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भूटान के बोल्डर लदे ट्रक भारत होते भेजे जा रहे बांग्लादेश

सिलीगुड़ी : बिना कोई राजस्व भूटान के बोल्डर लदे ट्रक भारत होते हुए बांग्लादेश भेजे जा रहे हैं. इस कारण भारत के बोल्डर निर्यातकों को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.इस मुद्दे को लेकर फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन ने आंदोलन की चेतावनी दी है. ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन का आरोप है कि […]

सिलीगुड़ी : बिना कोई राजस्व भूटान के बोल्डर लदे ट्रक भारत होते हुए बांग्लादेश भेजे जा रहे हैं. इस कारण भारत के बोल्डर निर्यातकों को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.इस मुद्दे को लेकर फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन ने आंदोलन की चेतावनी दी है. ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन का आरोप है कि भूटान के ट्रकों को सीमा पर कोई राजस्व चुकाना नहीं पड़ता है. इसका फायदा उठाकर वे कम दाम पर बांग्लादेश में बोल्डर भेजते हैं. इस काम में फूलबारी इलाके के कुछ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की भी मिलीभगत है.

फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन के संयुक्त सचिव राजू दास ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि उनके एसोसिएशन के साथ 1600 बोल्डर कारोबारी जुड़े हुए हैं. बोल्डरों के निर्यात पर ही उनके परिवार की रोजी-रोटी निर्भर है. उन्होंने कहा कि वे कई वर्षों से फूलबारी सीमा से बांग्लादेश में बोल्डर का निर्यात करने का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि इस काम से राज्य व केन्द्र सरकार दोनों को ही राजस्व के रूप में लाभ पहुंचता है.
राजू दास ने आरोप लगाते हुए कहा कि भूटान नंबर के कुछ ट्रक जयगांव व आसपास की नदियों से गैरकानूनी तरीके से बोल्डर उठाकर बांग्लादेश में बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये सभी भूटान के ट्रक बोल्डर की ओवरलोडिंग करके बांग्लादेश भेजते हैं. लाते है. इसके अला सीमा पर उन्हे कोई राजस्व कर चुकाना नहीं पड़ता है. यही कारण है कि कम दामों में बोल्डर बेचकर ज्यदा मुनाफा कमा रहे हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि इस गैरकानूनी धंधे में फूलबारी इलाके के प्रभावशाली तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेता भूटान के बोल्डर कारोबारियों की मदद कर रहे हैं. श्री दास के अनुसार फूलबारी पंचायत समिति के सदस्य अब्दुल खालेक तथा मुस्तफा भूटान के ट्रकों से पैसा लेकर सीमा पार करवाने में उनकी मदद करते हैं. जिस वजह से पिछले डेढ़ दो महीने से उनका व्यापार मंदा चल रहा है.
उन्होंने बताया कि भारतीय ट्रकों को रोड टैक्स, फिटनेस टैक्स व नदियों से बोल्डर उठाने के लिए रॉयल्टी देनी पड़ती है. लेकिन बांग्लादेश में बोल्डर का उचित दाम नहीं मिलने के चलते ट्रक मालिक अपनी गाड़ी की किश्त तक समय पर नहीं चुका पा रहे हैं. यहां तक कि भारतीय ट्रक मालिकों को अपने चालकों को वेतन देने में समस्या हो रही है. उन्होंने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार तृणमूल कांग्रेस के उच्च पदस्थ नेताओं को अवगत कराया गया था.
थाने में भी शिकायत दर्ज कराई गई थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. उन्होंने बताया कि ट्रक मालिक, चालक व इस पेशे से जुड़े लोगों को होने वाली समस्या को लेकर वे चुप बैठने वालों में से नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर प्रशासन को फिर से अवगत कराया जायेगा. अगर तीन दिनों के अंदर प्रशासन की ओर से कोई रास्ता नहीं निकाला गया तो वे वृहद आंदोलन किया जायेगा.
रुपये लेने का आरोप बेबुनियाद : अब्दुल खालेक
दूसरी ओर इस बारे में फूलबारी पंचायत समिति सदस्य व स्थानीय तृणमूल नेता अब्दुल खालेक से पूछने पर उन्होंने अपने उपर लगाये जा रहे आरोप को बेबुनियाद करार दिया. उन्होंने कहा कि वे भूटान नंबर के किसी भी ट्रक को सीमा पार करवाने के लिए पैसा नहीं लेते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 6 वर्षों से भारतीय ट्रक चालक यहां की नदियों से बोल्डर उठाकर बांग्लादेश भेज रहे है.
धीरे धीरे करके भारतीय बोल्डर की गुणवत्ता कम होती जा रही है. जिस वजह से भारत के बोल्डर का बांग्लादेश में दाम नहीं मिल रहा है. इसके अलावा ट्रकों से पैसा वसूली मुद्दे पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि भून की गाड़ियों से सीएनएफ के जरिये केवल कागजात तैयार करने में लगे खर्च का पैसा लिया जाता है.

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