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मेखलीगंज से पांचवीं बार किस्मत आजमायेंगे परेश

सिलीगुड़ी: कूचबिहार जिले के भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित मेखलीगंज विधानसभा सीट एक बार फिर से राजनीतिक विश्लेषकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. वाम मोरचा के शरीक दलों में शुमार फारवार्ड ब्लॉक के परेश चन्द्र अधिकारी पांचवीं बार इस सीट से किस्मत आजमा रहे हैं. उनका यहां से चुनाव लड़ना इसलिए महत्वपूर्ण है कि […]

सिलीगुड़ी: कूचबिहार जिले के भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित मेखलीगंज विधानसभा सीट एक बार फिर से राजनीतिक विश्लेषकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. वाम मोरचा के शरीक दलों में शुमार फारवार्ड ब्लॉक के परेश चन्द्र अधिकारी पांचवीं बार इस सीट से किस्मत आजमा रहे हैं. उनका यहां से चुनाव लड़ना इसलिए महत्वपूर्ण है कि वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में परिवर्तन के लहर के बीच भी वह भारी मतों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे.
मेखलीगंज विधानसभा का खासियत यह है कि यह पूरी तरह से भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित है. बांग्लादेशी घुसपैठ यहां की मुख्य समस्याओं में एक है. यह विधानसभा सीट भले ही कूचबिहार जिले में पड़ता हो, लेकिन संसदीय सीट जलपाईगुड़ी है. इस विधानसभा का गठन मेखलीगंज नगरपालिका इलाका, मेखलीगंज ब्लॉक, हल्दीबाड़ी नगरपालिका तथा हल्दीबाड़ी ब्लॉक को लेकर किया गया है.

परेश चन्द्र अधिकारी इस सीट से पहली बार 1991 में चुवाव लड़े थे और विधानसभा में पहुंचने में सफल रहे थे. मेखलीगंज सीट शुरू से ही फारवर्ड ब्लॉक का गढ़ रहा है. वर्ष 1951 से लेकर वर्ष 2011 तक अधिकांश विधानसभा चुनाव में फारवार्ड ब्लॉक की ही जीत होती रही है. वर्ष 1951 एवं 1957 के चुनाव में यहां से कांग्रेस की जीत हुई थी. उसके बाद से यहां लगातार फारवार्ड ब्लॉक की जीत होती रही है. हालांकि बीच में एक बार फिर 1972 में कांग्रेस के मधुसूदन राय जीतने में कामयाब रहे थे. 1977 से लेकर 2011 तक इस सीट से लगातार फारवार्ड ब्लॉक की जीत हुई है.

चार बार तो परेश चन्द्र अधिकारी ही चुनाव जीत चुके हैं. 1991 के बाद वर्ष 2001, 2006 और 2011 में उनकी जीत हुई . इस सीट पर तीसरे चरण में 17 अप्रैल को मतदान होना है. वर्ष 2011 में हुए चुनाव में परेश चन्द्र अधिकारी ने कांग्रेस के जयंत कुमार राय को 32 हजार से भी अधिक मतों से हराया था.

जयंत कुमार राय उस समय तृणमूल कांग्रेस तथा कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार थे. परेश चन्द्र अधिकारी 72 हजार 40 मत लाने में कामयाब रहे थे, जबकि जयंत कुमार राय को मात्र 39 हजार 408 वोट से ही संतोष करना पड़ा था. परेश चन्द्र अधिकारी 48.67 प्रतिशत, जबकि जयंत कुमार राय 26.63 प्रतिशत मत पाने में ही कामयाब रहे. भाजपा की स्थिति यहां काफी खराब थी. पिछले चुनाव में भाजपा के सुभाष बर्मन मात्र तीन हजार 713 मत लेकर चौथे स्थान पर रहे थे और उनकी जमानत भी जब्त हो गई थी. फारवार्ड ब्लॉक के लिए इस सीट को काफी सुरक्षित माना जाता है. यही वजह है कि परेश चन्द्र अधिकारी के समर्थक एक बार फिर से उनकी जीत का दावा कर रहे हैं. परेश चन्द्र अधिकारी ने भी कहा है कि उनका मुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस के साथ है. उन्होंने आसानी से अपने चुनाव जीतने का दावा किया है. वाम मोरचा ने जब उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी, तब उसमें मेखलीगंज का नाम नहीं था. दूसरी सूची में इस सीट का नाम है और परेश अधिकारी एक बार फिर से उम्मीदवार बनाये गये हैं.

उनके समर्थन में कांग्रेस ने यहां से उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है. आने वाले विधानसभा चुनाव में परेश अधिकारी का मुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस के अर्घ्यराय प्रधान के साथ होगा. अर्घ्यराय प्रधान भी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं और तृणमूल कांग्रेस द्वारा उनके नाम की घोषणा के साथ ही वह चुनाव प्रचार में जुट गये हैं. शुक्रवार से वाम मोरचा उम्मीदवार परेश अधिकारी ने भी चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. जबकि भाजपा ने अभी तक इस सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. उम्मीदवार नहीं घोषित होने की वजह से भाजपा समर्थक निराश हैं और वह चुनाव प्रचार भी नहीं कर पा रहे हैं.

वर्ष 2011 का चुनाव परिणाम
परेश चन्द्र अधिकारी फारवार्ड ब्लॉक-72040 वोट
जयंत कुमार राय कांग्रेस- 3940 वोट
सुनील चन्द्र राय निर्दलीय- 23540 वोट
सुभाष बर्मन भाजपा-3713
ज्योतिष राय बसपा- 3359 वोट
प्रमिला राय एसयूसीआईसी- 2593 वोट
पुर्णेन्दु राय निर्दलय- 1474 वोट
रतन बर्मन आमरा बंगाली- 123 वोट

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