WhatsApp यूजर्स के लिए बड़ी चिंताजनक खबर सामने आयी है. दुनियाभर में करीब 350 करोड़ मोबाइल नंबर एक गंभीर लैप्स के बाद पब्लिक डोमेन में पहुंच गए (WhatsApp Data Leak). रिपोर्ट्स के मुताबिक यह लीक किसी हैकर अटैक का नतीजा नहीं, बल्कि Meta की ही एक तकनीकी चूक का असर है.
नंबर कैसे लीक हुए?
9to5mac की रिपोर्ट बताती है कि गड़बड़ी WhatsApp के Contact Discovery Tool में मौजूद एक कमजोरी से हुई. इस बग के चलते बेसिक पब्लिक डेटा जैसे- मोबाइल नंबर, नाम और प्रोफाइल फोटो- ऑटोमैटिकली स्क्रैप हो गए. अगर यही एक्सप्लॉइट गलत हाथों में चला जाता, तो यह इतिहास का सबसे बड़ा डेटा लीक हो सकता था.
Meta ने क्या कहा?
Meta ने इस घटना पर आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा- वियना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने Bug Bounty Program के तहत जिम्मेदारी से यह खामी बतायी. यह एक नयी कैलकुलेशन टेक्नीक का मुद्दा था, जो कंपनी द्वारा तय की गई सीमाओं से बाहर जा रही थी. Meta के मुताबिक, शोधकर्ता ने इकट्ठा किया डेटा सुरक्षित रूप से डिलीट कर दिया है. कंपनी का दावा है कि इस खामी का किसी भी दुर्भावनापूर्ण तत्व द्वारा दुरुपयोग होने के कोई संकेत नहीं मिले हैं. Meta ने दोहराया कि WhatsApp का Default End-to-End Encryption पूरी तरह सुरक्षित है और निजी चैट किसी भी तरह एक्सेस नहीं हुई.
WhatsApp अकाउंट कैसे रखें सुरक्षित?
यूजर्स अपनी प्राइवेसी को मजबूत करने के लिए कुछ आसान सेटिंग्स अपना सकते हैं-
1. About और Profile Photo
इन्हें Everyone की जगह MyContacts पर सेट करें
2. Silence Unknown Callers
इस फीचर को ऑन करें ताकि अज्ञात कॉलर्स ब्लॉक हों
3. Two-Step Verification
यह आपके WhatsApp में एक अतिरिक्त सिक्योरिटी लेयर जोड़ता है
4. IP Protection
WhatsApp में उपलब्ध IP Hide फीचर को एक्टिव करें.
क्यों मामले को गंभीर माना जा रहा है?
मोबाइल नंबर आज डिजिटल पहचान का सबसे कमजोर लेकिन सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला हिस्सा है. इस तरह के लीक से- स्पैम कॉल, स्कैम लिंक और सोशल इंजीनियरिंग अटैक्स का खतरा बढ़ सकता है.
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