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विकास बोर्ड के गठन से गदगद हुए कामी समाज के लोग

मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद गोजमुमो पर तीखा हमला कहा, बेवजह हो रहा है विरोध सिलीगुड़ी : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वर्तमान दार्जिलिंग दौरे के दौरान तीन जनजातियों के लिए विकास बोर्ड बनाने की घोषणा का कामी समाज ने स्वागत किया है. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से इस समाज के लोगों को विकास की […]

मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद
गोजमुमो पर तीखा हमला
कहा, बेवजह हो रहा है विरोध
सिलीगुड़ी : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वर्तमान दार्जिलिंग दौरे के दौरान तीन जनजातियों के लिए विकास बोर्ड बनाने की घोषणा का कामी समाज ने स्वागत किया है. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से इस समाज के लोगों को विकास की उम्मीद बंधी है.
यहां उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में कामी, दमाई तथा सारकी जनजाति के लिए विकास बोर्ड बनाने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री इससे पहले भी तामांग, लेप्चा आदि जातियों के लिए विकास बोर्ड बना चुकी हैं. सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान विश्वकर्मा एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री के इस निर्णय का स्वागत किया है.
संगठन के अध्यक्ष विमल कुमार दियाली ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए विकास बोर्ड बनाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को धन्यवाद दिया है और कहा है कि आने वाले दिनों में कामी समाज के लोगों का भी विकास होगा. इस जाति के लोगों की अब तक उपेक्षा की जा रही थी. विकास बोर्ड के गठन से इस जाति के लोगों का आर्थिक, सामाजिक तथा शैक्षणिक विकास होगा.
इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने जिन जनजातियों के लिए विकास बोर्ड का गठन किया है उस जाति का भला हुआ है. लेप्चा तथा तामांग आदि जैसे विकास बोर्ड सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि सारकी विकास बोर्ड न केवल दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र, बल्कि तराई डुवार्स में बसे सारकी जनजाति के लोगों के लिए भी काम करेगा. उन्होंने इस मौके पर गोजमुमो तथा गोजमुमो नेता विनय तामांग पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि विनय तामांग ने कामी, दमाई तथा सारकी विकास बोर्ड के गठन की घोषणा के बाद जो बयान जारी किया, वह सही नहीं है. विनय तामांग ने इन तीनों जनजातियों के लिए बोर्ड गठन का ना केवल विरोध किया, बल्कि राज्य के तृणमूल सरकार पर जाति को बांटने तथा वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया.
श्री दियाली ने कहा कि विनय तामांग को बोर्डों के गठन का विरोध शुरू से ही करना चाहिए था. लेप्चा बोर्ड के गठन से इस प्रकार बोर्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई. तब विनय तामांग शांत बैठे हुए थे. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जीटीए के द्वारा विकास का कोई भी काम नहीं हो रहा है. संवाददाता सम्मेलन में संगठन के महासचिव दीपेश सिंह घतानी भी उपस्थित थे.

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