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राज्यपाल पर महिला ने लगाये गंभीर आरोप

राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस के खिलाफ छेड़खानी की शिकायत लेकर राजभवन में ही अस्थायी कर्मचारी के तौर पर काम करनेवाली एक महिला गुरुवार शाम को हेयर स्ट्रीट थाने में पहुंची.

बोले गवर्नर-मैं डरने वाला नहीं – हेयर स्ट्रीट थाने में राजभवन की अस्थायी महिला कर्मचारी ने की शिकायत – पुलिस ने कहा- कानूनी सलाह लेकर राष्ट्रपति के पास शिकायत की प्रति भेजने की तैयारी कोलकाता. राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस के खिलाफ छेड़खानी की शिकायत लेकर राजभवन में ही अस्थायी कर्मचारी के तौर पर काम करनेवाली एक महिला गुरुवार शाम को हेयर स्ट्रीट थाने में पहुंची. पुलिस ने पीड़िता की शिकायत की प्रति लेकर आगे की कार्रवाई शुरू की है. हालांकि, इस मामले में खबर लिखे जाने तक थाने में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है. पुलिस मामले में कानूनी सलाह ले रही है. क्या है मामला: पुलिस के मुताबिक, अपनी शिकायत में पीड़िता ने बताया है कि वह राजभवन में वर्ष 2019 के जून महीने से अस्थायी कर्मचारी के तौर पर काम करती हैं. मौजूदा समय में राजभवन के ‘पीस रूम’ में उनकी ड्यूटी थी. पीड़िता का आरोप है कि पिछले 19 अप्रैल को उसे अपना बायोडाटा लेकर राज्यपाल के पास जाने को कहा गया. वह इस निर्देश के बाद 24 अप्रैल को राजभवन में राज्यपाल के पास अपना बायोडाटा लेकर गयी थी. पीड़िता ने शिकायत में आरोप लगाया है कि इस दौरान कमरे में राज्यपाल ने उससे अश्लील बातें कहीं. उसे स्थायी काम पर नियुक्त करवा देने का आश्वासन भी दिया. इसके बाद वह उनके (राज्यपाल के) कमरे से बाहर निकल गयी. पुलिस के मुताबिक, पीड़िता ने बताया कि अचानक उसे गुरुवार (दो मई) की शाम को फिर से राज्यपाल, जहां प्रशासनिक काम करते हैं, उस कमरे में जाने को कहा गया. पीड़िता ने पुलिस को बताया कि इस बार वह अपने विभाग में काम करनेवाले सुपरवाइजर को साथ लेकर राज्यपाल के कमरे में गयी. वहां कुछ समय बात करने के बाद राज्यपाल ने उसके साथ कमरे में मौजूद सुपरवाइजर को कमरे से बाहर निकलने को कहा. इसके बाद सुपरवाइजर के कमरे से बाहर निकल जाने के बाद वह कमरे में अकेली रह गयी. पीड़िता का आरोप है कि इस दौरान राज्यपाल ने फिर से उसे अश्लील प्रस्ताव दिया. उसे इसके बदले उसे स्थायी नौकरी दिलवा देने का प्रलोभन भी दिया. राज्यपाल के कमरे से बाहर निकल सीधे पहुंची पुलिस के पास पीड़िता ने पुलिस को बताया कि दोबारा इस तरह से छेड़खानी की शिकार होने के बाद वह तुरंत उस समय राज्यपाल के कमरे से बाहर निकली. इसके बाद राजभवन के गेट पर सुरक्षा के दायित्व में तैनात पुलिसकर्मियों को पूरी जानकारी दी. जिसके बाद वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने महिला को पुलिस की गाड़ी में हेयर स्ट्रीट थाने में पहुंचाया. वहां पीड़िता ने राज्यपाल के खिलाफ इसकी लिखित शिकायत दर्ज करायी. पुलिस ने इस मामले में अबतक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है. इधर, कोलकाता पुलिस के मुख्यालय ‘लालबाजार’ के सूत्र बताते हैं कि राज्यपाल प्रशासनिक प्रमुख हैं. इसके कारण उनके खिलाफ कोई एफआइआर दर्ज नहीं करने का प्रावधान है. इसके कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय में या फिर सीधे राष्ट्रपति के पास पीड़िता की लिखित शिकायत पत्र को भेजने पर विचार किया जा रहा है. इसके लिए कानूनी जानकारों से सलाह ली जा रही है. उधर, राज्यपाल ने अपने खिलाफ लगे आरोपों के मद्देनजर उनके साथ खड़े राजभवन के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा: दो असंतुष्ट कर्मचारियों ने राजनीतिक दलों के एजेंट के रूप में कार्य करते हुए मेरे खिलाफ अपमानजनक बातें कही हैं. पर, अंतत: सत्य की ही जीत होगी. मैं इस प्रकार की साजिशों से डरने वाला नहीं. अगर कोई व्यक्ति मुझे बदनाम करके चुनावी लाभ उठाना चाहता है, तो भगवान उसका भला करें. लेकिन ये लोग बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ मेरी लड़ाई को नहीं रोक सकते.

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