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शरणार्थी शिविरों की संख्या बढ़ाने पर विचार

सिलीगुड़ी: असम के कोकराझार तथा सोनितपुर जिले में बोडो उग्रवादियों के हमले की घटना के बाद पश्चिम बंगाल के कुमारग्राम में आदिवासी शरणार्थियों के आने का काम बदस्तूर जारी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को विभिन्न शरणार्थी शिविरों का दौरा किया था और शरणार्थियों को राज्य सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन […]

सिलीगुड़ी: असम के कोकराझार तथा सोनितपुर जिले में बोडो उग्रवादियों के हमले की घटना के बाद पश्चिम बंगाल के कुमारग्राम में आदिवासी शरणार्थियों के आने का काम बदस्तूर जारी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को विभिन्न शरणार्थी शिविरों का दौरा किया था और शरणार्थियों को राज्य सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. कुमारग्राम में अभी चार शरणार्थी शिविर चल रहे हैं.

इन शरणार्थी शिविरों में करीब 12 सौ से भी अधिक शरणार्थी पनाह लिये हुए हैं. राज्य सरकार ने स्थानीय प्रशासन तथा पंचायतों के साथ मिल कर इन शरणार्थियों के खाने-पीने की व्यवस्था की है. लेकिन इन शिविरों में शरणार्थियों का आना नहीं रुक रहा है. रविवार के दिन भी असम से काफी संख्या में शरणार्थी इन शिविरों में आये हैं. इसको देखते हुए राज्य सरकार शरणार्थी शिविरों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रही है. शरणार्थियों के बढ़ते तादाद को देख कर उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव ने अलीपुरद्वार में एक रिव्यू मीटिंग की. इस बैठक में अलीपुरद्वार के साथ-साथ जलपाईगुड़ी जिले के भी वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे.

इस संबंध में मंत्री गौतम देव ने बताया है कि अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद शरणार्थियों को हर तरह की सहायता सरकार की ओर से उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं. इतना ही नहीं, हर दिन ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शरणार्थी समस्या तथा उनको दी जा रही सुविधाओं पर रिपोर्ट भेजी जा रही है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जब शरणार्थी शिविरों का दौरा करने आयी थी, तब ही उन्होंने हर दिन रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया था. मंत्री गौतम देव ने असम नरसंहार की घटना को हृदय विदारक बताते हुए कहा कि 14 दिन के नवजात शिशु भी शरणार्थी शिविर में शरण लिये हुए हैं. कई बच्चे तो ऐसे हैं जिनके माता-पिता का ही पता नहीं चल सका है. शरणार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शिविरों की संख्या बढ़ाकर पांच कर दी गयी है. आने वाले दिनों में शरणार्थियों की संख्या को देखते हुए शिविरों की संख्या और अधिक बढ़ायी जायेगी. असम से जो भी आदिवासी शरणार्थी पश्चिम बंगाल सीमा में प्रवेश कर रहे हैं उन्हें किसी भी तरह से नहीं रोकने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है. शरणार्थियों के लिए तत्काल गरम कपड़े की जरूरत थी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गरम कपड़े उपलब्ध करा दिये हैं. शरणार्थी समस्या पर नजर रखने के लिए एक मोनिटरिंग कमेटी का भी गठन किया गया है. इसमें जिला परिषद के प्रमुख के साथ-साथ स्थानीय सांसद और संबंधित ब्लॉक के बीडीओ शामिल हैं. यह सभी लोग पूरी स्थिति पर नजर रखेंगे.

शरणार्थियों को अधिक से अधिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए राहत सामग्री इकट्ठा करने का काम भी जारी है. आने वाले दिनों में और भी अधिक राहत सामग्री जमा करने के प्रयास किये जा रहे हैं.

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