AI Impact on Jobs: कृत्रिम मेधा (AI) के विकास ने कामकाजी दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है. ऑटोमेशन और मशीन लर्निंग के कारण कई पारंपरिक नौकरियों का स्वरूप बदल रहा है, वहीं नई संभावनाओं के द्वार भी खुल रहे हैं. कृत्रिम मेधा (AI) के बढ़ते प्रभाव को लेकर सेल्सफोर्स (दक्षिण एशिया) की अध्यक्ष एवं सीईओ अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि आने वाले समय में नौकरियों की प्रकृति में व्यापक बदलाव देखने को मिलेगा. उन्होंने सुझाव दिया कि इस बदलाव के अनुरूप नए कौशल सीखना आवश्यक होगा ताकि लोग प्रतिस्पर्धा में बने रह सकें.
एआई और भविष्य की नौकरियां
भट्टाचार्य ने कहा कि AI डेटा का इस्तेमाल कर व्यावसायिक परिणामों को बेहतर बनाएगा और मानवीय त्रुटियों को कम करेगा. उन्होंने इस बदलाव को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा, “परिवर्तन को अपनाना चाहिए, न कि उसका विरोध करना.” उनके अनुसार, मनुष्य और एआई मिलकर काम करने पर अधिक दक्षता और उत्पादकता ला सकते हैं.
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भारत में सेल्सफोर्स का विस्तार
अरुंधति भट्टाचार्य ने भारत में सेल्सफोर्स के बढ़ते संचालन पर भी जानकारी दी. कंपनी ने 2005 में हैदराबाद में अपना पहला उत्कृष्टता केंद्र शुरू किया था. यह बंधन बैंक के साथ मिलकर आवास और वाणिज्यिक ऋण प्रणाली की दक्षता बढ़ाने में भी सहयोग कर चुका है. वर्तमान में सेल्सफोर्स भारत के छह शहरों में कार्यरत है. कंपनी का वार्षिक राजस्व 1 अरब डॉलर तक पहुंच गया है और इसके कर्मचारियों की संख्या 13,000 हो चुकी है.
एआई से बदलती कारोबारी रणनीतियां
भट्टाचार्य ने बताया कि विभिन्न उद्योगों में AI स्वचालन, डेटा एनालिटिक्स और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी बना रहा है. कंपनियों को इसके उपयोग को अपनाना चाहिए ताकि वे प्रतिस्पर्धा में आगे रह सकें.
एआई से नौकरियों की प्रकृति बदलेगी
सेल्सफोर्स की सीईओ अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि AI मानवीय दक्षता को बढ़ाएगा और डेटा का उपयोग कर व्यावसायिक परिणामों को बेहतर बनाएगा. उन्होंने परिवर्तन को अपनाने और नए कौशल सीखने की जरूरत पर बल दिया.
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