विभाजन किसी समस्या का समाधान नहीं है. उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग में विकास नहीं हुआ है. यहां बेरोजगारी है. परंतु विभाजन समस्या का समाधान नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार है. 2016 में बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत होगी. जब केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार हो जायेगी, तो पहाड़ विकास से खिल उठेगा. भाजपा के चुनावी घोषणापत्र से पीछे हटने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भाजपा के घोषणापत्र में गोरखालैंड के गठन का नहीं, बल्कि गोरखा आदिवासियों की समस्या का उल्लेख है.
इधर क्रामाकपा के केन्द्रीय प्रवक्ता गोविन्द छेत्री ने कहा कि हम शुरू से ही कहते आ रहे थे कि भाजपा गोरखालैंड की पक्षधर नहीं है, हमारी बातों को सुनने को कोई तैयार नहीं था. गोजमुमो ने गोरखालैंड के लिए समर्पित मतदाताओं का वोट दिलवाकर दो-दो बार भाजपा का सांसद बनवाया, अब उन्हें हकीकत पता चल गयी होगी. उन्होंने कहा कि यदि हम लोगों ने अपने इलाके के आदमी को यहां का सांसद बनाकर संसद में भेजा होता, तो आज स्थिति दूसरी होती. उन्होंने कहा कि अब गोजमुमो दिल्ली में भाजपा के खिलाफ रैली निकाले और सांसद सुरेन्द्र सिंह अहलुवालिया से इस विषय को संसद में उठाने को कहे. गोरखा लीग के केन्द्रीय उपाध्यक्ष लक्षुमान प्रधान ने भी कहा कि भाजपा गोरखालैंड की पक्षधर नहीं है. सन 2000 में जब केन्द्र में भाजपा की सरकार था, तब गोरखा लीग ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ भेंट करके गोरखालैंड की मांग की थी. तब श्री वाजपेयी ने राज्य की अनुमति के बगैर गोरखालैंड गठन के पक्ष में ना होने की बात कही थी. गोरामुमो के केन्द्रीय नेता एवं पूर्व विधायक एनवी छेत्री ने कहा कि गोजमुमो का शीर्ष नेतृत्व भाजपा के लॉलीपॉप में फंसा हुआ है. इसी लालच में उसने गोरखालैंड के लिए समर्पित मतदाताओं का वोट भी उसे बेच दिया. अब इसका नतीजा देखने को मिल रहा है. इसी संदर्भ में भाजपा के दार्जिलिंग जिला संयोजक मनोज देवान से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा के बयान पर हम लोग प्रदेश कमिटि में चर्चा करेंगे.