सिलीगुड़ी. सार्क देशों के बीच कई प्रकार की समस्याएं हैं और इन समस्याओं को दूर करने के लिए मिलकर काम करना बेहद जरूरी है. सार्क के कई देशों में आतंकवाद ने अपना पांव पसार रखा है और इसको खत्म करने के लिए कड़ी कार्रवाई करना बेहद जरूरी है. यह बातें नेपाल सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस तथा वर्तमान में नेपाल मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन अनुप राज शर्मा ने कही.
श्री शर्मा इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ लीगल स्टडीज (आइआइएलएस) के सेमिनार में भाग लेने के लिए सिलीगुड़ी आये हुए हैं. इसी क्रम में उन्होंने सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में संवाददाताओं से बातचीत की.
उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के बीच आपसी संबंध पहले से ही काफी बेहतर है, लेकिन इसे और भी प्रगाढ़ करने की जरूरत है. कभी-कभी भारत द्वारा की गई कार्रवाई का असर सीधा नेपाल पर पड़ता है. उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले भारत ने अघोषित रूप से आर्थिक नाकेबंदी की थी और इसका सीधा असर नेपालवासियों पर पड़ा. भारत सरकार भले ही आर्थिक नाकेबंदी की बात को नकार रही थी, लेकिन वास्तविकता यह है कि भारतीय सीमा क्षेत्र से माल लदी गाड़ियों को नेपाल में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा था. इस तरह की स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए. भविष्य में कोई ऐसा कटु अनुभव नेपाल के लोगों को न हो, इसके लिए दोनों देशों को ठोस पहल करनी चाहिए. नेपाल में नया संविधान लागू हुआ है और वहां की सरकार भी नयी है. यदि दोनों देशों के बीच कोई समस्या हो तो इसे आपसी बातचीत से दूर किया जाना चाहिए. जस्टिस शर्मा ने आगे कहा कि भारत और नेपाल के बीच आवाध सीमा है. दोनों देशों के नागरिक एक-दूसरे देश में बेरोकटोक जा सकते हैं.
इसी से जाहिर है कि दोनों देशों के बीच आपसी रिश्ता कितना पुराना और प्रगाढ़ है. इसके बाद भी सीमा पर कई प्रकार की समस्याएं देखी जा रही हैं. महिला एवं बाल तस्करी सबसे बड़ी समस्या है. इसके अलावा स्मगलर भी सीमा पर सक्रिय हैं. गाहे-बगाहे आतंकवाद जैसी घटना भी देखी जा सकती है. इन तमाम समस्याओं को सिर्फ एक देश द्वारा दूर किया जाना संभव नहीं है. सीमा पर किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को खत्म करने के लिए दोनों देशों को मिलकर काम करना बेहद जरूरी है. संवाददाता सम्मेलन को आइआइएलएस के चेयरमैन जयजीत चौधरी ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी में कल शनिवार से दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. इसमें भारत के अलावा नेपाल, भूटान तथा श्रीलंका के हाईकोर्ट के न्यायाधीश भी आ रहे हैं. उनकी योजना आने वाले दिनों में सार्क लॉ यूनिवर्सिटी स्थापित करने की है. अगर इस लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना होती है तो उसका कैम्पस सिलीगुड़ी में भी खोला जायेगा. इस सेमिनार के दौरान कानून से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चरचा की जायेगी. उन्होंने आगे कहा कि इस सेमिनार का उद्घाटन बांबे हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस मंजूला चेल्लूर करेंगी. समापन समारोह में कलकत्ता हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस निशिता महात्रे शिरकत करेंगी. दो दिवसीय इस सेमिनार में विभिन्न हाईकोर्ट के कई न्यायाधीश उपस्थित रहेंगे.
सिलीगुड़ी हमारे लिए घर जैसा- जस्टिस तासी ः नेपाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष अनुप राज शर्मा ने भले ही भारत के साथ थोड़ी-बहुत समस्या होने की बात कही हो, लेकिन भूटान हाईकोर्ट के जस्टिस गेमनो तासी ने भारत और भूटान के बीच संबंध प्रगाढ़ और सामान्य होने की बात कही है. सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में उन्होंने भी संवाददाताओं से बातचीत की. उन्होंने कहा कि भूटान को भारत के साथ किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है. उन्होंने तो अपने कानून की पढ़ाई ही भारत में की है. वह बेंगलूर में पांच वर्षों तक कानून की पढ़ाई पढ़े. उन्होंने सिलीगुड़ी की भी जमकर प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि भूटान के लोगों के लिए सिलीगुड़ी दूसरा घर जैसा है. भूटान के लोग नियमित रूप से सिलीगुड़ी आते रहते हैं.