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आकर्षक हो रही ऑनलाइन लर्निंग, कंटेंट डेवलेपर एनिमेशन आधारित ई-लर्निंग से ऐसे जोड़ रहे छात्रों को

ऑनलाइन लर्निंग के कंटेंट को व्यवस्थित और आकर्षक बनाने के लिए कंटेंट डेवलेपर नयी-नयी तकनीकों का सहारा ले रहे हैं. गेमिफिकेशन और एनिमेशन आधारित ई-लर्निंग कोर्सेज द्वारा अधिक-से-अधिक छात्रों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है़ आइए डालते हैं एक नजर वक्त के साथ बदलती ई-लर्निंग व्यवस्था और नये तकनीकी परिवर्तनों पर… ऑनलाइन लर्निंग […]

ऑनलाइन लर्निंग के कंटेंट को व्यवस्थित और आकर्षक बनाने के लिए कंटेंट डेवलेपर नयी-नयी तकनीकों का सहारा ले रहे हैं. गेमिफिकेशन और एनिमेशन आधारित ई-लर्निंग कोर्सेज द्वारा अधिक-से-अधिक छात्रों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है़

आइए डालते हैं एक नजर वक्त के साथ बदलती ई-लर्निंग व्यवस्था और नये तकनीकी परिवर्तनों पर…

ऑनलाइन लर्निंग के तरफ छात्रों के बढ़ते रुझान को देखते हुए ई-लर्निंग कंटेंट को प्रभावी बनाने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. ई-लर्निंग कोर्सेज तैयार करने में जहां गेमिफिकेशन, एनीमेशन एवं सिमुलेशन जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, वहीं कोर्स डेवलपर्स द्वारा इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि वे कैसे अधिक-से-अधिक छात्रों तक अपने कोर्स को पहुंचा सकें. इन प्रयासों के साथ ऑनलाइन लर्निंग में कुछ परिवर्तन देखने को मिले हैं.

गेमिफिकेशन का बढ़ता प्रयोग

इ-लर्निंग कंटेंट को रोचक बनाने एवं छात्रों को इससे जोड़े रखने के लिए ऑनलाइन कोर्सेज में गेमिफिकेशन यानी खेल के अंदाज में पढ़ने-पढ़ाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. इस दिशा में डोकेबो द्वारा जारी की गयी रिपोर्ट की मानें तो वर्ष 2021 तक ग्लोबल गेमिफिकेशन मार्केट 7.3 अरब तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है. मौजूदा दौर में विभिन्न संस्थान गेमिफाइड लर्निंग कंटेंट तैयार करने पर जोर दे रहे हैं.

मोबाइल बन गया है लोकप्रिय लर्निंग टूल

वर्तमान में 24X7 इंटरनेट सेवा से लेस रहनेवाले मोबाइल ने शिक्षा के परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है. ऑनलाइन शिक्षा बाजार में छात्रों के लिए मोबाइल लर्निंग एप्लीकेशन की भरमार है.

इसी के चलते वर्ष 2020 तक मोबाइल लर्निंग बाजार के 70 अरब तक पहुंचने की संभावना जतायी जा रही है. 72 प्रतिशत से अधिक संस्थान लर्निंग मीडिया का चयन करते वक्त मोबाइल लर्निंग को प्राथमिकता दे रहे हैं.

एनिमेशन एवं सिमुलेशन का प्रयोग

इ-लर्निंग के दौरान छात्र कोर्स को सरल-से-सरल भाषा एवं उदाहरण के साथ समझना चाहते हैं. इसी के चलते अब ऑनलाइन कोर्सेज तैयार करते वक्त वीडियोज, एनिमेशन एवं सिमुलेशन जैसी तकनीक का अधिक से अधिक प्रयोग किया जा रहा है. अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इन तकनीक के माध्यम से तथ्यों को समझानेवाले कोर्सेज के लर्नर्स की संख्या स्टडी मटीरियल का प्रयोग करनेवाले लर्नर्स की संख्या से ज्यादा देखी गयी है. ऐसे में काेर्स डेवलपर वीडियोज, एनिमेशन एवं सिमुलेशन जैसी तकनीक के माध्यम से अपने कोर्स को समझाने को प्रमुखता दे रहे हैं.

डिमांड में हैं शॉर्ट टर्म कोर्सेज

ऑनलाइन लर्निंग के दौरान ज्यादा बड़ा स्टडी कंटेंट पढ़ने में उबाऊ हो जाता है. छात्रों को ऐसे ही कंटेंट अच्छे लगते हैं, जो छोटे व सीधे-सीधे मुद्दे की बात कहते हों. ऐसे कोर्स को पूरा करने में समय भी कम लगता है.

इसी के चलते आनेवाले समय में ऑनलाइन स्टडी के दौरान शॉर्ट टर्म कोर्सेज की डिमांड को बढ़ते देखा जा सकता है. इसके साथ ही आनेवाले समय में इ-लर्निंग कोर्सेज की लागत को कम करने के हर मुमकिन प्रयास किये जा रहे हैं. चूंकि इ-लर्निंग का उद्देश्य अधिक-से-अधिक छात्रों तक रोचक कंटेंट को पहुंचाना है, इसी के चलते सप्लायर्स व संस्थान दोनों ही काेर्स की कीमत को कम रखने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं.

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