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बागान के नाले में गिरकर हाथी शावक की मौत

नागराकाटा : पांच फुट गहरे नाले में गिरकर एक दो वर्षीय हाथी शावक की मौत हो गयी. यह घटना नागराकाटा ब्लॉक स्थित बंद धरनीपुर चाय बागान में बुधवार रात की है. वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, हाथी शावक अन्य तीन हाथियों के साथ डायना जंगल से निकलकर चाय बागान के 24 नंबर सेक्शन […]

नागराकाटा : पांच फुट गहरे नाले में गिरकर एक दो वर्षीय हाथी शावक की मौत हो गयी. यह घटना नागराकाटा ब्लॉक स्थित बंद धरनीपुर चाय बागान में बुधवार रात की है. वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, हाथी शावक अन्य तीन हाथियों के साथ डायना जंगल से निकलकर चाय बागान के 24 नंबर सेक्शन में प्रवेश किया.

उसी समय हाथी शावक चाय बागान में पहले से खुदाई किये गये नाले में गिर गया. रात भर शावक को उसकी मां और अन्य दो हाथियों ने नाला से निकालने का प्रयास किया परंतु सफल नहीं हो सके. अंत में शावक की मौत हो गयी. जहां से शावक शव बरामद किया गया. उस रास्ते से हाथी आवाजाही करते हैं.

स्थानीय निवासियों ने बताया की रात करीब 11 बजे शावक नाला में गिरा. उसके बाद तीन हाथी ने शावक को नाला से निकालने का बहुत प्रयास किया. खुनिया रेंज को घटना की जानकारी मिलने के बाद उसी रात वनकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे. लेकिन हाथियों को देख वनकर्मी शावक को बचाने के लिए घटनास्थल पर नहीं पहुंच सके. अन्य हाथी नाले में गिरे शावक को बचाने के लिए सूंड़ से खींचतान करने के कारण शावक की सूंड़ चोटिल हो गयी. रात को एक बजे मां हाथी ने शावक को बचाने के लिए गड्ढ़ा भरने के लिए अपने पैर से मिट्टी डालना शुरू किया.

जहां शावक मरा है वह स्थान धरनीपर कालीखोला लाईन है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग 31 के निकट स्थित है. उसी गांव के एक श्रमिक सूरज सौथाल ने बताया कि हम पूरे रात रास्ते के ऊपर बैठे हुए थे. तीन हाथियों ने शावक को बचाने के लिए काफी प्रयास किया, लेकिन बचा नहीं सका. उस दौरान शावक को बचाने के लिए हिम्मत जुटाकर पास जाने का प्रयास करने पर हाथियों ने हमें निकट जाने नहीं दिया.

वहीं एक अन्य श्रमिक कैलू राम ने कहा कि हाथी सड़क किनारे स्थित बांस खाने के लिए आए थे. प्रतिदिन वहां हाथी आते हैं. हाथियों ने रात भर शावक को निकालने का प्रयास किया. इसके बाद सुबह को सभी हाथी जंगल में प्रवेश कर गया.खूनिया रेंज वन्य प्राणी विभाग के रेंजर राजुकमार लायक ने कहा कि शावक के नाले में गिर जाने के बाद अन्य हाथी उसे निकलने का प्रयास किया.

इसी दौरान शावक के शरीर पर अन्य हाथियों का भार पड़ने कारण से चोट लगने का अुनमान है. उसके अलावा मां हाथी नाले को भरने के लिए जो मिट्टी गड्ढ़े में डाली, जिससे शावक की स्थिति खराब हो गयी.

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