सिलीगुड़ी के मेयर तथा पूर्व मंत्री अशोक भट्टाचार्य ने शुक्रवार को कुछ इसी अंदाज में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोला. वह शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने मुख्यमंत्री पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके डर से राज्य में किसी को मुंह खोलने की हिम्मत नहीं है.
स्थिति यह हो गई है कि सरकारी अधिकारी विरोधी नेताओं से बात करने तक से कतराते हैं. उनके साथ भी कई बार इस प्रकार का वाक्या हो चुका है. वह जब भी कोलकाता में सिलीगुड़ी नगर निगम के काम से किसी सरकारी अधिकारी से बातचीत करना चाहते हैं, तो वह अधिकारी बात नहीं करना चाहता. वास्तविकता यह है कि सरकारी अधिकारियों में भय का माहौल बना हुआ है. इससे बड़ी असहिष्णुता की बात भला और क्या होगी. एक अधिकारी ने उनसे बताया कि यदि वह उनसे मिलेंगे तो उनका तबादला कर दिया जायेगा. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र भी लिखेंगे. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि वह जनप्रतिनिधि हैं. सिलीगुड़ी के मेयर की हैसियत से वह शहर के विकास के लिए किसी भी मंत्री या अधिकारी से मिल ही सकते हैं. लेकिन राज्य सरकार इतनी असहिष्णु है कि वह चाह कर भी अधिकारियों या मंत्रियों से नहीं मिल सकते. मंत्री तो उन्हें मिलने का वक्त ही नहीं देते. जबकि अधिकारी तबादले की डर से बातचीत करने से कतराते हैं. पूरे राज्य में इसी तरह का माहौल बना हुआ है. राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं एवं समर्थकों के सामने किसी की नहीं चलती. सभी लोग डरे-सहमे से रहते हैं. विरोधियों के साथ मारपीट की घटनाएं आम है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि वह बीस वर्षों तक राज्य के मंत्री रहे. तब उन्होंने ऐसा कभी नहीं किया था. आज जो लोग मंत्री बने हुए हैं वह लोग उस समय कहीं के मेयर अथवा काउंसिलर हुआ करते थे. जब वह लोग किसी काम के लिए उनके पास आते थे, तो वह न केवल उनके साथ बातचीत करते थे, बल्कि काम भी करते थे. अब स्थिति पूरी तरह से उल्टा हो गया है.