इस साल एक अप्रैल से नया जीएसटी कानून पश्चिम बंगाल के साथ ही पूरे देश में लागू हो जायेगा. उससे पहले ही कारोबारियों को जीएसटी सिस्टम अपना लेना होगा. सिलीगुड़ी के अतिरिक्त वाणिज्य कर आयुक्त दीपक दासगुप्ता ने भी कारोबारियों को यथाशीघ्र नयी व्यवस्था को अपना लेने के लिए कहा है. सिलीगुड़ी मर्चेन्ट्स एसोसिएशन (एसएमए) के एक प्रतिनिधि मंडल ने बृहस्पतिवार को श्री दासगुप्ता से मुलाकात की और टैक्स के विभिन्न समस्याओं के साथ ही जीएसटी व्यवस्था को लेकर चरचा की. इसी दौरान श्री दासगुप्ता ने कहा कि सिलीगुड़ी के व्यवसायी जितनी जल्दी इस व्यवस्था को अपना लेते हैं, उनके लिए उतनी ही अधिक सुविधा होगी. वैट से जीएसटी में जाना कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है. वेबसाइट की मदद से व्यवसायी खुद ही वैट से जीएसटी व्यवस्था में पंजीकरण करा सकते हैं. उन्होंने एसएमए के अध्यक्ष गोपाल खोरिया तथा महासचिव गौरीशंकर गोयल से व्यवसायियों को इस बात के लिए प्रेरित करने की भी अपील की. उन्होंने आगे कहा कि यदि इस प्रक्रिया में व्यवसायियों को किसी तरह की कोई समस्या होती है, तो टैक्स विभाग के अधिकारी उनकी मदद के लिए तैयार हैं.
इसके साथ ही टैक्स को लेकर किसी भी प्रकार के विवाद को शीघ्र दूर करने के लिए श्री दासगुप्ता ने कारोबारियों को सेटलमेंट ऑफ डिसप्यूट योजना अपनाने के लिए कहा. इस संबंध में और अधिक जानकारी देते हुए एसएमए के अतिरिक्त सचिव कमल कुमार गोयल ने कहा कि वैट के तहत सिलीगुड़ी शहर में हरेक साल करीब 500 करोड़ रुपये का राजस्व सरकार वसूलती है. 11 हजार से भी अधिक व्यवसायी वैट में पंजीकृत हैं.
तमाम व्यवसायियों को 31 मार्च से पहले वैट छोड़कर जीएसटी को अपना लेना होगा. उन्होंने आगे कहा कि टैक्स अधिकारियों से मुलाकात के बाद वह अपने संगठन के सदस्य कारोबारियों को यथाशीघ्र वैट व्यवस्था से जीएसटी व्यवस्था में शामिल होने की अपील करेंगे. श्री गोयल ने आगे कहा कि वाणिज्य कर विभाग ने 25 मार्च के अंदर ही अग्रिम टैक्स भुगतान करने के लिए कहा है. अग्रिम टैक्स मुख्य रूप से 25 मार्च तक हुए कारोबार के आधार पर ही जमा कराये जाते हैं. इस बार टैक्स विभाग ने 25 मार्च से लेकर 31 मार्च तक हुए एक संभावित कारोबार को निर्धारित कर इन छह दिनों का अग्रिम टैक्स भी 25 मार्च तक जमा कराने के लिए कहा है. विभाग ने इस माध्यम से 600 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य रखा है.