Ambassador Car From Scrap: एक दौर में शान की सवारी मानी जानेवाली एम्बेसडर कार का क्रेज अब भी कम नहीं हुआ है. इस ऐतिहासिक कार को जीवंत करने के लिए मध्य प्रदेश के इंदौर के एक कलाकार ने अनूठा प्रयोग किया है. अनोखी कलाकृतियां बनाने के लिए मशहूर, 47 साल के सुंदर गुर्जर ने एम्बेसडर कार पर 1000 किलो नट और ऑटोमोबाइल स्क्रैप को कलात्मक ढंग से लगाकर उसे अनोखा रूप दे दिया. इसमें ऑटोमोबाइल के लगभग हर पुर्जे का स्क्रैप लगा है. आमतौर पर लकड़ियों के म्यूरल्स पर काम करनेवाले सुंदर गुर्जर का यह पहला मेटल का म्यूरल है.
3 लाख रुपये हुए खर्च
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुंदर गुर्जर ने इस ऐम्बेसडर को नया रूप देने में तीन लाख रुपये खर्च कर दिये हैं. बीस साल से कलाकृतियां बना रहे और इंदौर, नयी दिल्ली सहित कई शहरों में एग्जीबिशन लगा चुके सुंदर कहते हैं कि उन्होंने इसे बनाने में 700 किलो नट और मेटल स्क्रैप का इस्तेमाल किया है. लेकिन उन्होंने इसे व्यावसायिक दृष्टि से नहीं बनाया है. लगभग छह दशकों तक सड़कों की महारानी रही एम्बेसडर कार, जिसका प्रोडक्शन साल 2014 में अब बंद हो गया, उसे सहेजने के लिए यह एक कोशिश-भर है.
कीमत 10 लाख रुपये
म्यूरल आर्टिस्ट सुंदर गुर्जर ने नयी मोडिफाइड कार की कीमत 10 लाख रुपये लगायी है. ये कार सुंदर का सबसे महंगा म्यूरल है. यह कार अंदर से पूरी तरह से खाली है. इसका मतलब यह कि अगर आप यह सोचते हैं कि इस कीमत में आपको पूरी चलती-फिरती कार मिलेगी, तो जरा ठहर जाइए. इसमें न इंजन लगा है और न ही चेयर या दूसरे पार्ट. यह एक तरह से शो-पीस ही है, जिसे कलाकार ने मात्र तीन महीने में तैयार किया है. हालांकि, कोरोना में लॉकडाउन के दौरान उन्होंने इसके पार्ट्स ढूंढने में जबर्दस्त मेहनत की.