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सार्वजनिक स्थानों पर धड़ल्ले से सिगरेट पी रहे हैं लोग

सिलीगुड़ी. जिला प्रशासन ने सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर रोक तो गला दी है,लेकिन इसका कड़ाइ से पालन हो,इसके लिए कुछ नहीं किया.आलम यह है कि लोग खुलेआम हर फिक्र को धुएं में उड़ा रहे हैं. बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सरकारी व निजी अस्पताल, स्कूल, कॉलेज आदि के सामने धूम्रपान का खुलेआम नजारा […]

सिलीगुड़ी. जिला प्रशासन ने सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर रोक तो गला दी है,लेकिन इसका कड़ाइ से पालन हो,इसके लिए कुछ नहीं किया.आलम यह है कि लोग खुलेआम हर फिक्र को धुएं में उड़ा रहे हैं. बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सरकारी व निजी अस्पताल, स्कूल, कॉलेज आदि के सामने धूम्रपान का खुलेआम नजारा देखा जा सकता है.

ऐसा नहीं है कि सार्वजनिक स्थानों पर अनपढ़ और नासमझ लोग ही धूम्रपान करते हैं. वास्तविकता यह है कि गले में टाइ पहनने वाले लोग ज्यादा सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करते देखे जा सकते हैं. और तो और उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का हाल तो इस मामले में और भी बेहाल है. मेडिकल कॉलेज के इतने बड़े परिसर पर निगरानी रखना भी एक बड़ी समस्या है. ऐसे अस्पताल परिसर में निगरानी एवं सुरक्षा व्यवस्था के लिये सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध को लेकर केंद्रीय कानून पहले से ही है. पश्चिम बंगाल सरकार ने भी इस कानून पर नियमावली तैयार कर इसे लागू किया है. राज्य सरकार के नियमावली में सार्वजनिक स्थानों का दायरा भी बढ़ा दिया है. इसी वर्ष कुछ महीने पहले राज्य स्वास्थ विभाग ने सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध का सर्कुलर जारी किया. जिला प्रशासन को जागरूकता कार्यक्रम आदि कर आमलोगों को इसकी जानकारी देने की जिम्मेदारी दी गयी थी. इस सर्कुलर के जारी हुए तीन माह से अधिक हो चुका है, लेकिन सरकार के इस निर्देश का पालन होता नहीं दिख रहा है. सरकारी कार्यालयों, स्कूल-कॉलेज,बस स्टैंड, यात्री पड़ाव, रेलवे स्टेशन आदि के सामने लोगों को खुले आम धूम्रपान करते हुए देखा जा सकता है. सबसे बुरा हाल तो उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का है.
गौरतलब है कि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल परिसर काफी बड़ा है. मेडिकल कॉलेज के दोनों मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुंचते ही सड़क के दोनों किनारे चाय, पान, बीड़ी, सिगरेट की दुकानों पर लोगों को धूम्रपान करते देखा जा सकता है. यहां से मेडिकल कॉलेज परिसर में प्रवेश करने पर इमरजेंसी, मेडिसीन वार्ड, मेडिकल अधीक्षक, प्राध्यापक आदि के कार्यालय के सामने चाय पान, बीड़ी, सिगरेट के दुकान धड़ल्ले से चल रहे हैं. मजे की बात यह है कि अस्पताल परिसर में धूम्रपान करना निषेध है लेकिन इसकी बिक्री पर किसी भी प्रकार की निगरानी नहीं रखी जा रही है. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल परिसर के भीतर मरीजों के साथ आने वाले परिजन बिना किसी रोक-टोक के धूम्रपान करते हैं. इसके अतिरिक्त सिलीगुड़ी अदालत परिसर में भी इस नियम को लोग अंगूठा दिखा रहे हैं. सिलीगुड़ी अदालत परिसर में ही सिलीगुड़ी महकमा शासक कार्यालय, चुनाव कार्यालय आदि है.

