मालदा महदीपुर एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव समीर घोष ने कहा है कि जिले में उत्पादित 60 से 70 प्रतिशत आम का निर्यात बांग्लादेश में होता था. इससे आम उत्पादकों एवं कारोबारियों को अच्छी आय होती थी. पिछले साल से ही निर्यात बंद है. बांग्लादेश ने मालदा से आम के निर्यात पर निषेधाज्ञा लगा दी है. केन्द्र सरकार को चाहिए था कि बांग्लादेश सरकार से बात कर समाधान की कोशिश करते. केन्द्र सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है. उन्होंने इस मामले में राज्य मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मदद की गुहार लगायी है.
श्री घोष ने कहा कि अब इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दी जायेगी और इस मुद्दे को केन्द्र सरकार के सामने उठाने का अनुरोध किया जायेगा. दूसरी तरफ बांग्लादेश के सोना मस्जिद बंदर निर्यात संगठन के सचिव हारूल रसीद का कहना है कि मालदा आम के उत्पादन में अधिक रासायनिक खाद के उपयोग से उनके देश की सरकार ने निर्यात पर पाबंदी लगा रखी है.
यही वजह है कि मांग होने के बाद भी वह लोग मालदा से आम नहीं मंगा पा रहे हैं. कुछ इसी तरह की बातें बांग्लादेश के शुल्क विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर मोहम्मद कमरूजमा ने भी कही है. इधर, मालदा मर्चेन्ट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सचिव उज्जवल साहा ने बताया है कि जिले में प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से 10 लाख लोग आम के उत्पादन से जुड़े हुए हैं. बांग्लादेश द्वारा निर्यात बंद होने से आम की कीमतों में काफी कमी आ गई है. इसके अलावा बांग्लादेश सरकार ने निर्यात शुल्क भी काफी बढ़ा दिया है. उन्होंने भी केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप कर इस समस्या के समाधान की मांग की.