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UPI यूजर्स को राहत, NPCI ने लॉन्च किया नया AI-पावर्ड ‘UPI Help’ फीचर, मिनटों में हल होगा पेमेंट से जुड़ी परेशानियां

NPCI ने डिजिटल ट्रांजैक्शन को और आसान बनाने के लिए ‘UPI Help’ नाम का एक AI असिस्टेंट लॉन्च किया है. यह यूजर्स की रियल-टाइम सवालों, बार-बार होने वाले पेमेंट्स और UPI ट्रांजैक्शन से जुड़ी शिकायतों को तुरंत सुलझाने में मदद करेगा.

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ‘UPI Help’ नाम से एक नया AI-पावर्ड असिस्टेंट लॉन्च किया है. NPCI का ये कदम डिजिटल ट्रांजैक्शन को और आसान बनाने और कस्टमर सपोर्ट को बेहतर करने के लिए तैयार किया गया है. यह असिस्टेंट यूजर्स को रियल टाइम में ट्रांजैक्शन से जुड़ी मदद, रीकरिंग पेमेंट्स मैनेज करने, और UPI ट्रांजैक्शन से जुड़ी शिकायतों को सुलझाने में मदद करेगा. आइए आपको इस नए टूल के बारे में डिटेल में बताते हैं.

कैसे काम करता है UPI Help?

अब आपके ट्रांजैक्शन से जुड़ी परेशानियों को UPI Help तुरंत ठीक करेगा. अगर आपका पेमेंट फेल, पेंडिंग या देरी में है, तो आप इस AI असिस्टेंट की मदद से ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक कर सकते हैं या सीधे कंप्लेन भी रिपोर्ट कर सकते हैं.

यह सिस्टम NPCI के UPI Dispute Resolution (UDIR) फ्रेमवर्क के तहत पार्टनर बैंकों से जुड़ा है. इससे शिकायतों और विवादों को तेजी से निपटाने में मदद मिलती है. इसका मतलब है कि जिन यूजर्स के पेमेंट फंस जाते हैं या फेल हो जाते हैं, उन्हें अब पहले से कहीं कम इंतजार करना पड़ेगा.

UPI मैनडेट्स का मैनेजमेंट हुआ आसान

बार-बार होने वाले पेमेंट्स या ऑटो-पे सब्सक्रिप्शन को मैनेज करना कई यूजर्स के लिए थोड़ा झंझट भरा होता है, खासकर जब अलग-अलग बैंक या ऐप्स में कई सब्सक्रिप्शन चल रहे हों. अब UPI Help की मदद से यह काम बहुत आसान हो गया है.

इस फीचर में यूजर्स अपने सभी एक्टिव मैनडेट्स एक ही जगह पर देख सकते हैं. चाहे वो किसी भी बैंक या प्लेटफॉर्म से जुड़े हुए हो. यहां से आप अपने सब्सक्रिप्शन पर नजर रख सकते हैं, ट्रांजैक्शन मॉनिटर कर सकते हैं, और चाहें तो मैनडेट को कैंसिल या रोक भी सकते हैं. यानी अब डिजिटल पेमेंट्स पर पूरा कंट्रोल आपको मिलेगा, वो भी बिना किसी दूसरी ऐप या बैंक पोर्टल में जाए.

शिकायत और व्यापारी से जुड़ी दिक्कतों को कर सकेंगे ट्रैक

UPI Help की मदद से यूजर अब अधूरी ट्रांजैक्शन या व्यापारी से जुड़ी शिकायतें आसानी से दर्ज कर सकते हैं. इसमें रिफंड या फेल ट्रांजैक्शन जैसी सर्विस से जुड़ी समस्याएं भी शामिल हैं. ये सारे कामों के लिए पहले कस्टमर केयर से बार-बार बात करना पड़ता था. अगर पेमेंट peer-to-merchant (P2M) स्कीम के तहत किया गया है, तो यह असिस्टेंट आपकी शिकायत को संबंधित बैंक तक पहुंचाता है और सेटलमेंट की स्थिति की जानकारी भी देता है. इससे पूरा प्रोसेस ज्यादा पारदर्शी और तेज हो जाती है.

AI असिस्टेंट कैसे कर सकते हैं यूज?

NPCI ने UPI Help को कई माध्यमों से एक्सेस करने की सुविधा दी है. यूजर्स इसे मेंबर बैंकों की वेबसाइट, चैटबॉट्स, DigiSaathi पोर्टल, और आगे चलकर UPI ऐप्स में भी API इंटीग्रेशन के जरिए इस्तेमाल कर सकेंगे. फिलहाल यह असिस्टेंट पायलट फेज में है और इसे लिमिटेड यूजर्स के लिए लॉन्च किया गया है. इस फेज से मिलने वाले फीडबैक के बाद NPCI इसे धीरे-धीरे सभी UPI प्लेटफॉर्म्स पर जारी करेगा.

यह भी पढ़ें: ChatGPT पर भी होगा UPI पेमेंट, NPCI ने कर ली तैयारी

Ankit Anand
Ankit Anand
अंकित आनंद ने GGSIP यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन में ग्रेजुएशन की है. वर्तमान में, वह प्रभात खबर.कॉम में टेक और वायरल सेक्शन की खबरें कवर करते हैं. प्रभात खबर में शामिल होने से पहले उन्होंने ZEE न्यूज़ में असिस्टेंट प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है. इन्हें लाइफस्टाइल, ट्रैवल, स्पोर्ट्स और पॉलिटिक्स जैसे विषयों पर लिखने में रुचि है. इसके अलावा अंकित को नई चीजें सीखना, किताबे पढ़ना, फिल्में और क्रिकेट देखना पसंद है.

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