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और दो चाय बागान श्रमिकों की मौत
डिमडिमा और धरनीपुर चाय बागान की घटना जलपाईगुड़ी : फिर दो बंद चाय बागानों के दो चाय श्रमिकों की मौत हो गयी है. बुधवार को तड़के अलीपुरद्वार के वीरपाड़ा के डानकोना स्थित डिमडिमा चाय बागान में एक श्रमिक मंगला उरांव (35) की मृत्यु हो गयी. पिछले चार दिनों से वीरपाड़ा स्टेट जनरल अस्पताल में भरती […]
डिमडिमा और धरनीपुर चाय बागान की घटना
जलपाईगुड़ी : फिर दो बंद चाय बागानों के दो चाय श्रमिकों की मौत हो गयी है. बुधवार को तड़के अलीपुरद्वार के वीरपाड़ा के डानकोना स्थित डिमडिमा चाय बागान में एक श्रमिक मंगला उरांव (35) की मृत्यु हो गयी.
पिछले चार दिनों से वीरपाड़ा स्टेट जनरल अस्पताल में भरती मंगला उरांव की मृत्यु के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. मृत श्रमिक के पास पिछले कई महीनों से काम नहीं था, जिसकी वजह से वह आर्थिक संकट में चल रहा था और अपना समुचित इलाज नहीं करा पा रहा था. दूसरी तरफ डुवार्स के बानरहाट का धरनीपुर चाय बागान गत 2013 से बंद चल रहा है.
बीते साल सितंबर में राज्य सरकार ने बागान की लीज रद्द करते हुए जमीन दखल कर ली थी, लेकिन सरकार बागान को शुरू नहीं कर पायी. इसके चलते बागान के बेरोजगार श्रमिकों को नदी में पत्थर तोड़कर, आधा पेट खाकर दिन गुजारना पड़ रहा है. श्रमिक किसी तरह कुछ खाने का इंतजाम तो कर ले रहे हैं, लेकिन बीमार पड़ने पर इलाज कराने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे ही एक श्रमिक जमुना उरांव (60) की बुधवार सुबह इलाज न करा पाने की वजह से मृत्यु हो गयी. स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि जमुना उरांव काफी दिनों से अधिक उम्र के कारण अस्वस्थ चल रहा था और इसी वजह से उसकी मृत्यु हुई है.
लेकिन उसके पड़ोसियों का दावा है कि काम नहीं होने, हाथ में पैसा नहीं होने, ठीक से खा-पी नहीं पाने और इलाज नहीं करा पाने की वजह से उसकी मृत्यु हुई है. इस बीच कुछ चाय बागान श्रमिक संगठनों ने श्रमिकों के समर्थन में चाय बागान इलाके में बंद का एलान किया है.
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