DPDP Act: सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 (DPDP Act) में अब किसी भी प्रकार के संशोधन की गुंजाइश नहीं है. पत्रकारों और नागरिक संगठनों की चिंताओं के बावजूद, सरकार अधिनियम के नियमों को अंतिम रूप देने में जुटी है.
RTI और प्रेस स्वतंत्रता पर उठे सवाल
पत्रकार संगठनों और नागरिक अधिकार समूहों ने आशंका जताई है कि DPDP अधिनियम के प्रावधान सूचना का अधिकार (RTI) कानून को कमजोर कर सकते हैं. उनका कहना है कि इससे भ्रष्टाचार उजागर करने, योजनाओं की निगरानी और फाइलों की स्थिति जानने में बाधा आएगी.
विशेष छूट की मांग और आंदोलन की चेतावनी
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को ज्ञापन सौंपकर पत्रकारों को विशेष छूट देने की मांग की है. संगठन ने चेतावनी दी है कि मांग नहीं माने जाने पर कानूनी कार्रवाई या आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा.
अधिनियम पर मिले हजारों सुझाव
सरकारी सूत्रों के अनुसार, अधिनियम और उसके मसौदा नियमों को विभिन्न संस्थानों से मिले 6,900 से अधिक सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है. जल्द ही इससे संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवालों (FAQs) की सूची भी जारी की जाएगी.
संसद से पारित कानून में संशोधन संभव नहीं
सूत्रों ने स्पष्ट किया कि चूंकि यह अधिनियम संसद से पारित हो चुका है, इसलिए अब इसमें संशोधन संभव नहीं है. नियम केवल अधिनियम के दायरे में ही बनाये जा सकते हैं.
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