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Apple पर दर्ज हो गया कॉपीराइट केस, AI मॉडल का है मामला

Apple AI Copyright Case: अमेरिका में दो लेखकों ने Apple के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिसमें आरोप है कि कंपनी ने उनकी किताबों का इस्तेमाल अपने AI मॉडल OpenELM को प्रशिक्षित करने में किया. जानिए पूरा मामला

Apple AI Copyright Case: अमेरिका में दो प्रसिद्ध लेखकों ने तकनीकी दिग्गज Apple के खिलाफ कॉपीराइट उल्लंघन का मुकदमा दायर किया है. आरोप है कि कंपनी ने उनकी किताबों का इस्तेमाल अपने AI मॉडल को प्रशिक्षित करने में किया, वो भी बिना अनुमति और मुआवजे के. यह मामला AI युग में बौद्धिक संपदा की सुरक्षा को लेकर उठते सवालों की एक और कड़ी बन गया है.

क्या है पूरा मामला?

उत्तरी कैलिफोर्निया की संघीय अदालत में दायर इस प्रस्तावित सामूहिक मुकदमे में लेखक ग्रैडीहेंड्रिक्स और जेनिफर रॉबर्सन ने दावा किया है कि Apple ने उनकी किताबों को एक पायरेटेड डेटासेट में शामिल कर अपने OpenELM नामक बड़े भाषा मॉडल को प्रशिक्षित किया.

लेखकों का कहना है कि Apple ने न तो उनकी सहमति ली, न ही कोई श्रेय या पारिश्रमिकदिया. यह मॉडल Hugging Face पर उपलब्ध है और इसके प्रशिक्षण में Red Pajama नामक डेटासेट का उपयोग किया गया, जिसमें Books3 नामक उप-डेटासेट शामिल था, जिसे “पायरेटेड किताबों का संग्रह” माना जाता है.

AI युग में कॉपीराइट की चुनौती

यह मुकदमा उन कई मामलों में से एक है जो AI कंपनियों द्वारा कॉपीराइट सामग्री के उपयोग को लेकर उठाए जा रहे हैं. इससे पहले Microsoft, Meta, OpenAI और Midjourney जैसी कंपनियों पर भी इसी तरह के आरोप लगे हैं.

तकनीकी कंपनियां अक्सर यह तर्क देती हैं कि AI मॉडल का प्रशिक्षण “फेयरयूज” के अंतर्गत आता है, लेकिन लेखकों का कहना है कि उनकी रचनाओं को बिना अनुमति कॉपी करना और व्यावसायिक लाभ लेना कानून का उल्लंघन है.

एंथ्रोपिक ने किया 1.5 अरब डॉलर का समझौता

Apple के खिलाफ मुकदमे से ठीक पहले, AI स्टार्टअप Anthropic ने लेखकों के एक समूह के साथ $1.5 बिलियन (लगभग ₹132 अरब) का समझौता किया. आरोप था कि कंपनी ने अपनी चैटबॉटClaude को प्रशिक्षित करने के लिए पायरेटेड किताबों का इस्तेमाल किया.

इस समझौते के तहत प्रत्येक लेखक को औसतन $3,000 का मुआवजा मिलेगा, और कंपनी को उन सभी किताबों की डिजिटल कॉपियां नष्ट करनी होंगी, जो उसने अवैध रूप से प्राप्त की थीं.

क्या कहता है कानून?

मामले की कानूनी जटिलता इस बात पर केंद्रित है कि क्या AI मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए कॉपीराइट सामग्री का उपयोग “फेयरयूज़” की श्रेणी में आता है. कुछ अदालतों ने इसे सीमित रूप से स्वीकार किया है, लेकिन पायरेटेड स्रोतों से सामग्री लेना स्पष्ट रूप से अवैध माना जा सकता है.

बौद्धिक संपदा की रक्षा की बात

Apple पर लगे ये आरोप न केवल कंपनी की प्रतिष्ठा को चुनौती देते हैं, बल्कि यह सवाल भी उठाते हैं कि AI के बढ़ते उपयोग के बीच रचनात्मक पेशेवरों की बौद्धिक संपदा की रक्षा कैसे की जाए. आने वाले समय में यह मुकदमा AI और कॉपीराइट कानूनों के बीच संतुलन तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है.

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Rajeev Kumar
Rajeev Kumar
राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए [email protected] पर

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