6 Airbags Mandatory: सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने M1 श्रेणी के अंतर्गत आनेवाली कारों के लिए छह एयरबैग अनिवार्य कर दिये हैं. इस श्रेणी में 8-सीटर पैसेंजर कारें शामिल हैं. यह आदेश (New Rule) 1 अक्टूबर, 2022 से बननेवाली सभी कारों पर लागू होगा.
ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में कहा गया है कि एम 1 कैटेगरी की कारों में 2 साइड बाई साइड टॉरसो एयरबैग, फ्रंट-रो के लिए एक-एक एयरबैग और दो कर्टेन एयरबैग्स लगे होंगे. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहले ही मसौदे को मंजूरी दे चुके हैं.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले दिनों अपने ट्वीट में कहा कि वाहनों में सवार लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वाहन विनिर्माताओं को गाड़ियों में एयरबैग की संख्या बढ़ानी होगी. उन्हें आठ सवारियों तक की क्षमता वाले वाहनों में न्यूनतम छह एयरबैग लगाने को कहा जाएगा.
गडकरी ने कहा कि वाहनों की आमने-सामने की टक्कर और बगल से होने वाली टक्कर के असर को कम कर सवारियों को सुरक्षित रखने के लिए यह तय किया गया है कि वाहनों में चार अन्य एयरबैग भी दिये जाएं. गडकरी ने कहा, पीछे की सीट पर अगल-बगल दो एयरबैग देने और दो ट्यूब एयरबैग देने से सभी सवारियों के लिए सफर को सुरक्षित बनाया जा सकेगा. भारत में मोटर वाहनों को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए यह अहम कदम है.
अब कार मेकर्स को सेफ्टी फीचर्स में बदलाव करने की जरूरत होगी और इन फीचर्स की वजह से गाड़ियों की कीमतें लगभग 20,000 रुपये से 30,000 रुपये तक बढ़ जाएंगी. इससे पहले सरकारी आदेश के बाद 1 अप्रैल, 2021 से को-ड्राइवर सीट के लिए ड्यूअल एयरबैग्स को भी अनिवार्य किया गया था.
किसी भी कार के स्टैंडर्ड सेफ्टी फीचर्स में डुअल फ्रंट एयरबैग, ABS, रियर पार्किंग सेंसर, फ्रंट सीट बेल्ट रिमाइंडर और स्पीड अलर्ट सिस्टम शामिल हैं. बड़े पैमाने पर बाजार में बिकनेवाली ज्यादातर कारों के स्टैंडर्ड मॉडल में ड्यूल फ्रंट एयरबैग ऑफर किये जाते हैं.