ग्रामीण अस्पताल में परिजनों के प्रतिवाद के बाद थाना में दर्ज करायी गयी शिकायत
परिजनों ने चिकित्सक पर लगाया बदसलूकी का आरोप
मयनागुड़ी :तमाम दावों के बावजूद उत्तर बंगाल के अस्पतालों में चिकित्सकीय सेवा में सुधार नहीं हो रहा है. आये दिन मरीजों की संदिग्ध हालात में मौत की घटनायें घट रही है. इसी तरह की एक घटना में मयनागुड़ी ग्रामीण अस्पताल में एक मरीज की मौत को लेकर परिजनों ने जमकर प्रतिवाद किया.
सोमवार को करीब दो घंटे तक अस्पताल परिसर में यह विरोध प्रदर्शन चला जिसके बाद घटनास्थल पर आयी पुलिस ने हालात को नियंत्रित किया. मृत टोटो चालक बादल दास (40) के परिवारवालों ने मयनागुड़ी थाने में इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर शिकायत दर्ज करायी है. उल्लेखनीय है कि बादल दास को आज सुबह 10 बजे सीने में तेज दर्द के बाद पड़ोसी बकुल दास ने बादल को अस्पताल पहुंचाया.
कर्तव्यरत चिकित्सक ने उन्हें एक इंजेक्शन देने के अलावा एक फाइल दवा दी. आरोप है कि मरीज को पर्यवेक्षण में रखे बिना ही मरीज को छुट्टी दे दी गयी. उसके बाद मरीज को घर ले जाया गया लेकिन कुछ देर बाद फिर उनके सीने में तेज दर्द शुरु हो गया जिसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सकों ने कुछ देर बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया. इसके बाद ही इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर मरीज के परिजनों ने विरोध जताना शुरु किया.
मरीज के परिजनों ने संबंधित चिकित्सक की गिरफ्तारी की मांग की है. इसके बाद मयनागुड़ी थाना के आईसी तमाल दास और जलपाईगुड़ी के डीएसपी (क्राइम) मनोरंजन घोष विशाल पुलिस बल के साथ अस्पताल पहुंचे. उन्होंने कानूनी कार्रवाई के लिये आश्वासन दिया जिसके बाद विरोध समाप्त हुआ. दोपहर पौने एक बजे के करीब शव को अस्पताल से अंत्यपरीक्षण के लिये जलपाईगुड़ी मॉर्ग भेजा गया.
बकुल दास और बादल दास के चाचा सुभाष दास ने बताया कि पहली बार जब मरीज को अस्पताल लाया गया तब चिकित्सक डॉ. राजीव विशाल ने मरीज की ठीक से जांच किये बिना ही एक इंजेक्शन देने के बाद एसिडिटी की एक लिक्विड फाइल दी. उसके बाद उन्हें छुट्टी दे दी गयी. लेकिन घर ले जाने के बाद फिर उनके सीने में दर्द शुरु हो गया.
उसके बाद उन्हें 11 बजे अस्पताल लाया गया. उस समय कर्तव्यरत चिकित्सक ने मरीज के परिजनों का धमकाने के बाद उन्हें अस्पताल से बाहर जाने के लिये कहा. उसके बाद ही बादल दास को मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद डॉ. राजीव विशाल चंपत हो गये. जिले के एसपी अभिषेक मोदी ने बताया कि जानकारी मिलने पर घटनास्थल पर स्थानीय और जिला पुलिस अधिकारियों को भेजा गया. हालात पर नजर रखी जा रही है.
सुभाष दास का कहना है कि मरीज को इस तरह नहीं छोड़कर उन्हें पर्यवेक्षण में रखना चाहिये था. उनका सवाल है कि ऐसा क्यों नहीं किया गया. परिवारवालों का कहना है कि मानवता के आधार पर घटना की सही जांच की जाये. अगर कोई दोषी साबित होता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाये.
उधर, अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ. अनूप सरकार ने बताया कि मरीज के सीने में दर्द था. उन्हें इंजेक्शन और दवा दी गयी थी. दूसरी बार अस्पताल आने के बाद उनकी मौत हो गयी. मयनागुड़ी के बीएमओ डॉ. लकी दिवान ने बताया कि वे दो दिनों के अवकाश पर हैं. उन्होंने घटना के बारे में सुना है. इंजेक्शन देने के बाद मरीज के लोग उन्हें बिना बताये ही उन्हें लेकर चले गये थे.
उधर, भाजपा के ब्लॉक महासचिव संजीव वर्द्धन ने बताया कि घटना की जांच होनी चाहिये. इसमें जिसकी भी गलती मिले उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिये. तृणमूल के स्थानीय पंचायत समिति के सदस्य मितु चक्रवर्ती ने बताया कि कोई भी मृत्यु दुखद है. इलाके में अशांति का वातावरण है. प्रशासन घटना की जांच कराये. दोषी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिये.