IRCTC: भारत में बड़ी संख्या में लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए रेलवे पर ही निर्भर रहते हैं. ट्रेन से सफर करने के लिए टिकट का होना तो जरूरी है ही, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेलवे की टिकट बुकिंग 24/7 नहीं चलती? ज्यादातर लोग यही मानते हैं कि सिस्टम कभी बंद नहीं होता, लेकिन असलियत कुछ और ही है.
हर रात कुछ मिनटों के लिए इंडियन रेलवे अपनी पूरी टिकटिंग सर्विस बंद कर देता है. इसे ‘साइलेंट ब्रेक’ कहा जाता है. इस छोटे से ब्रेक के दौरान बुकिंग रुक जाती है ताकि पूरा नेटवर्क स्थिर रहे, सेफ रहे और करोड़ों यूजर्स की वजह से सिस्टम क्रैश न हो. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
11:45 बजे से 12:30 बजे तक होती है ‘साइलेंट ब्रेक’
अगर कभी आपने नोटिस किया होगा तो हर रात 11:45 बजे से 12:30 बजे तक पूरे देश में ट्रेन टिकट बुकिंग पूरी तरह बंद हो जाती है. इस दौरान न नई बुकिंग होती है, न कैंसिलेशन, और न ही सीट अलॉट होती है. ऑनलाइन (IRCTC) और ऑफलाइन काउंटर दोनों ही मेन्टेनेंस मोड में चले जाते हैं. फिर 12:30 बजे सिस्टम दोबारा शुरू होता है और बुकिंग पहले की तरह चालू हो जाती है.
हर दिन 45 मिनट का यह शटडाउन जरूरी क्यों होता है?
इंडियन रेल दुनिया के सबसे बड़े टिकटिंग नेटवर्क में से एक है. रोजाना करीब 20 लाख टिकट ऑनलाइन बुक किए जाते हैं, और करोड़ों क्वेरी PRS सर्वर पर पहुंचती हैं. इतने भारी लोड को संभालने के लिए सर्वर को रोज थोड़ी देर की ब्रेक की जरूरत पड़ती है. इसी दौरान मेमोरी क्लियर की जाती है और बैकएंड सिस्टम को रीसेट किया जाता है.
इस साइलेंट विंडो के दौरान क्या होता है?
इस दौरान सिस्टम कुछ जरूरी काम करता है. जैसे सर्वर की मेमोरी साफ करना, वेटिंग लिस्ट अपडेट करना, सीट अवेलबिलिटी रीसेट करना और अगले दिन बुकिंग के लिए खुलने वाली ट्रेनों का नया सीट डेटा लोड करना. इसी वजह से रात 12:30 बजे के बाद अवेलबिलिटी का डेटा अचानक बदल जाता है.
लाइव बुकिंग के दौरान अपडेट क्यों नहीं किए जा सकते?
अगर सिस्टम चलते समय अपडेट किया जाए, तो डेटा में गड़बड़ी और एरर होने के चांस बढ़ जाते हैं. ऐसा होने ओर पूरा नेटवर्क क्रैश भी हो सकता है. इसलिए रेलवे कुछ समय के लिए बुकिंग रोककर अपडेट करता है, ताकि सब कुछ सही रहे.
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