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पंचायत सम्मेलन में ममता के भाषण पर भड़के तापस सरकार

सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति का आरोप, मुख्यमंत्री ने सभाधिपतियों व पंचायत सदस्यों को चोर बताया भत्ता बढ़ाने के नाम पर चटायी जा रही है ओस सिलीगुड़ी : पंचायत सम्मेलन में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान का सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति ने विरोध किया है. इस पंचायत सम्मेलन को राज्य सरकार का […]

सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति का आरोप, मुख्यमंत्री ने सभाधिपतियों व पंचायत सदस्यों को चोर बताया
भत्ता बढ़ाने के नाम पर चटायी जा रही है ओस
सिलीगुड़ी : पंचायत सम्मेलन में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान का सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति ने विरोध किया है. इस पंचायत सम्मेलन को राज्य सरकार का एक ढोंग बताकर सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति तापस सरकार ने मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लिया. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने सभी सभाधिपतियों व पंचायत सदस्यों को चोर घोषित किया है. उल्लेखनीय है कि राज्य के सभी माकपा सभाधिपतियों व पंचायत सदस्यों ने राज्य सरकार द्वारा आयोजित पंचायत सम्मेलन का बहिष्कार किया.
बीते शनिवार को ही राज्य सरकार द्वारा कोलकाता के नेताजी इनडोर स्टेडियम में दो दिवसीय पंचायत सम्मेलन का समापन हुआ है. सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति तापस सरकार के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने सभाधिपतियों सहित सभी पंचायत सदस्यों को चोर बताया है. ‘चोरी करके क्या कर करेगा’ यह कहकर मुख्यमंत्री सभाधिपति सहित सभी पंचायत सदस्यों का असम्मान व घोटालेबाजों को बढ़ावा दे रही हैं.
उन्होंने कहा कि महकमा परिषद व जिला परिषद के सभाधिपतियों व पंचायत सदस्यों को ओस चटाने भर का भत्ता बढ़ाकर मुख्यमंत्री प्यास मिटाने की बात कर रही हैं. यह बात सच है कि पिछली माकपा सरकार ने भत्ता आदि नहीं बढ़ाया, लेकिन माकपा की नीति के अनुसार यह सामाजिक कार्य है. मात्र डेढ़ हजार रुपये बढ़ाकर मुख्यमंत्री क्या साबित करना चाहती हैं?
एक सभाधिपति का दरजा राज्य के राज्यमंत्री के समान है. यदि मुख्यमंत्री कुछ करना चाहती हैं, तो एक राज्यमंत्री की तरह तमाम सुविधाएं मुहैया करायें. सभाधिपतियों का भत्ता बढ़ाने को लेकर तापस सरकार ने राज्य सरकार को हाल ही में एक पत्र लिखा था. श्री सरकार ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री द्वारा सभाधिपति सहित पंचायत सदस्यों को चोर कहकर संबोधित करने का हम विरोध करते हैं.
साथ ही एक राज्यमंत्री का दरजा मुहैया कराने को लेकर भी वे एक पत्र राज्य सरकार को लिखेंगे. उन्होंने कहा कि सभी माकपा सभाधिपति व पंचायत सदस्यों ने इस सम्मेलन का बहिष्कार किया. क्योंकि तृणमूल सरकार लोकतंत्र में विश्वास ना करके पंचायतों आदि में जबरन दखल की राजनीति को बढ़ावा देती है. मात्र एक श्रोता बनकर शामिल होने से अच्छा माकपाइयों ने इस सम्मेलन का बहिष्कार किया.

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