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Petrol का विकल्प बनेगा Hydrogen? नितिन गडकरी की वजह से चर्चा में देश की पहली हाइड्रोजन कार Toyota Mirai

Petrol vs Hydrogen Car: टोयोटा की इस कार का नाम 'मिराई' (Toyota Mirai). 'मिराई' जापानी शब्द है, जिसका मतलब भविष्य होता है. हाइड्रोजन ईंधन को अब भविष्य का ईंधन माना जा रहा है. जानें कैसे काम करती है यह तकनीक

Petrol Diesel Price Hike vs Hydrogen Fuel Cell Car: देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जहां आग लगी हुई है, वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक ऐसी कार की झलक दिखायी है जो भविष्य की कार मानी जा रही है. नितिन गडकरी इसी कार से बुधवार को संसद पहुंचे. ये कार ना पेट्रोल-डीजल से चलती है, ना CNG से और ना ही बिजली से. यह हाइड्रोजन कार (Hydrogen Car) ग्रीन हाइड्रोजन से चलती है.

प्रति किलोमीटर सिर्फ 2 रुपये का खर्च

टोयोटा की इस कार का नाम ‘मिराई’ (Toyota Mirai). ‘मिराई’ एक जापानी शब्द है, जिसका मतलब भविष्य होता है. हाइड्रोजन ईंधन को अब भविष्य का ईंधन माना जा रहा है. भारत बड़ी मात्रा में पेट्रोल-डीजल आयात करता है, ये ईंधन महंगे तो हैं ही, इनसे प्रदूषण भी बहुत होता है, जबकि ग्रीन हाइड्रोजन काफी सस्ती गैस है, इसके जरिये प्रति किलोमीटर सिर्फ 2 रुपये का खर्च आयेगा.

Also Read: Toyota Mirai: धुएं की जगह पानी छोड़ने वाली यह कार देती है 646 किमी का रेंज नितिन गडकरी ने हाल ही में लॉन्च की है यह कार

नितिन गडकरी ने हाल ही में भारत का पहला हाइड्रोजन आधारित एडवांस्ड फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन टोयोटा मिराई (Toyota Mirai) को लॉन्च किया था. कंपनी का दावा है कि इस कार में सिर्फ पांच मिनट में ईंधन भरा जा सकता है. ये कार एक बार टैंक फुल होने पर 646 किमी तक की दूरी तय कर सकती है. नितिन गडकरी ने हाल ही में टोयोटा मिराई फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक कार की खासियतों के बारे में एक वीडियो साझा किया था, जिसमें इस कार की खूबियों के बारे में बताया गया है.

ग्रीन हाइड्रोजन क्या है और ग्रीन हाइड्रोजन कार कैसे चलती है?
  • ग्रीन हाइड्रोजन पारंपरिक ईंधन का एक विकल्प है, जिसे किसी भी वाहन पर इस्तेमाल किया जा सकता है. ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन मध्यम से लंबी दूरी की यात्रा के लिए काफी भरोसेमंद मानी जा रही है

  • ग्रीन हाइड्रोजन एक शून्य-उत्सर्जन ईंधन है. इसका मतलब यह है कि इससे कोई प्रदूषण नहीं होगा

  • यात्रा के दौरान पानी के अलावा कोई उत्सर्जन नहीं होगा

  • कार में हाइड्रोजन भरने में 3 से 5 मिनट का समय लगेगा, जितना पेट्रोल भरने में लगता है

  • हाइड्रोजन से चलने वाली कार में, गैस को एक हाई-प्रेशर टैंक में स्टोर किया जाता है. फिर इसे बिजली पैदा करने के लिए फ्यूल सेल में भेजा जाता है. हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बीच प्रतिक्रिया से बिजली पैदा होती है और यही वाहन के लिए फ्यूल का काम करता है.

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केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी वैकल्पिक ईंधन की वकालत करते रहे हैं और अब उन्होंने यह दिखाया है कि ईंधन का भविष्य हाइड्रोजन है. ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर सरकार एक बड़ा मिशन शुरू कर रही है. गडकरी ने कहा, ‘आत्मनिर्भर’ बनने के लिए, हमने ग्रीन हाइड्रोजन को पेश किया है जो पानी से पैदा होता है. यह कार पायलट प्रोजेक्ट के तहत आयी है. अब देश में ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण शुरू होगा और रोजगार के नये मौके पैदा होंगे.

3000 करोड़ रुपये का मिशन

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी ने यह अध्ययन करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है कि टोयोटा मिराई भारतीय सड़कों और जलवायु परिस्थितियों के लिए कितनी उपयुक्त है. केंद्रीय परिवहन मंत्री ने कहा, भारत सरकार ने 3000 करोड़ रुपये का मिशन शुरू किया है और जल्द ही हम हाइड्रोजन का निर्यात करने वाला देश बन जाएंगे. देश में जहां भी कोयले का इस्तेमाल होगा, वहां ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाएगा.

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