मालदा : पिछले सप्ताह से ही जलस्तर बढ़ने से गंगा और फुलहार नदियों में आयी बाढ़ की चपेट में मालदा जिले के 30 गांवों के लगभग 50 हजार लोग संकट में हैं. इस बाढ़ में मानिकचक, कालियाचक तीन नंबर, रतुआ एक नंबर, हरिश्चंद्रपुर दो नंबर ब्लॉक बाढ़ग्रस्त हैं. जिला प्रशासन ने दावा किया है कि बाढ़ग्रस्त लोगों के लिये राहत सहायता दी जा रही है.
हालांकि प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि कहीं भी सरकारी सहायता नजर नहीं आ रही है. वहीं, बहुत से लोग अपनी जमीन और घर एवं मवेशियों को छोड़कर अन्यत्र जाना नहीं चाहते हैं. जिला प्रशासन के सूत्र ने बताया कि प्रभावित लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाने का प्रयास हो रहा है.
मेडिकल कैम्प खोले गये हैं. वहीं, सिंचाई विभाग के मालदा के कार्यकारी इंजीनियर प्रणव कुमार सामंत ने बताया कि गंगा और फुलहार के अलावा महानंदा का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है. गंगा के लिये लाल चेतावनी जारी कर दी गयी है जबकि फुलहार के लिये पीला संकेत जारी किया गया है. गंगा खतरे के निशान से 24 सेंटीमीटर उपर बह रही है. बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल में भारी बारिश के चलते गंगा और फुलहार का जलस्तर बढ़ा है.
जिलाधिकारी कौशिक भट्टाचार्य ने बताया कि कालियाचक तीन नंबर ब्लॉक के राजनगर, परलालपुर, चौधरीपाड़ा के पारदेवनापुर, शोभापुर समेत 10 गांव गंगा नदी की बाढ़ की चपेट में हैं. वहीं, मानिकचक ब्लॉक अंतर्गत रामनगर, नूरपुर, बालुटोला, नारायणपुर समेत 12 गांव बाढ़ग्रस्त हैं.
रतुआ एक नंबर ब्लॉक के महानंदाटोला, बिलाईमारी सहित पांच गांव में फुलहार नदी का पानी घुस गया है. इसके अलावा हरिश्चंद्रपुर दो नंबर ब्लॉक अंतर्गत उत्तर व दक्षिण ढाकुरिया, कौवाडोल, सुलतानगंज सहित सात गांव बाढ़ में डूब गये हैं. हजारों लोगों ने अपने घर छोड़कर विभिन्न जगह पर आश्रय लिये हुए हैं. हालांकि कई इलाकों के लोग अपनी जमीन को छोड़ना नहीं चाह रहे हैं. किसी तरह मचान बनाकर रह रहे हैं. मानिकचक ब्लॉक के नूरपुर गांव के निवासी सज्जाद शेख, रहीमा बीबी और ताजकेरा बीबी ने बताया कि बाढ़ में खेती की जमीन और घर डूब गये हैं.
छोटी सी नाव में किसी तरह रह रहे हैं. यहां का एकमात्र स्कूल भी डूब गया है. प्रशासन से किसी तरह की मदद नहीं मिली है. बेहद तकलीफ के साथ दिन-रात गुजार रहे हैं. पीने का पानी और भोजन की भारी दिक्कत है. पंचायत प्रधान पहुंचे थे उन्हें सारी जानकारी दी गयी है. वहीं, कालियाचक तीन नंबर ब्लॉक के पारदेवनापुर के निवासियों ने बताया कि गंगा के बांध का एक हिस्सा टूट गया है जिससे 2500 घर बाढ़ में डूब गये हैं. अभी तक राहत नहीं मिली है. सैकड़ों लोग एक स्कूल में किसी तरह माल-मवेशी की तरह रह रहे हैं.