लोगों को अपने विभिन्न कार्यों की वजह से सिलीगुड़ी अदालत परिसर का चक्कर लगाना पड़ता है. जहां कानून तोड़ने वालों को सजा दी जाती है, उसी अदालत परिसर में चाय, पान, बीड़ी, सिगरेट की दुकानें धड़ल्ले से चल रही है. अपने कार्य से आये लोगों, वकीलों, लॉ क्लर्कों आदि को बड़े ही ठाठ से धूम्रपान करते देखा जा सकता है. सुरक्षा कर्मी तैनात हैं लेकिन इस तरह कानून को धुंआ बनाकर उड़ाने वालों को टोकते तक नहीं. इस परिसर से दुकानें की भी कोइ पहल नहीं की गयी. सिगरेट के धुंए के साथ सरकारी निर्देशों को हवा में उड़ाने का नजारा सिलीगुड़ी कॉलेज, सिलीगुड़ी जिला अस्पताल, सरकारी विद्यालयों के साथ निजी अस्पताल व विद्यालयों के सामने भी देखा जा सकता है. सब कुछ आंखो के सामने होता देखकर भी जिला प्रशासन चुप है.

क्या कहते हैं मेडिकल अधीक्षक
इस संबंध में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के अधीक्षक निर्मल बेरा से बात करने पर उन्होंने कहा कि मेडिकल का इलाका काफी बड़ा है. यह बात सही है कि अस्पताल परिसर में चाय, पान के साथ बीड़ी और सिगरेट भी बेचा जा रहा है. इससे मरीजों पर असर के साथ वातावरण भी प्रदुषित होता है. इस पर निगरानी रखने के लिये कर्मचारियों की आवश्यकता है. वर्तमान में यहां कर्मचारियों की कमी है. श्री बेरा ने कहा कि धूम्रपान निषेध का निर्देश स्वास्थ विभाग की ओर से जारी किया गया है और हम इस काम को कर भी कर रहे हैं. मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने व परिसर में धूम्रपान करने वालों पर निगरानी रखने के लिये मेडिकल कॉलेज को सीसीटीवी में कैद किया जा रहा है. लगाने की प्रक्रिया जारी है. इसके अतिरिक्त मेडिकल परिसर में प्रवेश करने वालों की जांच करने के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी जायेगी. परिसर के भीतर चाय, पान आदि चलाने वाले दुकानदारों को भी आगाह किया जायेगा. ना मानने पर सख्त कदम उठाया जायेगा.
क्या कहना है प्रशासन का
इस संबंध में दार्जिलिंग के जिला शासक अनुराग श्रीवास्तव से संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया. सिलीगुड़ी के महकमा शासक हरिशंकर पणिक्कर से बात करने पर उन्होंने बताया कि सभी सरकारी कार्यालयों के अधिकारी, स्कूल-कॉलेज प्रबंधन व प्राध्यापक आदि को सरकारी निर्देश की जानकारी दे दी गयी थी. सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध के लिये सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के साथ एक नोडल टीम भी बनायी गयी है. इसके साथ सभी ब्लॉक में एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. नवंबर माह में होने वाली समीक्षा बैठक में इस पर चरचा होगी.
क्या है प्रावधान
सिलीगुड़ी के महकमा शासक से मिली जानकारी के अनुसार स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय, अस्पताल आदि के एक सौ मीटर के दायरे में सिगरेट, बीड़ी की दुकान नहीं लगायी जा सकती है. पकड़े जाने पर इन दुकानदारों के खिलाफ भी कार्यवायी की जायेगी. इसके अतिरिक्त परिसर के भीतर धूम्रपान करते पकड़े जाने पर प्रबंधन द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी 200 रूपये तक का जुर्माना कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि आम तौर पर सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना निषेध है. हवाइ अड्डा, बस पड़ाव, रेलवे स्टेशन, होटल आदि में धूम्रपान करने के लिये एक अलग कमरे की व्यवस्था रखनी होगी.

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