जीटीए के नाम पर ममता सेंक रहीं राजनीतिक रोटी
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मोदी हैं तो ‘गोर्खालैंड’ भी मुमकिन है : राजू बिष्ट
जीटीए के नाम पर ममता सेंक रहीं राजनीतिक रोटी सिलीगुड़ी :मोदी हैं तो ‘गोर्खालैंड’ भी मुमकिन है. बस धैर्य बरतने की जरूरत है. यह कहना है दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद राजू बिष्ट का. वे मंगलवार को सिलीगुड़ी के एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों से बात कर रहे थे. श्री […]
सिलीगुड़ी :मोदी हैं तो ‘गोर्खालैंड’ भी मुमकिन है. बस धैर्य बरतने की जरूरत है. यह कहना है दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद राजू बिष्ट का. वे मंगलवार को सिलीगुड़ी के एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों से बात कर रहे थे.
श्री बिष्ट ने कहा कि केवल देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया ने ही जो कभी सोचा तक नहीं था, मोदी सरकार में वह एक के बाद एक होता चला गया. अंतरिक्ष पर भारत की धाक जमाने की बात हो या फिर पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और अब आजादी के 72 साल बाद जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाना. सब्र करें सब होगा. पहाड़ के सबसे बड़ा मुद्दे गोर्खालैंड का राजनैतिक समाधान भी होगा. दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र के गोर्खाओं को उनका अधिकार भी मिलेगा.
श्री बिष्ट ने दावे के साथ कहा कि गोर्खालैंड टेरिटोरियल एडमिनेस्ट्रेशन (जीटीए) पूरी तरह असंवैधानिक है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जीटीए के नाम पर राजनैतिक रोटी सेंक रही हैं. पहाड़वासी गोर्खाओं को जीटीए के नाम पर धोखा दे रही है. आठ वर्ष बाद भी चुनाव नहीं हो पाया है. असल में ममता पहाड़ पर चुनाव कराने से डर रही है. यहीं वजह है कि पहाड़ पर अभी तक जीटीए के आड़ में ममता सरकार के ही कार्यकर्ता काम कर रहे हैं और विकास के नाम पर अपना पॉकेट भर रहे हैं. भाजपा ने चुनाव में पहाड़ से लेकर समतल तक जो भी विकास कार्य करने का वादा किया था एक-एक कर सब पूरा होगा.
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