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तेंदुए का शिकार हुआ एक किशोर, आक्रोश

क्षत-विक्षत शव को लेकर स्थानीय लोगों ने किया सड़क अवरोध घटनास्थल पर पहुंचे बीडीओ और एसडीओ आंदोलनकारी डीएफओ के आने के लिए दे रहे थे जोर वीरपाड़ा : एक बार फिर एक किशोर तेंदुए का शिकार हो गया. मंगलवार को परिवार के लोगों ने रामझोड़ा चाय बागान और तुलसीपाड़ा चाय बागान की सीमा पर तुलसीपाड़ा […]

क्षत-विक्षत शव को लेकर स्थानीय लोगों ने किया सड़क अवरोध

घटनास्थल पर पहुंचे बीडीओ और एसडीओ
आंदोलनकारी डीएफओ के आने के लिए दे रहे थे जोर
वीरपाड़ा : एक बार फिर एक किशोर तेंदुए का शिकार हो गया. मंगलवार को परिवार के लोगों ने रामझोड़ा चाय बागान और तुलसीपाड़ा चाय बागान की सीमा पर तुलसीपाड़ा चाय बागान के 19 नंबर सेक्शन में रमण तिवारी (16) का क्षत-विक्षत शव बरामद किया. इस घटना के बाद से इलाके में सनसनी है.
घटना के बाद आक्रोशित स्थानीय लोगों ने शव के साथ सड़क अवरोध कर विरोध जताया. आंदोलनकारी वन विभाग के डीएफओ को घटनास्थल पर आने की मांग पर अड़े हुए थे. खबर लिखे जाने तक अवरोध जारी था. उन्होंने शव को ले जाने नहीं दिया था. इस बारे में डीएफओ कुमार विमल ने बताया है कि शव की फॉरेंसिक जांच की जायेगी.
अगर यह साबित होता है कि किशोर की मौत तेंदुए के हमले में हुई है तो उसके परिवारवालों को सरकारी निर्धारित क्षतिपूर्ति दी जायेगी. उल्लेखनीय है कि 13 अक्टूबर 2018 को धुम्सीपाड़ा चाय बागान में छात्रा आकृति छेत्री के अलावा 12 दिसंबर को धुम्सीपाड़ा चाय बागान के छात्र इडेन नायक, 23 दिसंबर को रामझोड़ा चाय बागान के छात्र अनिकेत उरांव और इस साल 15 जनवरी को गरगंडा चाय बागान की बालिका प्रमिता उरांव की मौत तेंदुए के हमले में हो गयी थी. उसके बाद आज रमण कुमार तिवारी की मौत होने से क्षेत्र में दहशत छायी हुई है.
जानकारी अनुसार रमण तिवारी वीरपाड़ा ब्लॉक के रामझोड़ा चाय बागान का निवासी था. वह रामझोड़ा हाई स्कूल में आठवीं कक्षा का छात्र था. पारिवारिक सूत्र के अनुसार बीते रविवार की सुबह मण नदी में नहाने के बाद दूसरों के घर में दूध देकर घर लौटने के दौरान लापता हो गया था. उसके बाद उसकी काफी खोजबीन की गयी लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. उसके बाद ही परिवारवालों ने वीरपाड़ा थाने में मिसिंग डायरी दर्ज करायी थी. उल्लेखनीय है कि इन दिनों तेंदुए के हमले में कई बच्चों की मौत के बाद से डुआर्स के निवासियों में चिंता व्याप्त है.
आंदोलनकारी लोग डीएफओ के घटनास्थल पर आने के अलावा चाय बागान क्षेत्र में वनकर्मियों का स्थायी कैम्प के जरिये सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने की मांग कर रहे थे. समाजसेवी प्रकाश शर्मा और नवीन शर्मा ने कहा कि हम लोगों ने बार बार लंकापाड़ा रेंज और दलगांव रेंज से तेंदुओं के हमलों की रोकथाम के लिये कदम उठाने की मांग की है. लेकिन हर बार उनकी मांग अनसुनी की गयी है. आज तक ये दोनों रेंज इस इलाके की जिम्मेदारी को लेकर एक दूसरे के मत्थे डाल रहे थे.
अब यह तय होना चाहिये कि यह क्षेत्र किस रेंज अंतर्गत पड़ता है. इसके अलावा डीएफओ जब तक यहां आकर इन सारी बातों को लेकर स्पष्टीकरण नहीं देते हैं तब तक हम लोग शव को नहीं ले जाने देंगे. वहीं, समाजसेवी दर्पण सुब्बा ने कहा कि तेंदुओं के हमलों की रोकथाम के लिये वन विभाग को सुनियोजित कार्यक्रम बनाना होगा. गौरतलब है कि हमले के बाद से चाय बागान के श्रमिक दहशत में हैं.
उधर, रमण तिवारी की मां आरती तिवारी ने कहा कि क्या इस तरह से हम लोग जंगली पशुओं का आहार बनने के लिये बने हैं. इस घटना की जिम्मेदारी प्रशासन को लेना होगा और जरूरी उपाय करने होंगे. ताकि और किसी मां की गोद सूनी न हो.

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