Indian Aerospace: दुनिया के बड़े एयरोस्पेस दिग्गज अब भारत की ओर रुख कर रहे हैं. एयरबस (Airbus), बोइंग (Boeing), रोल्स रॉयस (Rolls Royce) जैसे ग्लोबल कंपनियां भारत से लगातार एयरोस्पेस कंपोनेंट्स की खरीद बढ़ा रही हैं. इसी वजह से देश का एयरक्राफ्ट पार्ट्स सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है और भारतीय कंपनियां अब सिर्फ छोटे पार्ट्स नहीं बल्कि हाई-वैल्यू प्रोडक्शन और एडवांस्ड कंपोनेंट्स बनाने लगी हैं.
भारत का एयरोस्पेस बिजनेस 250 मिलियन से 2 बिलियन डॉलर तक
पिछले एक दशक में भारत की एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में जबरदस्त उछाल आया है. Boeing अब भारत से हर साल 1 अरब डॉलर से ज्यादा के पार्ट्स मंगवा रही है, जो 10 साल पहले सिर्फ 250 मिलियन डॉलर था. Airbus ने घोषणा की है कि वह 2030 तक भारत से 2 बिलियन डॉलर के पार्ट्स खरीदेगी. यह आंकड़े दिखाते हैं कि भारत अब सिर्फ बाजार नहीं, बल्कि ग्लोबल सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बन रहा है.
देशी कंपनियां कर रही हैं ग्लोबल दिग्गजों को सप्लाई
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक के Belgaum में स्थित Aequs कंपनी Airbus, Boeing, Bombardier और Collins Aerospace जैसी दिग्गज कंपनियों को सप्लाई करती है. Aequs के CEO अरविंद मेल्लिगेरी ने कहा- हम अपने ग्राहकों के लिए बेहद जरूरी पार्ट हैं. ऐसे में टैरिफ का असर बहुत कम होता है, क्योंकि वे आसानी से सप्लायर नहीं बदल सकते. Aequs का FY25 में 89% रेवेन्यू सिर्फ एयरोस्पेस से आया है, जो ₹925 करोड़ तक पहुंच गया.
IPO की तैयारियों में एयरोस्पेस कंपनियां
भारतीय एयरोस्पेस सेक्टर अब स्टॉक मार्केट में एंट्री की तैयारी में है.SMPP जहां ₹4,000 करोड़ तो वहीं Aequs ₹1,700 करोड़ के IPO लाने वाली है. कुल मिलाकर करीब ₹5,700 करोड़ जुटाने की तैयारी है. निवेशकों का रुझान भी इस सेक्टर की ओर बढ़ रहा है क्योंकि ग्रोथ रेट बेहद मजबूत है.
तेजी से बढ़ता बिजनेस और नये अधिग्रहण
Unimech Aerospace और Azad Engineering जैसी कंपनियां अपने काम को और बढ़ाने के लिए नयी acquisitions और joint ventures कर रही हैं. Azad Engineering ने Honeywell, Rolls Royce और Eaton Aerospace जैसी कंपनियों के लिए सप्लाई बढ़ाई है. कंपनी की FY25 में एयरोस्पेस और डिफेंस रेवेन्यू 84% बढ़कर ₹81 करोड़ पहुंच गया. इसका स्टॉक दिसंबर 2023 से अब तक 215% चढ़ चुका है. CEO राकेश चोपदार ने बताया कि अब उनके पास ₹1,700 करोड़ का ऑर्डर बुक है- जो सालाना सेल्स से 20 गुना ज्यादा है.
भारत अब बना रहा है और जटिल एयरोस्पेस पार्ट्स
Unimech Aerospace ने बताया कि जून 2025 तक कंपनी ने 4,769 अलग-अलग एयरोस्पेस कंपोनेंट्स (SKUs) बनाये हैं, जिनमें से 381 नये उत्पाद सिर्फ पिछले तीन महीनों में जोड़े गए हैं. यानी भारत अब उच्च-तकनीकी और प्रिसिशन इंजीनियरिंग में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है.
ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत का बढ़ता हिस्सा
फिलहाल भारत ग्लोबल एयरोस्पेस सप्लाई चेन में सिर्फ 2% योगदान देता है. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले कुछ वर्षों में यह 10% तक पहुंच सकता है. Aequs के CEO मेल्लिगेरी के अनुसार- भारत अब दुनिया के सबसे बड़े एविएशन मार्केट्स में से एक बन रहा है, इसलिए ग्लोबल कंपनियां यहां सिर्फ बेचने नहीं बल्कि खरीदने भी आ रही हैं.
एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री की ऊंची उड़ान
भारत की एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री अब अपनी सबसे ऊंची उड़ान भरने की तैयारी में है. आने वाले कुछ सालों में यह सेक्टर ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत की पहचान और मजबूत करेगा और भारत एयरक्राफ्ट बनाने वाली ताकत के रूप में दुनिया में नयी जगह बना सकता है.
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