिवार में और भी सदस्य थे, बेबो की पत्नी दोगी पहाड़िन और उसके तीन बच्चे मंगल पहाड़िया (8 ), सुरेश पहाड़िया (6 ) एवं चंदा पहाड़िया (10 ). पर पति और उसकी बहन की मौत और अपने तीनों बच्चों के गंभीर रूप से बीमार होने के कारण दोगी पहाड़िन सुध-बुध खो बैठी. घंटों उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था. बाद में उसने किसी तरह आसपास के लोगों को इसकी जानकारी दी. लोग मदद को जुटें, सोमी पहाड़िन के शव को कीचड़ से उठा कर खटिया पर रखा. इसके बाद साेमी और उसके भाई बेबो के शव को दफनाया गया. बताया जाता है कि इसी गांव में सूरजी पहाड़िन की मौत भी हुई है. उसमें भी डायरिया के लक्षण थे.

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मौत के बाद जागा स्वास्थ्य विभाग

बरहेट प्रखंड की कुसमा संथाली पंचायत में तीन लोगों की मौत की खबर मिली है. प्राथमिक सूचना के अनुसार सभी लोगों में डायरिया के लक्षण थे. डीसी रामनिवास यादव के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर व नर्स की टीम गांव में भेजा है. टीम कैंप लगाकर बीमार लोगों का इलाज कर रही है. कुछ बीमार लोगों को इलाज के लिए बरहेट सीएचसी भेजा गया है.

-डॉ अरविंद कुमार, सीएस, साहिबगंज

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